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2 दिनों के Gen Z प्रोटेस्ट ने नेपाल सरकार गिराई, ₹84.45 अरब डैमेज

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2-Day Gen Z Protests Toppled Nepal Govt, Caused Massive ₹84.45B Losses
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नेपाल में Gen Z आंदोलन ने ₹84.45 अरब का नुकसान किया, 77 मौतें हुईं। 8-9 सितंबर के प्रोटेस्ट की रिपोर्ट में 54 जिलों में तबाही, पुनर्निर्माण प्लान ₹36.30 अरब का।

नेपाल में Gen Z आंदोलन ने मचाई तबाही: ₹85 अरब का नुकसान, 77 मौतें

नेपाल में Gen Z आंदोलन की तबाही: ₹85 अरब नुकसान, 77 मौतें—रिपोर्ट ने खोला राज़, क्या है पूरी कहानी?

नेपाल में सितंबर 2025 के उन दो दिनों ने इतिहास रच दिया, जब युवाओं का Gen Z आंदोलन न सिर्फ KP शर्मा ओली सरकार को गिरा गया, बल्कि पूरे देश में भारी तबाही भी मचा दी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 8 और 9 सितंबर को हुए प्रोटेस्ट्स से कुल ₹84.45 अरब का भौतिक नुकसान हुआ, जिसमें 77 लोगों की जान चली गई। ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं हैं—ये उन जवान दिलों की कहानी बयान करते हैं, जो भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। इस लेख में सरल हिंदी में समझेंगे कि आंदोलन कैसे भड़का, कितना नुकसान हुआ, कौन सी रिपोर्ट सामने आई, और अब सुषिला सरकार क्या कर रही है।

आंदोलन की शुरुआत—सोशल मीडिया बैन ने भड़काया Gen Z का गुस्सा

सब कुछ एक सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ। नेपाल सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी साइट्स पर पाबंदी लगा दी, जिसे युवा भ्रष्टाचार छिपाने का हथकंडा मानने लगे। 8 सितंबर को काठमांडू में शांतिपूर्ण विरोध शुरू हुआ, लेकिन जब प्रदर्शनकारी संसद भवन की ओर बढ़े, तो पुलिस ने पानी की बौछारें, आंसू गैस, रबर बुलेट्स और फिर असली गोलियां चला दीं।

रिपोर्ट बताती है कि दूसरे दिन 9 सितंबर को हालात बेकाबू हो गए—संसद भवन में आग लगा दी गई, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और पीएम हाउस तक निशाना बने। उसी शाम ओली सरकार ने इस्तीफा दे दिया, और 12 सितंबर को सुषिला कार्की को अंतरिम पीएम बनाया गया। ये Gen Z की ताकत का नमूना था, जो डिस्कॉर्ड चैनल्स जैसे ऐप्स से संगठित हुए बिना ही चला।

मौतें और चोटें—77 शहीद, 2400 से ज्यादा घायल, ज्यादातर युवा

रिपोर्ट के अनुसार कुल 77 मौतें हुईं—8 सितंबर को 20, 9 सितंबर को 37, और उसके बाद 20। घायलों की तादाद 2429 बताई गई, जिनमें 17 बच्चे 13 साल से कम उम्र के थे, और 1433 13-28 साल के बीच के। अस्पतालों के रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि ज्यादातर गोलियों और रबर बुलेट्स से चोटें लगीं, खासकर सिर, छाती और पेट में।

ये आंकड़े दर्दनाक हैं क्योंकि आंदोलन ज्यादातर स्कूल-कॉलेज जाने वाले युवाओं का था। एक रिपोर्ट में कहा गया कि 19 छात्रों समेत 76 मौतें हुईं, और कई वीडियो वायरल हुए जहां खून से सने यूनिफॉर्म्स दिखे। Amnesty International ने इसे पुलिस की “अनुपातहीन ताकत” का मामला बताया।

नुकसान का पूरा हिसाब—₹84.45 अरब की तबाही सातों प्रांतों में

आंदोलन ने नेपाल के सातों प्रांतों के 54 जिलों और 262 लोकल यूनिट्स को प्रभावित किया। कुल 2168 सरकारी और पब्लिक संस्थान प्रभावित हुए, 2671 इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं—इससे ₹39.31 अरब का नुकसान। 12659 गाड़ियां जलीं या खराब हुईं, जिसका खर्च ₹12.93 अरब।

