सर्दियों के लिए 7 Winter Special Dessert Recipes ! जानें गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा, बादाम फिरनी और हेल्दी डेजर्ट बनाने का आसान तरीका। शरीर को अंदर से गर्म रखने वाली मिठाइयाँ।
ठंड में शरीर को गर्म रखेंगी ये 7 मिठाइयाँ, जानें बनाने का तरीका – 7 Winter Special Dessert Recipes
सर्दियों की गर्माहट: 7 Winter Special Dessert Recipes
सर्दियों का मौसम आते ही क्या आपको भी कुछ मीठा, गरमा-गरम और दिल को छू लेने वाला खाने का मन करता है? यह केवल स्वाद की चाहत नहीं, बल्कि हमारे शरीर की एक जरूरत भी है। सदियों से भारतीय संस्कृति में सर्दियों में विशेष मिठाइयाँ बनाने और खाने का चलन रहा है, जो न सिर्फ जुबान को मिठास देती हैं बल्कि शरीर को अंदर से गर्मी भी प्रदान करती हैं। ये व्यंजन स्थानीय और मौसमी सामग्रियों से बनते हैं और इनमें वो सारे गुण होते हैं जो ठंड के मौसम में हमारे शरीर को चाहिए होते हैं। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं सर्दियों की 7 ऐसी ही जबरदस्त पारंपरिक और कुछ आधुनिक ट्विस्ट वाली मिठाइयों की रेसिपी, जो आपके घर को मिठास और गर्माहट से भर देंगी।
सर्दियों में मीठा क्यों है जरूरी?
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी का मौसम ‘वात’ और ‘कफ’ दोष बढ़ाने वाला माना जाता है। ऐसे में गर्म, भारी और मीठे खाद्य पदार्थ इन दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं। गुड़, घी, सूखे मेवे और मौसमी सब्जियों जैसे गाजर और कद्दू से बने व्यंजन शरीर में गर्मी पैदा करते हैं और ऊर्जा का स्तर बनाए रखते हैं। आधुनिक विज्ञान की मानें तो ठंड के मौसम में शरीर को अपने कोर तापमान को बनाए रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और ये घने कैलोरी वाले पारंपरिक व्यंजन उस ऊर्जा की जरूरत को पूरा करते हैं। हालांकि, मधुमेह या वजन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों को मात्रा पर ध्यान देना चाहिए।
पारंपरिक स्वाद के जादूगर (4 रेसिपीज)
ये रेसिपीज सदियों से चली आ रही हैं और हर घर की रसोई में बनती हैं। ये सर्दियों की जान हैं।
गाजर का हलवा
यह सर्दियों का बेताज बादशाह है। 500 ग्राम ताजी लाल गाजरों को धोकर, छीलकर बारीक कद्दूकस कर लें। एक भारी तले की कड़ाही में 4-5 बड़े चम्मच देसी घी गर्म करें। उसमें कद्दूकस की हुई गाजर डालकर मध्यम आंच पर लगभग 20-25 मिनट तक भूनें, जब तक कि गाजर नरम न हो जाए और उसका रंग गहरा न हो जाए। अब इसमें 1 लीटर फुल क्रीम दूध डाल दें और तब तक पकाएं जब तक दूध लगभग सूख न जाए और गाजर पूरी तरह से पक न जाए। इस प्रक्रिया में लगभग 40-45 मिनट लग सकते हैं। अब इसमें 6-8 बड़े चम्मच चीनी (या स्वादानुसार) डालें और अच्छी तरह मिलाएं। चीनी डालने के बाद हलवा फिर से पतला हो जाएगा, इसलिए तब तक पकाएं जब तक वह गाढ़ा न हो जाए और घी अलग न दिखने लगे। अंत में 2 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम, काजू और पिस्ता डालें। 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर डालकर मिलाएं और गर्मागर्म सर्व करें।
मूंग दाल हलवा
यह हलवा राजस्थान और उत्तर भारत में बेहद लोकप्रिय है। 1 कप पीली मूंग दाल को अच्छी तरह धो लें और सूखा लें। फिर इसे मिक्सी में बारीक पीस लें (बिना पानी के)। एक भारी तले की कड़ाही में 1/2 कप देसी घी गर्म करें। अब इसमें पिसी हुई मूंग दाल डालकर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें। इसे तब तक भूनें जब तक कि इसका रंग सुनहरा भूरा न हो जाए और एक सुगंध आने लगे। यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है। अलग से 1/2 कप घी में 4-5 बड़े चम्मच मैदा डालकर हल्का भूरा होने तक भून लें (इसे खमीर कहते हैं)। अब भुनी हुई दाल में यह खमीर मिला दें। इसमें 1 कप चीनी और 3 कप पानी मिलाएं (सावधानी से, यह छिछल सकता है)। अब लगातार चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक कि सारा पानी सोख न ले और हलवा गाढ़ा न हो जाए। अंत में 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर और बारीक कटे हुए बादाम-पिस्ता डालकर मिलाएं। गर्म परोसें।
