गुरु नानक देव जी की जयंती पर ननकाना साहिब जाने वाले 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान ने सिख जत्थे में होने के बावजूद प्रवेश नहीं दिया।
ननकाना साहिब के लिए सिख जत्थे के साथ जाने वाले 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में प्रवेश नहीं मिला
गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर ननकाना साहिब जाने वाले 1932 सदस्यों वाले सिख जत्थे के साथ 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोका गया। ये हिंदू परिवार दिल्ली और लखनऊ से आए थे और जत्थे के साथ सीमापार यात्रा पर निकले थे।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने केवल उन लोगों को बस में चढ़ने की अनुमति दी जो सिख धर्म के अनुयायी थे। इससे हिन्दू तीर्थयात्रियों को काफी अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें जत्थे का हिस्सा होने के बावजूद रोक दिया गया।
पाकिस्तान ने भारत को लगभग 2100 से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए वीजा मंजूर किया था। लेकिन इन हिन्दू तीर्थयात्रियों को रोकने का कारण यह बताया गया कि वे तीर्थ यात्रा के बजाय पाकिस्तान में अपने परिचितों से मिलने गए थे।
यह निर्णय पाकिस्तानी सरकार के संप्रभु अधिकार के अंतर्गत आता है, एवं भारत इस मामले में आधिकारिक तौर पर आपत्ति नहीं उठा सकता।
सिख धर्म गुरुओं के जन्मदिन के उत्सव के नाम पर की जाने वाली सीमापार यात्राएं नेहरू-लियाकत समझौते, 1950 के तहत चार पर्वों पर सीमित हैं: बैसाखी, गुरु अर्जन की शहादत दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि और गुरु नानक देव जी की जयंती।
यह जत्था स्वर्ण मंदिर परिसर से रवाना हुआ था और वहां से पाकिस्तान पहुंचते ही स्थानीय अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस जत्थे का इंतजार 13 नवंबर को भारत आने पर है।
FAQs
- कितने हिन्दू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में प्रवेश से रोका गया?
12। - वे किस जत्थे के साथ यात्रा कर रहे थे?
एक 1932 सदस्यों वाले सिख जत्थे के साथ। - पाकिस्तान ने प्रवेश क्यों रोका?
यह माना गया कि उनकी यात्रा तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि व्यक्तिगत मुलाकात के लिए थी। - कितने वीजा पाकिस्तान ने भारतीय तीर्थयात्रियों को दिए?
लगभग 2100। - सीमा पार यात्रा के लिए कौन-कौन से उत्सव मान्य हैं?
बैसाखी, गुरु अर्जन की शहादत दिवस, महाराजा रणजीत सिंह पुण्यतिथि, गुरु नानक देव की जयंती।
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