रिपोर्ट कैसे बनी—75 दिनों में कमिटी ने दिया हिसाब, पुनर्निर्माण प्लान

21 सितंबर 2025 को कैबिनेट ने कमिटी गठित की, जिसने 75 दिनों में रिपोर्ट तैयार कर पीएम सुषिला कार्की को सौंपी। गुरुवार को सिंहदरबार में कैबिनेट मीटिंग में यह पेश हुई, साथ ही पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ₹36.30 अरब का रिकंस्ट्रक्शन प्लान भी। नेशनल प्लानिंग कमीशन के सेक्रेटरी रविलाल पंथ ने इसे लीड किया।

अब सरकार ने Gen Z के साथ 10-पॉइंट एग्रीमेंट को मंजूरी दी है, जिसमें शहीद परिवारों को सम्मान और घायलों को राहत शामिल है। मार्च 2026 में चुनाव का ऐलान भी हो चुका है।​​

Gen Z आंदोलन के पीछे कारण—भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और डिजिटल आजादी

Gen Z ने भ्रष्टाचार, नेपोकिड्स की फिजूलखर्ची और नौकरियों की कमी के खिलाफ आवाज उठाई। सोशल मीडिया बैन ने आग में घी डाल दिया—युवा डिस्कॉर्ड पर “Youths Against Corruption” चैनल से जुड़े। संसद पर हमला होते ही सेना उतरी, लेकिन ओली को इस्तीफा देना पड़ा।

ये आंदोलन लीडरलेस था, लेकिन सोशल मीडिया ने इसे ताकत दी। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये एशिया में युवा विद्रोह का नया मॉडल है। नेपाल जैसे छोटे लोकतंत्र में डिजिटल आजादी का सवाल अब बड़ा मुद्दा बन गया।

भारत के लिए सबक—पड़ोसी की अस्थिरता से सीखें क्या?

नेपाल की ये घटना भारत के लिए भी आईना है। युवा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और डिजिटल सेंसरशिप पर गुस्सा कहीं भी भड़क सकता है। ओली सरकार गिरने से नेपाल अस्थिर हुआ, जो भारत-चीन के बीच संतुलन प्रभावित कर सकता है। Gen Z ने दिखा दिया कि स्ट्रीट प्रोटेस्ट्स अब ट्रेडिशनल पॉलिटिक्स को हिला सकते हैं।

अब आगे क्या—रिपोर्ट से सबक और भविष्य की चुनौतियां

रिपोर्ट नुकसान तो बता गई, लेकिन जिम्मेदारी तय करने वाली जांच आयोग का दायरा बढ़ाने का फैसला हुआ है। पुनर्निर्माण के लिए ₹36 अरब चाहिए, लेकिन युवाओं का भरोसा जीतना बड़ा चैलेंज है। अगर चुनाव निष्पक्ष हुए, तो Gen Z की आवाज मजबूत हो सकती है—वरना नई अस्थिरता का खतरा।

नेपाल Gen Z आंदोलन पर 5 FAQs

FAQ 1: Gen Z आंदोलन कब और क्यों हुआ?
उत्तर: 8-9 सितंबर 2025 को, सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ। इससे ओली सरकार गिरी।

FAQ 2: कितना नुकसान हुआ—रिपोर्ट के आंकड़े क्या हैं?
उत्तर: कुल ₹84.45 अरब भौतिक नुकसान, 2671 इमारतें और 12659 वाहन प्रभावित।

FAQ 3: मौतें कितनी हुईं और कैसे बंटीं?
उत्तर: 77 कुल—20 (8 सितंबर), 37 (9 सितंबर), 20 (बाद में)। ज्यादातर युवा।

FAQ 4: अब सरकार क्या कर रही है?
उत्तर: सुषिला कार्की को रिपोर्ट मिली, ₹36.30 अरब पुनर्निर्माण प्लान और Gen Z से 10-पॉइंट एग्रीमेंट।

FAQ 5: आंदोलन कैसे संगठित हुआ?
उत्तर: डिस्कॉर्ड जैसे ऐप्स से लीडरलेस, युवाओं ने स्वेच्छा से हिस्सा लिया।

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