बादाम फिरनी
यह एक हल्की और सुगंधित मिठाई है। 1/2 कप बादाम को रात भर या 4-5 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। फिर उनका छिलका उतार कर बारीक पीस लें (पीसते समय थोड़ा सा दूध डाल सकते हैं)। एक भारी तले की कड़ाही में 1 लीटर दूध चढ़ाएं और उबाल लें। दूध को धीमी आंच पर पकने दें, इसे बीच-बीच में चलाते रहें ताकि यह न जले। जब दूध लगभग आधा रह जाए, तो इसमें पिसा हुआ बादाम, 4-5 बड़े चम्मच चीनी (या स्वादानुसार), 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर और 1 बड़ा चम्मच चावल का आटा (rice flour) मिलाएं। चावल का आटा ग�ठे रहित होना चाहिए। लगातार चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक कि मिश्रण गाढ़ा न हो जाए। इसे कटोरे में निकाल लें और ठंडा होने दें। ठंडा होने पर यह और गाढ़ा हो जाएगा। ऊपर से केसर और पिस्ता के स्लाइस से सजाकर परोसें।
पंजीरी
यह एक ऊर्जा का भंडार है, जिसे अक्सर प्रसूता (डिलीवरी के बाद) के लिए बनाया जाता है, लेकिन यह सर्दियों में सभी के लिए फायदेमंद है। 1 कप गेहूं का आटा लें। एक कड़ाही में 1/2 कup देसी घी गर्म करें। उसमें गेहूं का आटा डालकर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें। इसे तब तक भूनें जब तक कि इसका रंग सुनहरा भूरा न हो जाए और एक सुगंध आने लगे। इसमें सावधानी बरतनी है नहीं तो आटा जल सकता है। अब इसे ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद इसमें 1/2 कप पिसी हुई बूरा या पाउडर चीनी, 2 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम, 2 बड़े चम्मच कटे हुए अखरोट, 2 बड़े चम्मच कटे हुए पिस्ता, और 2 बड़े चम्मच भुने हुए चिरोंजी मिलाएं। अच्छी तरह मिलाकर एयरटाइट डब्बे में भरकर रख दें। एक बड़ा चम्मच रोज सुबह दूध के साथ लें। यह शरीर में गर्मी पैदा करती है और ताकत देती है।
आधुनिक ट्विस्ट के साथ डेजर्ट (3 रेसिपीज)
ये रेसिपीज पारंपरिक स्वाद को थोड़ा आधुनिक और स्वास्थ्यवर्धक बनाती हैं।
हेल्दी गाजर और बादाम का हलवा (गुड़ वाला)
यह गाजर के हलवे का एक स्वास्थ्यकर संस्करण है। 500 ग्राम गाजर को कद्दूकस कर लें। एक कड़ाही में 2 बड़े चम्मच घी गर्म करें। उसमें गाजर डालकर 15-20 मिनट तक भूनें। अब इसमें 2 कप बादाम का दूध (almond milk) डाल दें। बादाम का दूध पारंपरिक दूध की तुलना में हल्का होता है। इसे तब तक पकाएं जब तक गाजर नरम न हो जाए और अधिकांश तरल सूख न जाए। अब इसमें 1/2 कप गुड़ का पाउडर डालें (स्वाद के अनुसार)। गुड़ आयरन का एक अच्छा स्रोत है और यह चीनी से बेहतर विकल्प है। अच्छी तरह मिलाएं और तब तक पकाएं जब तक हलवा गाढ़ा न हो जाए। अंत में 2 बड़े चम्मच कटे हुए बादाम और 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर डालकर मिलाएं। गर्म परोसें।
सूजी और ड्राई फ्रूट लड्डू
यह लड्डू बनाने में आसान और लंबे समय तक चलने वाला है। एक कड़ाही में 1 कप सूजी (semolina) और 2 बड़े चम्मच घी डालकर मध्यम आंच पर भूनें। इसे तब तक भूनें जब तक कि इसका रंग हल्का सुनहरा न हो जाए और सुगंध आने लगे। सूजी को एक प्लेट में निकालकर ठंडा होने दें। एक मिक्सर जार में 1/2 कप काजू, 1/4 कप बादाम, 2 बड़े चम्मच कद्दू के बीज, और 2 बड़े चम्मच Flax seeds डालकर बारीक पीस लें (लेकिन चिकना पेस्ट न बनाएं)। एक बड़े बाउल में ठंडी हुई सूजी, पिसे हुए ड्राई फ्रूट्स, 1/2 कप पिसी हुई बूरा या पाउडर चीनी, और 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर मिलाएं। अब धीरे-धीरे बचा हुआ घी (लगभग 2-3 बड़े चम्मच) डालकर मिलाएं और हाथों से मसलें जब तक कि सारा मिश्रण एक साथ न आ जाए और आप आसानी से लड्डू बना सकें। तुरंत लड्डू बना लें और एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
