
कोरोना संक्रमण का कहर तेजी के साथ फैलने लगा है और उससे भी तेजी के साथ लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे है, ऐसे में जरूरत हैं सतर्कता के साथ समझदारी से काम लेने की. कोरोना के लक्षण दिखने पर सेल्फ आइसोलेशन में रहना ही बेहतर विकल्प है. घर में सुरक्षित रहें और जब तक वैद्यकीय सलाह की जरूरत न हो तब तक किसी भी कारण से बाहर न निकलें. और अगर आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाते है तो भी बिना घबराए खुद को आइसोलेट कर लें और डॉक्टर की सलाह की मदद से काम करें।
आइसोलेशन पीरियड की अवधि-
आइसोलेशन पीरियड कम से कम 14 दिनों के लिए होना चाहिए तो वहीं इस बीच घर के बाकी सदस्यों से दूरी बना कर रखे और सोशल नेटवर्क के जरिए ही अपने परिवार के लोगों और दोस्तो के संपर्क में रहे. आइसोलेशन पीरियड के दौरान अपने दीमाग को चुस्त रखना बेहद जरूरी हो जाता है ताकी आप आइसोलेशन के कठीन परिस्तिथि में डिप्रेशन जैसी की मानसिक समस्या का शिकार ना हो जाए, अक्सर अकेले में व्यक्ति की संकलप शक्ति कमजोर होने लगती है और बिमार व्यक्ति के मन में नाकारात्मक खयाल घर करने लगते हैं जिससे बचने के लिए आप खुद को आइसोलेशन पीरियड के दौरान साकारात्मक ऊर्जा की तरफ ध्यान दें, आप किताबे पढ़ कर खुद को व्यस्त रख सकते हैं या फिर आप सोशल नेटवर्क के जरिये आप दोस्तो के साथ प्रेरक उद्धरण यानि मोटिवेशनल कोट्स भी शेयर कर सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा खुस रहने की कोशिश करें, अपना ध्यान साकारात्मक चीजों की तरफ लगाए साथ ही आप सांस से जुड़ी योग मुद्राए भी कर सकते हैं, इन से आपकी सेहत में तेजी के साथ सुधार आने की संभावना बढ़ जाती हैं।
आइसोलेशन के लिए कैसे चुने कमरा-
कोरोना के कारण घर पर ही आइसोलेशन का सुझाव दिया जा रहा हैं, कोरोना के लक्षण दिखने पर लोगों को घर पर ही क्वारंटाइन होने की सलाह दी जा रही हैं, साथ ही बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान आप डॉक्टर से फोन पर वीडियो कॉल के जरिये सलाह ले सकते हैं. पर 14 दिन का आइसोलेशन व्यक्ति के लिए काफी मुश्किल समय होता हैं ऐसे में घर की कोई ऐसी जगह या कमरा चुनें जहां वेंटिलेशन के लिए खुली खिड़कियां हों. दवाई, खाना या ग्रॉसरी आइटम्स की डिलीवरी के वक्त लोगों के साथ फेस टू फेस संपर्क में आए बिना ही आप सामान ले सके, घर के सदस्यों के साथ बर्तन, बिस्तर या तौलिये जैसा कोई भी जरूरी सामान साझा न करें, खांसते या छींकते वक्त मुंह पर रुमाल जरूर रखें, नाक या मुंह पर हाथ लगाने के बाद हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करना बिल्कुल न भूलें, घर में भी मास्क पहनकर रहना जरूरी हैं, ऐसे हालात में अलग बाथरूम का इस्तेमाल करना अनिवार्य हैं, तो अगर आप शेयर्ड बाथरूम-टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें. अपना तौलिया , टूथब्रश और गंदे कपड़े बिल्कुल अलग रखें, बाथरू का इस्तेमाल करने के बाद उसे हर बार अच्छे से साफ करें, कोशिश करें कि घर में संक्रमित व्यक्ति सबसे आखिर में बाथरूम का इस्तेमाल करे।
कोल्ड या फ्लू जैसे वायरस की तरह कोरोना में भी अपना ख्याल उसी तरह रखें, ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पेशाब का रंग पीलापन नजर नहीं आएगा, साथ ही आइसोलेशन के दौरान धूम्रपान बिल्कुल ना करें, एल्कोहल का सेवन तो बिल्कुल न करें, इससे आपकी बॉडी डिहाइड्रेट होगी और कोरोना पीड़ित मरीजों को खुद को हाइड्रेट रखने की जरूरत होती हैं, शराब के सेवन से लीवर पर बुरा असर पड़ता हैं और ऐसे समय में आपको ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे आपके लिवर पर बुरा असर पड़े।
डॉक्टर से संपर्क कब करें- 
कोरोना वायरस के लक्षण कुछ लोगों में ज्यादा गंभीर दिखाई देते हैं. अगर ये लक्षण किसी व्यक्ति के शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं या तकलीफ दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. आप अपने स्मार्ट फोन के जरिये डॉक्टर से वीडियो कॉल के जरिये संपर्क कर सकते हैं, किसी भी दवा का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें, डॉक्टर की सलाह लिए बीना कोई काम न करें और ना ही किसी दवाई का सेवन करें. आइसोलेशन और क्वारनटीन पीरियड खत्म होने से पहले डॉक्टर की मंजूरी जरूर लें. खासतौर से अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो डॉक्टर से नियमित रूप से सलाह लेते रहे. हालांकी सीडीसी जारी गाइडलाइंस के आधार पर आप सेल्फ आइसोलेशन छोड़ने का फैसला कर सकते हैं।
 
                                                                         
				                
				             
						             
						             
						             
 
			         
 
			         
 
			         
 
			         
				             
				             
				            
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