-रामाश्रय यादव (जिलाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जनपद मऊ व सामाजिक चिंतक)
पृथ्वी एक है ,ठीक उसी प्रकार से हमारा स्वास्थ्य भी एकमात्र है। इस थीम का मुख्य उद्देश्य है कि हमें हमारे स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य एकमात्र ऐसी चीज है,जिसके सहारे आप अपना पूरा जीवन जीते हैं।योग की जड़ें 5000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति में पाई जाती हैं।महर्षि पतंजलि ने “योगसूत्र” में योग के सिद्धांतों को लिखा,जिसे आज भी मार्गदर्शक माना जाता है।बता दें कि योग का उल्लेख वेदों, उपनिषदों और भगवद गीता में भी मिलता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्वास्थ्य और शांति का उत्सवप्रतिवर्ष 21 जून को विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।यह दिन योग के प्राचीन भारतीय विज्ञान को सम्मानित करने और इसके शारीरिक,मानसिक और आध्यात्मिक लाभों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने का अवसर प्रदान करता है।2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा प्रस्तावित इस पहल को 175 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ और 21 जून 2015 को पहला योग दिवस मनाया गया।यह तिथि इसलिए चुनी गई क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है,जो प्रकृति और संतुलन का प्रतीक है।
यह दिन ग्रीष्म संक्रांति (Summer Solstice) का प्रतीक है,जब सूर्य सबसे लंबा दिन प्रदान करता है और यह आत्मिक ऊर्जा के उत्थान का समय माना जाता है।
योग,जिसका अर्थ है”जोड़ना” या”मिलन”शरीर,मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की कला है।यह केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि एक समग्र जीवन शैली है।जिसमें आसन,प्राणायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांत शामिल हैं।योग के नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हृदय,फेफड़े और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी योग अत्यंत लाभकारी है।यह चिंता,अवसाद और अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग एक वरदान है।यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है,बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन को भी बढ़ावा देता है।
योग दिवस के अवसर पर स्कूलों,कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक योग सत्र आयोजित किए जाते हैं,जो लोगों में एकता और जागरूकता का संदेश फैलाते हैं।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वस्थ जीवन के लिए हमें अपनी जड़ों से जुड़ना होगा।योग को अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को संतुलित कर सकते हैं,बल्कि विश्व शांति और सौहार्द में भी योगदान दे सकते हैं।आइए,इस योग दिवस पर संकल्प लें कि हम योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएंगे।योग वह प्रकाश है जो एक बार जला दिया जाए तो कभी कम नहीं होता।जितना अच्छा आप अभ्यास करेंगे,लौ उतनी ही उज्जवल होगी।
समग्र कल्याण की ओर एक परिवर्तनकारी यात्रा है।यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है,बल्कि मानसिक और भावनात्मक कल्याण को भी बढ़ाता है,जिससे एक संतुलित और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने में मदद मिलती है।
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