Home हेल्थ रोज पिएं ये 7 आयुर्वेदिक चाय, शरीर को मिलेंगे गजब के फायदे
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रोज पिएं ये 7 आयुर्वेदिक चाय, शरीर को मिलेंगे गजब के फायदे

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collection of Ayurvedic herbal teas
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“जानिए आयुर्वेदिक हर्बल चाय के चमत्कारिक फायदे! रोजाना पीने वाली चाय को बनाएं सेहत का खजाना। इम्यूनिटी बूस्ट करने, पाचन सुधारने और तनाव कम करने वाली 7 विशेष हर्बल टी की रेसिपी और उनके लाभ।”

आयुर्वेदिक हर्बल चाय के फायदे: 7 चमत्कारिक काढ़े जो बदल दें आपकी सेहत

भारतीय संस्कृति में चाय का विशेष स्थान है, परंतु क्या आप जानते हैं कि साधारण चाय की जगह यदि आयुर्वेदिक हर्बल चाय का सेवन किया जाए तो यह सेहत के लिए वरदान साबित हो सकती है? आयुर्वेद में विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों से बनी चाय के ऐसे फायदे बताए गए हैं जो आधुनिक विज्ञान ने भी माने हैं। आज हम जानेंगे ७ ऐसी आयुर्वेदिक हर्बल चाय के बारे में जो न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन हैं बल्कि सेहत के लिए भी अमृत समान हैं।

तुलसी की चाय: प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर

तुलसी को आयुर्वेद में ‘देवी’ के समान माना जाता है और इसकी चाय सेहत के लिए अमृत समान है। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। तुलसी की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में ८-१० तुलसी की ताज़ी पत्तियाँ डालकर उबालें। पानी आधा रह जाने पर इसे छानकर थोड़ा सा शहद मिलाकर पिएं। इस चाय के नियमित सेवन से सर्दी-जुकाम, खांसी और श्वसन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है। यह चाय तनाव कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में भी सहायक है।

अदरक की चाय: पाचन तंत्र का मित्र

अदरक की चाय आयुर्वेद में पाचन संबंधी समस्याओं के लिए रामबाण मानी जाती है। अदरक में जिंजरोल नामक तत्व पाया जाता है जो पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाता है और भोजन के पाचन में सहायता करता है। अदरक की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में अदरक का एक छोटा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ) डालकर उबालें। ५ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएं। इस चाय के नियमित सेवन से अपच, गैस, कब्ज और मितली की समस्या में आराम मिलता है। सर्दियों में इस चाय का सेवन शरीर को अंदर से गर्मी प्रदान करता है।

हल्दी वाली चाय: प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी

हल्दी वाली चाय आयुर्वेद की सबसे गुणकारी हर्बल चाय में से एक है। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। हल्दी की चाय बनाने के लिए एक कप पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर उबालें। इसमें थोड़ी सी काली मिर्च डालें जो करक्यूमिन के अवशोषण को बढ़ाती है। ५ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर थोड़ा सा नारियल तेल और शहद मिलाकर पिएं। इस चाय के नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया में आराम मिलता है। यह चाय त्वचा के लिए भी बहुत लाभदायक है।

तुलसी-अदरक की चाय: सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज

तुलसी और अदरक का combination सर्दी-जुकाम और खांसी के लिए आयुर्वेद में सबसे प्रभावी माना जाता है। तुलसी में एंटी-वायरल गुण होते हैं तो अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इस चाय को बनाने के लिए एक कप पानी में ५-६ तुलसी की पत्तियाँ और अदरक का एक छोटा टुकड़ा डालकर उबालें। ५-७ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर थोड़ा सा शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस चाय के सेवन से गले की खराश, सर्दी-जुकाम और बुखार में आराम मिलता है। मौसम बदलने के समय इस चाय का सेवन विशेष रूप से लाभदायक होता है।

दालचीनी की चाय: मधुमेह रोगियों के लिए वरदान

दालचीनी की चाय आयुर्वेद में मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से推荐 की जाती है। दालचीनी में मैंगनीज, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस चाय को बनाने के लिए एक कप पानी में दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा डालकर उबालें। ५ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर थोड़ा सा शहद मिलाकर पिएं। इस चाय के नियमित सेवन से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। दालचीनी की चाय metabolism को boost करती है और वजन घटाने में सहायक होती है।

पुदीने की चाय: तनाव दूर करने वाली

पुदीने की चाय आयुर्वेद में तनाव और चिंता दूर करने के लिए जानी जाती है। पुदीने में menthol नामक तत्व पाया जाता है जो मांसपेशियों को आराम देता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इस चाय को बनाने के लिए एक कप पानी में ताज़े पुदीने की १०-१२ पत्तियाँ डालकर उबालें। ३-४ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर शहद मिलाकर पिएं। इस चाय के सेवन से सिरदर्द, माइग्रेन और अपच में आराम मिलता है। पुदीने की चाय मुंह की दुर्गंध दूर करने में भी सहायक होती है।

अजवाइन की चाय: पेट की समस्याओं का समाधान

अजवाइन की चाय आयुर्वेद में पेट की समस्याओं के लिए सबसे प्रभावी मानी जाती है। अजवाइन में thymol नामक तत्व पाया जाता है जो पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाता है। इस चाय को बनाने के लिए एक कप पानी में आधा चम्मच अजवाइन डालकर उबालें। ५ मिनट उबालने के बाद इसे छानकर थोड़ा सा नमक मिलाकर पिएं। इस चाय के सेवन से गैस, अपच, कब्ज और पेट दर्द में आराम मिलता है। अजवाइन की चाय menstrual cramps में भी आराम प्रदान करती है।

आयुर्वेदिक चाय पीने का सही तरीका

आयुर्वेद के अनुसार हर्बल चाय पीने का भी एक सही तरीका होता है। चाय हमेशा ताज़ी बनी हुई पिएं, बासी चाय का सेवन न करें। चाय को हमेशा sips में पिएं, एक साथ जल्दी-जल्दी न पिएं। चाय पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है जब पेट खाली हो। भोजन के तुरंत बाद चाय का सेवन न करें। चाय में चीनी की जगह शहद या गुड़ का use करें। गर्भवती महिलाएं और specific medical conditions वाले लोग चाय का सेवन करने से पहले doctor से consult करें।

आयुर्वेदिक हर्बल चाय प्रकृति का एक अनमोल उपहार है जो न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है बल्कि सेहत के लिए भी अमृत समान है। इन चायों का नियमित सेवन करके आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। आयुर्वेद की ancient wisdom और modern science की research दोनों ही इन चायों के गुणों की पुष्टि करती हैं। इन्हें अपने daily routine का हिस्सा बनाएं और सेहत के इन खजानों का लाभ उठाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: क्या आयुर्वेदिक चाय का सेवन बच्चे कर सकते हैं?
हां, लेकिन मात्रा कम रखें और doctor की सलाह के बाद ही दें।

प्रश्न 2: एक दिन में कितनी बार हर्बल चाय पी सकते हैं?
दिन में २-३ बार हर्बल चाय पी सकते हैं, अधिक मात्रा में न पिएं।

प्रश्न 3: क्या गर्भवती महिलाएं इन चाय का सेवन कर सकती हैं?
कुछ चाय safe हैं, लेकिन doctor की सलाह जरूर लें।

प्रश्न 4: चाय में चीनी की जगह क्या use करें?
चीनी की जगह शहद, गुड़ या stevia का use कर सकते हैं।

प्रश्न 5: क्या ये चाय weight loss में help करती हैं?
हां, कुछ चाय metabolism boost करके weight loss में help करती हैं।

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