डोनाल्ड ट्रम्प ने EU अधिकारियों के साथ बातचीत में रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। जानें इससे भारत की economy, petrol-diesel की prices और US-India relations पर क्या पड़ेगा असर।
ट्रम्प ने भारत-चीन को दी चेतावनी: रूसी तेल खरीदा तो लगेगा 100% टैरिफ, US अधिकारी ने किया खुलासा
अंतरराष्ट्रीय राजनीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक नया तूफान खड़ा हो गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों के साथ हुई एक प्राइवेट मीटिंग में एक ऐसा प्रस्ताव रखा है, जिससे भारत और चीन जैसे देशों की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता है। ट्रम्प ने प्रस्ताव रखा है कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका को 100% की भारी टैरिफ (import duty) लगा देनी चाहिए।
यह प्रस्ताव सीधे तौर पर उन देशों के लिए एक चेतावनी है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भी रूस से सस्ता तेल खरीद रहे हैं। भारत और चीन, रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से हैं, और इसलिए इस प्रस्ताव का सबसे ज्यादा असर इन्हीं देशों पर पड़ेगा। ट्रम्प के नवंबर में अमेरिकी चुनाव जीतने की संभावना को देखते हुए, यह खबर और भी ज्यादा चिंता पैदा कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
- प्रस्ताव: डोनाल्ड ट्रम्प ने यूरोपीय अधिकारियों के साथ बातचीत में रूसी कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका द्वारा 100% टैरिफ लगाने का idea दिया।
- लक्ष्य: इसका मुख्य लक्ष्य भारत और चीन जैसे देश हैं, जो युद्ध के बाद से रूस से ज़बरदस्त मात्रा में सस्ता तेल खरीद रहे हैं।
- उद्देश्य: रूस की war economy को कमजोर करना और उसकी oil revenues पर रोक लगाना। साथ ही, उन देशों को “सबक सिखाना” जो पश्चिम के sanctions का पालन नहीं कर रहे हैं।
- ट्रम्प का रुख: ट्रम्प का मानना है कि इस तरह का कड़ा कदम रूस को यूक्रेन युद्ध जारी रखने की क्षमता को सीमित कर देगा।
- यूरोप की प्रतिक्रिया: रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोपीय अधिकारी इस प्रस्ताव से हैरान और चिंतित थे, क्योंकि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मच सकती है।
भारत पर क्या पड़ेगा असर?
अगर ट्रम्प चुनाव जीतते हैं और वास्तव में यह टैरिफ लागू करते हैं, तो इसके भारत पर गंभीर आर्थिक परिणाम हो सकते हैं:
- तेल की कीमतों में वृद्धि: भारत दुनिया में रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। टैरिफ लगने से भारत को रूसी तेल महंगा पड़ेगा। इसका सीधा असर पेट्रोल, डीजल और अन्य ईंधन की घरेलू कीमतों पर पड़ेगा, जिससे महंगाई (inflation) बढ़ सकती है।
- व्यापार घाटे में वृद्धि: भारत को तेल का आयात करने के लिए अधिक डॉलर खर्च करने पड़ेंगे, जिससे देश का trade deficit बढ़ सकता है और रुपये की value पर दबाव पड़ सकता है।
- वैकल्पिक स्रोतों की तलाश: भारत को तेल आयात के लिए रूस पर निर्भरता कम करनी पड़ सकती है और महंगे Middle Eastern原油 की ओर रुख करना पड़ सकता है, जिससे लागत और बढ़ेगी।
- कूटनीतिक तनाव: इस कदम से भारत-अमेरिका संबंधों में नई कठिनाइयाँ पैदा हो सकती हैं। भारत को अपनी energy security और राष्ट्रीय हितों के बीच एक नाजुक संतुलन बनाना होगा।
क्यों भारत रूस से तेल खरीद रहा है?
यह समझना जरूरी है कि भारत ने रूसी तेल खरीदना क्यों बढ़ाया:
- सस्ती कीमत: युद्ध के बाद रूस ने भारी छूट पर अपना तेल बेचना शुरू किया, जिससे भारत को भारी आर्थिक बचत हुई।
- ऊर्जा सुरक्षा: सस्ता तेल आयात करके भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित किया और महंगाई पर कुछ नियंत्रण पाया।
- रणनीतिक स्वायत्तता: भारत ने हमेशा अपनी foreign policy में स्वतंत्र निर्णय लेने पर जोर दिया है और उसे यह बताने से इनकार कर दिया है कि उसे कहाँ से तेल खरीदना चाहिए।
अनिश्चितता का बादल
अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है, न कि कोई official policy। डोनाल्ड ट्रम्प का चुनाव जीतना अभी सुनिश्चित नहीं है, और अगर वे जीतते भी हैं, तो यह clear नहीं है कि वे इस specific plan को actually लागू करेंगे या नहीं।
हालाँकि, यह खबर भारत सहित वैश्विक बाजारों के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करती है। यह दर्शाती है कि ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल और भी more aggressive और unpredictable trade policies ला सकता है, जिससे global economic stability at risk पड़ सकती है। भारत के लिए, यह अपनी energy security strategies पर पुनर्विचार करने और आने वाले चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात के लिए खुद को तैयार करने का समय है।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- क्या ट्रम्प ने भारत पर वास्तव में टैरिफ लगा दिया है?
नहीं, अभी तक नहीं। यह सिर्फ एक प्रस्ताव है जो ट्रम्प ने एक प्राइवेट मीटिंग में रखा था। अभी इस पर कोई आधिकारिक निर्णय या कार्रवाई नहीं हुई है। - 100% टैरिफ का मतलब क्या होता है?
100% टैरिफ का मतलब है कि अगर भारत रूस से $100 का तेल खरीदता है, तो उसे अमेरिका को उस पर अतिरिक्त $100 का टैक्स (import duty) देना होगा, जिससे तेल की कुल कीमत $200 हो जाएगी। - क्या अमेरिका भारत पर सीधे टैरिफ लगा सकता है?
हां, अमेरिका भारत से आयात होने वाले रूसी तेल पर टैरिफ लगा सकता है। अमेरिका अक्सर अपने राष्ट्रीय हितों या foreign policy goals के लिए ऐसे trade measures का इस्तेमाल करता है। - क्या इससे भारत में पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा?
हां, इसकी बहुत अधिक संभावना है। अगर भारत को रूसी तेल महंगा पड़ता है, तो इसकी लागत आम उपभोक्ताओं को passed on की जाएगी, जिससे पेट्रोल, डीजल और अन्य ईंधन products की prices बढ़ सकती हैं। - भारत इससे कैसे बच सकता है?
भारत diplomatic channels के through अमेरिका से बातचीत कर सकता है। साथ ही, तेल आयात के लिए other countries like Saudi Arabia, Iraq, UAE पर निर्भरता बढ़ा सकता है, हालांकि इससे cost बढ़ेगी। - क्या ट्रम्प के अलावा कोई और यह टैरिफ लगा सकता है?
मौजूदा Biden administration ने भी रूस पर sanctions लगाए हैं, लेकिन उन्होंने भारत जैसे देशों पर सीधे टैरिफ लगाने से avoid किया है। यह proposal specifically ट्रम्प और उनकी team से linked है। - क्या चीन पर भी इसका असर पड़ेगा?
हां, बिल्कुल। चीन रूसी तेल का प्रमुख खरीदार है। ट्रम्प का proposal भारत और चीन दोनों को equally target करता है, क्योंकि दोनों ही रूस की war economy को support कर रहे हैं।
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