दिल्ली पुलिस ने सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में 400 पेज की चार्जशीट दाखिल की। आरोपी सक्रिया राजेशभाई और उसके साथी पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया।
दिल्ली पुलिस ने दाखिल की सीएम अटैक केस में विस्तृत चार्जशीट, 40 से अधिक गवाहों के बयान शामिल
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में 400 पेज की चार्जशीट दाखिल
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर 20 अगस्त 2025 को हुए हमले के लगभग दो महीने बाद दिल्ली पुलिस ने शनिवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में लगभग 400 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में मुख्य आरोपी 41 वर्षीय सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई और उसके साथी सैयद तहसीन रजा को कई गंभीर धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है।
कोर्ट सूत्रों के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने शनिवार को इस अंतिम रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर के लिए तय की है। यह चार्जशीट भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी पर हमला, कर्तव्य पालन में बाधा डालना और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोपों से भरी हुई है।
हमले की पूरी घटना: 20 अगस्त 2025
20 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 8:15 बजे दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने सिविल लाइंस स्थित कैंप ऑफिस में साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन कर रही थीं। यह कार्यक्रम हर बुधवार को आयोजित होता है जिसमें आम नागरिक अपनी शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख सकते हैं।
इस दौरान गुजरात के राजकोट से आया सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई एक शिकायतकर्ता के रूप में सुरक्षा जांच पास करके कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा। उसने अपने साथ कुछ कागजात रखे हुए थे जिसके कारण उसे संदिग्ध नहीं समझा गया।
जब उसकी बारी आई और वह मुख्यमंत्री के पास पहुंचा, तो उसने अचानक से चिल्लाना शुरू कर दिया और सीएम रेखा गुप्ता पर हमला कर दिया। उसने मुख्यमंत्री के बाल खींचे और उन्हें धक्का देकर गिराने की कोशिश की। सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने मुख्यमंत्री का गला घोंटने का भी प्रयास किया था।
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हरकत में आते हुए आरोपी को काबू में कर लिया और उसे सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन ले जाया गया। हमले के बाद मुख्यमंत्री को तत्काल चिकित्सकों ने जांचा और उनका मेडिको-लीगल केस (MLC) परीक्षण भी कराया गया।
आरोपी का उद्देश्य: सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों वाले आदेश से नाराजगी
दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के उस बयान से बेहद नाराज था जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2025 के आदेश का समर्थन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से उठाकर आठ सप्ताह के भीतर उन्हें शेल्टर में स्थानांतरित करें। इस आदेश के बाद पूरे देश में विशेषकर पशु प्रेमियों और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स के बीच व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
आरोपी राजेशभाई की मां ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा पशुओं से बेहद प्यार करता है और विशेषकर कुत्तों का बहुत ख्याल रखता है। वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ है और नियमित रूप से दवाएं नहीं लेता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से वह बहुत परेशान था और अक्सर घर में ही सबसे झगड़ा करने लगता था।
कोर्ट के दस्तावेजों के अनुसार, राजेशभाई ने दिल्ली आने से पहले सुप्रीम कोर्ट जाने की भी योजना बनाई थी लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था देखकर उसने अपना इरादा बदल दिया और सीधे मुख्यमंत्री आवास पर हमला करने का फैसला किया।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी राजेशभाई ने शुरुआत में मुख्यमंत्री पर चाकू से हमला करने की योजना बनाई थी। उसने एक सब्जी की दुकान से चाकू भी खरीदा था।
हालांकि जब वह सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचा और वहां की सख्त सुरक्षा व्यवस्था देखी, तो उसने चाकू को फेंक दिया और बिना हथियार के ही हमला करने का फैसला किया।
पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन की जांच की तो उसमें 10 ऐसे लोगों के नंबर मिले जिनसे वह नियमित संपर्क में था। इन सभी 10 लोगों से पूछताछ की गई और उनके बयान दर्ज किए गए।