घीया (लौकी) का हलवा
लौकी सर्दियों में आसानी से मिल जाती है और यह हलवा बहुत ही हल्का और स्वादिष्ट बनता है। 500 ग्राम लौकी को छीलकर बारीक कद्दूकस कर लें। एक कड़ाही में 3 बड़े चम्मच घी गर्म करें। उसमें कद्दूकस की हुई लौकी डालकर मध्यम आंच पर भूनें। लौकी से पानी निकलने लगेगा, इसे तब तक पकाएं जब तक कि सारा पानी उड़ न जाए और लौकी नरम न हो जाए। अब इसमें 1 कप मावा (khoya) डालकर अच्छी तरह मिलाएं। यदि मावा न हो तो 1 कप सूखा दूध पाउडर (milk powder) इस्तेमाल कर सकते हैं। लगातार चलाते हुए 5-7 मिनट तक पकाएं। अब इसमें 1/2 कप चीनी (या स्वादानुसार) डालें। चीनी डालने के बाद हलवा पतला हो जाएगा, इसलिए तब तक पकाएं जब तक वह गाढ़ा न हो जाए और घी अलग न दिखने लगे। अंत में 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर और 2 बड़े चम्मच कटे हुए काजू और बादाम डालकर मिलाएं। गर्म या ठंडा परोसें।
(FAQs)
1. क्या डायबिटीज के मरीज सर्दियों की इन मिठाइयों को खा सकते हैं?
डायबिटीज के रोगियों को चीनी वाली मिठाइयों से परहेज करना चाहिए। हालाँकि, वे हेल्दी गाजर के हलवे जैसे विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें चीनी की जगह गुड़ का कम मात्रा में उपयोग किया गया हो या शुगर-फ्री स्वीटनर का इस्तेमाल किया गया हो। पंजीरी जैसी मिठाइयों में भी चीनी की मात्रा कम की जा सकती है। किसी भी मिठाई को खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
2. इन मिठाइयों को कितने दिन तक स्टोर कर सकते हैं?
गाजर का हलवा और मूंग दाल हलवा जैसी मिठाइयाँ जिनमें दूध का इस्तेमाल होता है, उन्हें फ्रिज में 3-4 दिन तक रखा जा सकता है। पंजीरी और सूजी के लड्डू जैसी सूखी मिठाइयों को एयरटाइट डब्बे में कमरे के तापमान पर 2-3 हफ्ते तक रखा जा सकता है।
3. क्या इन रेसिपीज को वेगन (शाकाहारी) बनाया जा सकता है?
हाँ, बिल्कुल। घी की जगह नारियल का तेल या वनस्पति तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। दूध की जगह बादाम मिल्क, सोया मिल्क या नारियल का दूध इस्तेमाल कर सकते हैं। मावा की जगह नट्स का पाउडर या सूखा नारियल इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. सर्दियों की मिठाइयों में घी का इतना अधिक उपयोग क्यों किया जाता है?
घी शरीर को अंदरूनी गर्मी प्रदान करता है, जो सर्दियों में बहुत जरूरी होता है। यह वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण में मदद करता है और मिठाई को लंबे समय तक ताजा रखने में भी सहायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार, घी शरीर के लिए बहुत पौष्टिक और ऊर्जा देने वाला होता है।
5. क्या बच्चों के लिए ये मिठाइयाँ सही हैं?
हाँ, ये मिठाइयाँ बच्चों के लिए बहुत अच्छी हैं क्योंकि ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर हैं। हालाँकि, मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि ये भारी होती हैं। छोटे बच्चों को थोड़ी मात्रा में ही दें। गाजर का हलवा और बादाम फिरनी बच्चों के लिए बहुत अच्छे विकल्प हैं।
6. कौन सी मिठाई सबसे ज्यादा हेल्दी है?
सभी मिठाइयाँ अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर हेल्थ के हिसाब से देखें तो पंजीरी सबसे ज्यादा पौष्टिक मानी जाती है क्योंकि इसमें प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और एनर्जी सभी कुछ है। हेल्दी गाजर का हलवा (गुड़ वाला) भी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें गुड़ आयरन का अच्छा स्रोत है।
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