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जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ शुरू.

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आदि कर्मयोगी अभियान आदिवासी समुदायों के जीवन में लाएगा व्यापक परिवर्तन – उपायुक्त

आदिवासी परिवारों तक गरिमा और शीघ्रता से सेवाएं पहुंचाना उद्देश्य – उप सचिव

धनबाद । आदि कर्मयोगी अभियान के रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर का चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होटल ग्रैंड मिराज में शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन ने कहा कि इस प्रशिक्षण से राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वन के लिए नेतृत्व मिलेगा। केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाएं और सभी शिकायत की संतृप्ति होगी। जिसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति को प्राप्त होगा। यह कार्यक्रम आदिवासी समुदायों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाएगा।

उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने सर्वाधिक प्रयास से केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को शत प्रतिशत पूरा करें। योजनाओं में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान करें।

इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के उप सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन है। जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर आदिवासी नेतृत्व को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि हर आदिवासी परिवार तक गरिमा और शीघ्रता से सेवाएं पहुंचे। इस मिशन का केंद्रबिंदु जनता है। इस महान प्रयास के क्रियान्वयन में जनजातीय कार्य मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन, केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओरामजी, राज्य मंत्री दुर्गादास उइकेजी के मार्गदर्शन और जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रतिभाशाली सचिव विभु नायरजी के नेतृत्व में यह अभियान स्पष्टता और तत्परता के साथ आगे बढ़ रहा है।

आदि कर्मयोगी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह 550 से ज़्यादा जिलों के 1 लाख आदिवासी बहुल गाँवों में 20 लाख प्रशिक्षित परिवर्तन नेतृत्वकर्ता का एक केडर तैयार करने का एक मिशन-संचालित प्रयास है। ताकि समाज के अंतिम छोर तक पहुंचना एक सामान्य कार्य बन जाए।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तीन सरल स्तंभों पर टिका है। आदि कर्मयोगी (राज्य, ज़िला, ब्लॉक, पंचायत स्तर पर सरकारी अधिकारी), आदि सहयोगी (युवा नेता, शिक्षक, डॉक्टर, सेवा प्रदाता) तथा आदि साथी (स्वयं सहायता समूह के सदस्य, आदिवासी बुजुर्ग, स्वयंसेवक)। ये सभी स्थानीय समाधानों और तेज़ परिणामों के लिए मिलकर काम करते हैं।

कहा कि एक व्यापक प्रशिक्षण मॉडल के माध्यम से राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर मास्टर प्रशिक्षकों की अभिसरण, सामुदायिक सहभागिता और उत्तरदायी शासन पर अग्रिम पंक्ति की टीमों को मार्गदर्शन देने के लिए तैयार किया जा रहा है। उदाहरण देते हुए कहा कि ओडिशा में यह अभियान 22 जिलों, 213 ब्लॉक और 7,623 आदिवासी गाँवों में चलाया जा रहा है। जहाँ स्थानीय टीमों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अपने समुदायों में विकास और सेवा वितरण का नेतृत्व कर सकें।

यह अभियान स्मार्ट गवर्नेंस पर भी आधारित है। यह ग्रामीण विकास, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल शक्ति और पर्यावरण जैसे प्रमुख विभागों में शिकायत निवारण, स्थानीय नियोजन और समन्वित कार्यान्वयन को सक्षम बनाता है, ताकि समुदायों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भागे बिना निर्बाध सेवाएँ मिल सकें।

इस कार्य को बड़े पैमाने पर समर्थन देने के लिए आदि कर्मयोगी पोर्टल पंजीकरण, प्रशिक्षण मॉड्यूल, रीयल-टाइम डैशबोर्ड, ग्राम विजनिंग टेम्प्लेट और फ़ीडबैक व शिकायत निगरानी के लिए उपकरण प्रदान करता है। जिससे डेटा को कार्रवाई में और कार्यवाई को प्रभाव में बदला जा सके।

उन्होंने कहा कि विज़न निर्धारित करना, कार्यकर्ताओं का निर्माण करना, अंतर-मंत्रालयी कन्वर्जेस को आगे बढ़ाना और डिजिटल उपकरणों तथा क्षेत्रीय फीडबैक के माध्यम से परिणामों पर नज़र रखने में जनजातीय कार्य मंत्रालय एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। इस मिशन को प्रधानमंत्री जनमन और राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन जैसी पहलों से जोड़कर, मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर प्रयास शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और जीवन की गरिमा में वास्तविक बदलाव लाए।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन विश्वास का है। आदि कर्मयोगी और उनके सहयोगी व साथी समुदायों के साथ मिलकर चुने जाते हैं। ग्राम सभाओं के साथ मिलकर काम करते हैं। भाषाओं और संस्कृतियों का संरक्षण करते हैं। यह भी सुनिश्चित करते हैं कि पहचान और प्रगति साथ-साथ चले, एक दूसरे की कीमत पर नहीं।

कार्यक्रम में धनबाद, देवघर, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज, दुमका, गिरिडीह एवं गोड्डा जिले के वन, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, ग्रामीण विकास एवं कल्याण विभाग के कर्मियों को जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण 21 अगस्त 2025 तक जारी रहेगा। इसके पश्चात 28, 29 एवं 30 अगस्त को डीपीआरसी भवन में तीन दिवसीय प्रखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। जो ग्रामीण स्तर के कर्मियों एवं युवकों को प्रशिक्षण देंगे।

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