इसके अलावा, राजकोट पुलिस ने भी पांच अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जिनका डेटा आरोपी के मोबाइल फोन में मिला था।
दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी: सैयद तहसीन रजा
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि राजेशभाई को उसके एक दोस्त सैयद तहसीन रजा ने आर्थिक और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी। रजा ने राजेशभाई को पैसे ट्रांसफर किए थे जिससे वह राजकोट से दिल्ली आ सका।
दिल्ली पुलिस ने राजकोट से सैयद तहसीन रजा को गिरफ्तार कर लिया और उसे भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। वर्तमान में दोनों ही आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
अदालत ने तहसीन रजा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और उसे न्यायिक हिरासत में ही रखने का आदेश दिया है।
चार्जशीट में लगाए गए आरोप
आरोपी का नाम | BNS धाराएं | आरोप |
---|---|---|
सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई | 109(1), 221, 132, 115(2), 61(2) | हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारी पर हमला, कर्तव्य में बाधा, आपराधिक साजिश |
सैयद तहसीन रजा | 109(1), 221, 132, 61(2) | आपराधिक साजिश, हमले में सहायता, लॉजिस्टिक सपोर्ट |
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109(1) के तहत हत्या के प्रयास का आरोप है जो अत्यंत गंभीर अपराध है। धारा 221 सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य पालन से रोकने से संबंधित है जबकि धारा 132 सरकारी अधिकारी पर हमले से जुड़ी है।
धारा 115(2) आपराधिक साजिश से संबंधित है और धारा 61(2) गंभीर चोट पहुंचाने के इरादे से हमला करने से जुड़ी है।
40 से अधिक गवाहों के बयान शामिल
कोर्ट सूत्रों के अनुसार, इस 400 पन्नों की चार्जशीट में 40 से अधिक गवाहों के बयान शामिल किए गए हैं। इन गवाहों में वे लोग शामिल हैं जो 20 अगस्त को जनसुनवाई कार्यक्रम में मौजूद थे।
गवाहों में सुरक्षाकर्मी, मुख्यमंत्री के स्टाफ सदस्य, अन्य शिकायतकर्ता और मीडियाकर्मी शामिल हैं जिन्होंने पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा था।
इसके अलावा चिकित्सकों के बयान भी शामिल किए गए हैं जिन्होंने हमले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री की जांच की थी। फोरेंसिक विशेषज्ञों और साइबर सेल की टीम के बयान भी इस चार्जशीट का हिस्सा हैं।
दिल्ली पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (CDR), बैंक ट्रांजैक्शन और सीसीटीवी फुटेज को भी सबूत के तौर पर पेश किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हमले के बाद दिल्ली के राजनीतिक माहौल में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि मुख्यमंत्री की स्थिति स्थिर है और उन्होंने अपने कार्यक्रम रद्द नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता एक मजबूत महिला हैं और ऐसे हमले उनके हौसले को कमजोर नहीं कर सकते।
दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और कपिल मिश्रा ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे एक साजिश करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह एक अक्षम्य अपराध है और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री ही सुरक्षित नहीं हैं तो एक आम नागरिक की सुरक्षा की क्या गारंटी है।
सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों वाला विवादास्पद आदेश
यह समझना जरूरी है कि आखिर वह कौन सा सुप्रीम कोर्ट का आदेश था जिसकी वजह से आरोपी इतना नाराज हो गया कि उसने दिल्ली की मुख्यमंत्री पर ही हमला कर दिया।
11 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सभी आवारा कुत्तों को तुरंत सड़कों से उठाकर डॉग शेल्टर में स्थानांतरित करें। कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर लगभग 5000 कुत्तों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का निर्देश दिया था।
यह आदेश दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं और रेबीज के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर दिया गया था। WHO और ICMR की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 20,000 लोग रेबीज से मरते हैं और इनमें से अधिकतर मामले कुत्ते के काटने से होते हैं।
हालांकि, इस आदेश के बाद पूरे देश में पशु प्रेमियों और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए। उनका कहना था कि कुत्तों को उठाकर शेल्टर में बंद करना मानवीय समाधान नहीं है। उनकी मांग थी कि Animal Birth Control (ABC) Rules 2023 के तहत कुत्तों को स्टरलाइज करके, टीका लगाकर वापस उसी इलाके में छोड़ा जाए।
