सूखी खांसी यानी ऐसी खांसी जिसमें बलगम (कफ) नहीं निकलता। यह खांसी गले में खराश और जलन पैदा करती है और कई बार हफ्तों तक बनी रह सकती है।
यह खांसी न तो गला साफ करती है और न ही बलगम बाहर निकालती है, इसलिए इसे ‘unproductive cough’ कहा जाता है।
हालांकि हर सूखी खांसी खतरनाक नहीं होती, लेकिन ये शरीर में किसी समस्या का संकेत हो सकती है—जैसे एलर्जी, एसिड रिफ्लक्स, अस्थमा या कभी-कभी फेफड़ों की गंभीर बीमारी।
खांसी के प्रकार: सूखी बनाम गीली
खांसी मुख्य रूप से दो तरह की होती है:
1. सूखी खांसी (Dry Cough)
- बलगम नहीं निकलता
- गले में जलन, खराश
- लंबे समय तक परेशान कर सकती है
2. गीली खांसी (Wet/Productive Cough)
- बलगम निकलता है
- आमतौर पर संक्रमण या छाती में जकड़न की वजह से होती है
सूखी खांसी आमतौर पर ज्यादा परेशान करने वाली होती है क्योंकि ये बिना वजह खांसी करवाती रहती है।
सूखी खांसी के आम कारण
1. वायरल इंफेक्शन (सर्दी, फ्लू, COVID-19)
ठीक होने के बाद भी खांसी कई दिनों या हफ्तों तक रह सकती है। इसे पोस्ट-वायरल कफ कहा जाता है।
2. एलर्जी (Allergies)
धूल, परागकण (pollen), पालतू जानवरों के बाल या फफूंदी से एलर्जी होने पर सूखी खांसी हो सकती है।
3. अस्थमा (Asthma)
रात में या एक्सरसाइज के बाद सूखी खांसी आना अस्थमा का लक्षण हो सकता है। इसके साथ सांस फूलना और सीने में जकड़न भी हो सकती है।
4. एसिड रिफ्लक्स (GERD)
पेट का एसिड गले तक पहुंच जाए तो वहां जलन होती है और खांसी शुरू हो जाती है, खासकर खाने के बाद या लेटने पर।
5. पोस्ट-नसल ड्रिप (Postnasal Drip)
नाक से बलगम धीरे-धीरे गले में गिरता है, जिससे गले में खुजली और खांसी होती है।
6. धूम्रपान या स्मोक का संपर्क
सिगरेट पीने या धुएं के संपर्क में आने से गले में जलन होती है जिससे खांसी हो सकती है।
7. वायु प्रदूषण और सूखी हवा
प्रदूषित हवा या अत्यधिक ड्राय क्लाइमेट गले और सांस की नली को चिढ़ा सकते हैं।
8. कुछ दवाइयाँ
ACE inhibitors नामक ब्लड प्रेशर की दवाइयों से खांसी हो सकती है।
9. काली खांसी (Whooping Cough)
ये एक संक्रामक बैक्टीरियल बीमारी है जिसमें तीव्र सूखी खांसी के दौरे आते हैं।
10. गंभीर बीमारियाँ
फेफड़ों का कैंसर, दिल की विफलता या इंटरस्टिशियल लंग डिजीज—ये दुर्लभ लेकिन संभावित कारण हो सकते हैं।
सूखी खांसी के साथ दिखने वाले लक्षण
- गले में खराश या जलन
- आवाज बैठना
- सांस फूलना
- नाक बहना या बंद होना
- छाती में जलन (GERD के साथ)
- कमजोरी और थकान
इन लक्षणों की मदद से डॉक्टर कारण का पता लगाते हैं।
सूखी खांसी कितने समय तक रहती है?
- तीव्र (Acute): 3 हफ्तों से कम (सर्दी, फ्लू, एलर्जी से)
- उप-तीव्र (Subacute): 3 से 8 हफ्ते (वायरल संक्रमण के बाद)
- दीर्घकालिक (Chronic): 8 हफ्तों से अधिक (गंभीर कारणों की संभावना)
अगर खांसी 2–3 हफ्तों से ज्यादा चल रही है, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
सूखी खांसी की जांच कैसे होती है?
डॉक्टर क्या पूछ सकते हैं:
- खांसी कब से है?
- क्या आप स्मोक करते हैं?
- कोई अन्य लक्षण जैसे बुखार या सांस फूलना?
