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कोवैक्सीन-कोविशील्ड : कोरोना के बढ़ते मामलो के बीच DGCI ने लिया बड़ा फैसला…

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DESK : देश के कुछ राज्यों में कोरोना फिर से अपने पैर पसारने की कोशिश कर रहा है। इन सबके बीच कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में देश को एक और हथियार मिल गया है। हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलाजिकल ई की कोरोना रोधी वैक्सीन कोर्बेवैक्स को आपातकालीन स्थिति में बूस्टर डोज के रूप में उपयोग करने की अनुमति मिल गई है। बड़ी बात यह है कोर्बेवैक्स वैक्सीन को वह लोग भी लगवा सकेंगे, जिन्होंने इससे पहले कोवैक्सीन या कोविशील्ड की डोज ले रखी है। कोर्बेवैक्स मिक्स एवं मैच बूस्टर डोज के रूप में मंजूरी पाने वाली देश की पहली वैक्सीन है।

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भारतीय दवा महानियंत्रक (Drug Controller General of India, DCGI) ने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए इसे मंजूरी दी है। मिक्स एवं मैच बूस्टर डोज का मतलब है कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों प्राथमिक डोज ले चुके 18 साल और इससे अधिक उम्र के लोग अब आपातकालीन स्थिति में कोर्बेवैक्स लगवा सकते हैं।

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कोर्बेवैक्स को पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी लगाने की मंजूरी मिल चुकी है। बायोलाजिकल ई की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा कि हम डीसीजीआइ के इस फैसले से बहुत खुश हैं। इससे भारत में कोरोना की बूस्टर डोज की कमी पूरी होगी।

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इससे पहले कोविशील्ड या कोवैक्सीन सतर्कता डोज के तौर पर लगाई जा रही है। परंतु, सतर्कता डोज वही होती है तो दोनों प्राथमिक डोज होती हैं। बायोलाजिकल ई. लिमिटेड की ओर से जारी बयान के मुताबिक आपातकालीन स्थिति में कोवैक्सिन या कोविशील्ड टीकों के प्राथमिक टीकाकरण (दो खुराक) के छह महीने बाद बायोलाजिकल ई. की कार्बेवैक्स (Corbevax) कोविड-19 वैक्सीन दी जा सकती है।

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हाल ही में बायोलाजिकल-ई ने डीसीजीआई के समक्ष अपना नैदानिक परीक्षण डेटा प्रस्‍तुत किया था। इसके बाद डीसीजीआइ ने विषय विशेषज्ञ समिति के साथ विचार विमर्श के बाद आपातकालीन स्थिति में उन लोगों को कार्बेवैक्स वैक्सीन को हेटेरोलागस बूस्टर शाट के तौर पर लगाए जाने को अपनी स्वीकृति प्रदान की जिन्होंने पहले से ही कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराक ले ली है। आंकड़ों से पता चला है कि कार्बेवैक्स वैक्‍सीन की बूस्टर खुराक ने प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण वृद्धि की.

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