धनबाद : धनबाद जिला अंतर्गत शक्तिचौक के समीप स्थित आयोबेटा कार्यालय में शुक्रवार दोपहर एक महत्वपूर्ण बैठक आदिवासी संगठनों से की गई। बैठक में टाटा जमशेदपुर से आए आदिवासी महासभा के महासचिव कृष्णा हंसदा और माझी परगना महल के सलाहकार पंचानन सोरेन विशेष रूप से उपस्थित रहे।
बैठक में आगामी 14 सितंबर को जमशेदपुर में “आदिवासी सांवता सुसार अखाड़ा” के बैनर तले आयोजित होने वाले आदिवासी महा दरबार की तैयारियों पर चर्चा की गई। इस दौरान धनबाद के विभिन्न आदिवासी संगठनों को आमंत्रण पत्र (निमंत्रण पत्र) सौंपा गया। बैठक में आदिवासी समाज की उन्नति, परंपराओं की रक्षा और संगठन की मजबूती पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही राज्य सरकार के उस हालिया निर्णय पर नाराज़गी जताई गई। जिसमें जनजातीय भाषाओं को नज़रअंदाज़ कर अन्य भाषाओं के विकास के लिए साहित्य अकादमी को मंजूरी दी गई है। प्रतिनिधियों ने कहा कि यह मुद्दा महा दरबार में ज़ोर-शोर से उठाया जाएगा और विरोध-प्रदर्शन भी किया जाएगा।
बैठक में सोनोत संथाल समाज धनबाद, आदिवासी सेचेद अखाड़ा धनबाद, खेरवाल जुमीद गावंता बलियापुर और आदिवासी युवा मोर्चा निरसा के पदाधिकारी मौजूद रहे।प्रमुख रूप से सनातन सोरेन, सुरेंद्र हेंब्रम, परवीन हंसदा, रतन मरांडी, संजीव हेंब्रम, विधायक प्रतिनिधि बिरजू सोरेन सहित बड़ी संख्या में आदिवासी संगठन शामिल हुए।
इसके अलावा अलसा सोरेन, रमेश सोरेन, उमेश हेंब्रम, सुधीर हेंब्रम, राजेश मरांडी, शिव कुमार सोरेन, लखन लाल टुडू, प्रदीप, रविंद्र हंसदा और मनसा राम मुर्मू समेत कई अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
Leave a comment