संभावित टेस्ट:
- एक्स-रे या सीटी स्कैन
- फेफड़ों की फंक्शन टेस्ट
- एलर्जी टेस्ट
- पेट का एसिड चेक करने के लिए pH मॉनिटरिंग
सूखी खांसी का इलाज
1. कारण का इलाज करें:
- वायरल इंफेक्शन: आराम करें, पानी पिएं, समय दें
- एलर्जी: एंटीहिस्टामिन, नेजल स्प्रे
- अस्थमा: इनहेलर
- GERD: ऐसिड कंट्रोल करने की दवाएं
- पोस्ट-नसल ड्रिप: डिकंजेस्टेंट या सलाइन स्प्रे
- दवाओं से: दवा बदलवाएं
2. खांसी दबाने की दवा (Cough Suppressant):
- डेक्सट्रोमेथॉर्फैन (Dextromethorphan)
- बेंज़ोनाटेट (Benzonatate – पर्चे पर)
- कोडीन (Codeine – सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर)
बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के ना दें।
घरेलू नुस्खे जो राहत दें
1. गरम पेय पदार्थ पिएं
गरम पानी, चाय या सूप गले को शांत करते हैं।
2. शहद लें
1 चम्मच शुद्ध शहद लेने से गले की जलन और खांसी में राहत मिलती है। (1 साल से कम उम्र के बच्चों को न दें)
3. भाप लें (Steam Inhalation)
गरम पानी की भाप से सांस की नली में नमी आती है और खांसी कम होती है।
4. नमक वाला गरारा
गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालकर गरारा करें।
5. अदरक का सेवन करें
अदरक में सूजन घटाने वाले तत्व होते हैं—इसे चाय में डालें या शहद के साथ चबाएं।
6. ट्रिगर से बचें
धुआं, तेज खुशबू, ठंडी हवा, एलर्जी कारक चीजों से दूर रहें।
7. तकिया ऊँचा रखें
सोते समय सिर ऊँचा रखने से एसिड रिफ्लक्स और पोस्ट-नसल ड्रिप से राहत मिलती है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
- खांसी 3 हफ्ते से ज़्यादा हो
- खून की खांसी हो
- तेज बुखार, छाती में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो
- वजन तेजी से घट रहा हो
- रात में पसीना आता हो
- खांसी की वजह से नींद खराब हो रही हो
बच्चों में सूखी खांसी
बच्चों में भी ये खांसी आम होती है, विशेषकर:
- वायरल संक्रमण
- धूल-धुएं से एलर्जी
- अस्थमा
- ठंडी हवा या परफ्यूम जैसी चीजों से
बच्चों में क्या करें:
- 1 साल से बड़े बच्चों को शहद दें
- गरम पानी या सूप पिलाएं
- कमरे में ह्यूमिडिफायर लगाएं
- OTC दवाएं केवल डॉक्टर की सलाह से दें
कैसे करें सूखी खांसी से बचाव?
- खूब पानी पिएं
- सर्दियों में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें
- धूम्रपान, धुएं और प्रदूषण से बचें
- फ्लू, कोविड, और काली खांसी का टीका लगवाएं
- बार-बार हाथ धोएं
- एलर्जी की चीजों से दूरी बनाएं
- सर्दी-खांसी को नजरअंदाज न करें
COVID-19 और सूखी खांसी
कोरोना वायरस के कई वेरिएंट में सूखी खांसी एक प्रमुख लक्षण है। इसके साथ:
- बुखार
- थकान
- स्वाद या गंध का जाना
- शरीर दर्द हो सकता है
अगर लक्षण मिलते-जुलते हों, तो टेस्ट करवाना ज़रूरी है।
पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: सूखी खांसी रात में क्यों बढ़ जाती है?
लेटने से नाक का बलगम गले में आता है (पोस्ट-नसल ड्रिप) या एसिड ऊपर चढ़ता है (GERD)।
Q2: क्या सूखी खांसी संक्रामक होती है?
खुद खांसी नहीं, लेकिन अगर वायरस या बैक्टीरिया की वजह से है, तो संक्रमण फैल सकता है।
Q3: कई हफ्तों तक चलने वाली खांसी कितनी गंभीर है?
अगर 3 हफ्ते से ज़्यादा हो जाए तो डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
Q4: क्या सूखी खांसी फेफड़ों के कैंसर का लक्षण है?
बहुत कम मामलों में, लेकिन अगर आप स्मोकर हैं, वजन कम हो रहा है, या खून की खांसी हो रही है, तो टेस्ट ज़रूरी है।
सूखी खांसी को हल्के में न लें
सूखी खांसी आम है लेकिन अगर लंबे समय तक रहे, तो शरीर के किसी गहरे इशारे को नज़रअंदाज नहीं करें।
समय पर इलाज, घरेलू उपाय और ट्रिगर से बचाव से राहत मिल सकती है। लेकिन अगर खांसी बिगड़ती जाए, जीवन प्रभावित करे या कोई अन्य गंभीर लक्षण दिखे—तो बिना देरी डॉक्टर से मिलें।
आपके फेफड़े और गला रोज़ आपके लिए काम करते हैं — उनका ख्याल रखें।
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