14 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस मुद्दे पर कई वकीलों ने चिंता जताई। इसके बाद तीन जजों की एक विशेष बेंच गठित की गई जिसने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बढ़ोतरी
इस हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा में काफी बढ़ोतरी की है। उन्हें Z-plus सुरक्षा प्रदान की गई है जो भारत में सबसे उच्चतम स्तर की सुरक्षा होती है।
जनसुनवाई कार्यक्रमों में अब पहले से कहीं अधिक सख्त सुरक्षा जांच की जा रही है। हर शिकायतकर्ता की पूरी तरह से तलाशी ली जाती है और उसकी पहचान सत्यापित की जाती है।
सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई गई है और सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी की गई है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
मजिस्ट्रेट ने शनिवार को इस चार्जशीट का संज्ञान ले लिया है और मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की है। अगली सुनवाई में आरोप तय किए जाएंगे और ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी।
विशेष सरकारी वकील प्रदीप राणा राज्य की ओर से पेश हो रहे हैं जबकि वकील प्रदीप खत्री आरोपियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक गंभीर मामला है जिसमें आरोपियों को कड़ी सजा हो सकती है। BNS की धारा 109(1) के तहत हत्या के प्रयास का दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
समाज के लिए संदेश
यह घटना कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। पहला, क्या हमारे राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा पर्याप्त है? दूसरा, क्या सोशल मीडिया और वायरल न्यूज के युग में लोग बिना पूरी जानकारी के किसी भी मुद्दे पर इतने भावुक हो जाते हैं कि हिंसा का सहारा लेने लगते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आरोपी राजेशभाई जैसे लोग जो पहले से ही मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, वे किसी भी भावनात्मक मुद्दे से ट्रिगर हो सकते हैं। ऐसे लोगों को नियमित चिकित्सकीय देखभाल और परामर्श की जरूरत होती है।
National Institute of Mental Health and Neurosciences (NIMHANS) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 10-12% आबादी किसी न किसी प्रकार के मानसिक रोग से पीड़ित है। इनमें से अधिकतर लोग उचित इलाज नहीं ले पाते जिससे उनकी स्थिति और बिगड़ती जाती है।
आवारा कुत्तों का मुद्दा: संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत
यह मामला आवारा कुत्तों के मुद्दे पर भी एक महत्वपूर्ण बहस खड़ी करता है। एक तरफ जनसुरक्षा का सवाल है तो दूसरी तरफ पशु कल्याण और मानवीय व्यवहार का।
पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि आवारा कुत्तों को उठाकर शेल्टर में बंद करना दीर्घकालिक समाधान नहीं है। बेहतर तरीका यह है कि ABC Rules 2023 को सही तरीके से लागू किया जाए। इसके तहत कुत्तों को पकड़ा जाए, उन्हें स्टरलाइज किया जाए, रेबीज का टीका लगाया जाए और फिर उसी इलाके में वापस छोड़ा जाए।
WHO की गाइडलाइन्स के अनुसार भी यही तरीका सबसे प्रभावी माना गया है। स्टरलाइज किए गए कुत्ते आक्रामक नहीं होते और उनसे रेबीज का खतरा भी नहीं रहता।
FAQs
1. दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता पर हमला कब हुआ था?
हमला 20 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 8:15 बजे उनके सिविल लाइंस स्थित कैंप ऑफिस में जनसुनवाई के दौरान हुआ था।
2. आरोपी सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई कौन है?
वह गुजरात के राजकोट का 41 वर्षीय निवासी है जो एक रिक्शा चालक है और पशुओं से बेहद प्यार करता है। उसकी मां के अनुसार, वह मानसिक रूप से भी अस्वस्थ है।
3. हमले का मुख्य कारण क्या था?
आरोपी सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त 2025 के उस आदेश से नाराज था जिसमें दिल्ली-एनसीआर में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का निर्देश दिया गया था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस आदेश का समर्थन किया था।
4. चार्जशीट में कितने आरोपी हैं और उन पर क्या आरोप हैं?
चार्जशीट में दो आरोपी हैं – सक्रिया राजेशभाई खिमजीभाई और सैयद तहसीन रजा। उन पर BNS के तहत हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी पर हमला, कर्तव्य में बाधा और आपराधिक साजिश के आरोप हैं।
5. मामले की अगली सुनवाई कब है?
मजिस्ट्रेट ने चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर 2025 के लिए तय की है।
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