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क्या बच्चों की एलर्जी बढ़ा रहा है प्रदूषण? 

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वायु प्रदूषण का बच्चों की एलर्जी और सांस की बीमारियों पर सीधा असर होता है। प्रदूषण और बच्चों की एलर्जी के बीच संबंध, लक्षण, बचाव के उपाय और विशेषज्ञों की सलाह

बच्चों की एलर्जी और प्रदूषण का क्या संबंध है?

भारत में बच्चों में एलर्जी और सांस संबंधी बीमारियों की संख्या चिंता बढ़ाने वाली तेजी से बढ़ रही है। इसमें प्रदूषण की भूमिका एक प्रमुख कारण मानी जा रही है। शुद्ध हवा की कमी, खासकर बड़े शहरों और औद्योगिक इलाकों में, बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है। यह लेख वैज्ञानिक तथ्यों एवं विशेषज्ञों की राय के आधार पर प्रदूषण और बच्चों की एलर्जी के बीच के गहरे कनेक्शन को समझाएगा।


1. वायु प्रदूषण क्या है?

  • वायु प्रदूषण में शामिल हैं PM2.5, PM10, नाइट्रोजन डायऑक्साइड, सल्फर डायऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे विषैले कण और गैसें।
  • ये प्रदूषक औद्योगिक धुआं, वाहनों के उत्सर्जन, धूल का तूफ़ान, और ईंधन जलने से निकलते हैं।
  • बच्चे वयस्कों के मुकाबले अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी सांस की दर ज्यादा है और अंग विकसित हो रहे हैं।

2. प्रदूषण और बच्चों की एलर्जी का वैज्ञानिक संबंध

  • प्रदूषित हवा से सांस की नली में सूजन और अस्थमा जैसी बीमारी विकसित हो सकती है।
  • विभिन्न एलर्जी जैसे खाद्य एलर्जी, धूल, पराग, और फफूंद से उत्पन्न प्रतिक्रिया प्रदूषण के कारण बढ़ जाती है।
  • PM2.5 कण रक्त-मस्तिष्क बाधा पार कर संज्ञात्मक विकास को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे सीखने और व्यवहार समस्याओं का खतरा बनता है।

3. बच्चों में एलर्जी के लक्षण

  • बार-बार छींकना, नाक बहना, सांस में दिक्कत होना, और आंखों में खुजली।
  • त्वचा पर दाने, सूजन, खाज-खुजली।
  • अचानक ब्रोंकाइटिस या अस्थमा के अटैक।
  • भूख कम लगना, थकान होना।

4. प्रदूषण से बचाव के प्रभावी उपाय

  • दिन में हवा की गुणवत्ता देखें और ज्यादा प्रदूषित समय में बच्चों को बाहर न निकालें।
  • घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
  • भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों से बच कर घर तक पहुंचो।
  • घर की सफाई नियमित करें और पराग, धूल को कम रखें।
  • घरों में इनडोर पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करें।
  • बच्चों के लिए एन-95 मास्क का उपयोग करें खासकर बाहर निकलते समय।

5. डॉक्टर और विशेषज्ञ क्या सलाह देते हैं?

  • किसी भी एलर्जी के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं।
  • एलर्जी परीक्षण करवा कर ट्रिगर फाइंड करें।
  • डॉक्टर की सलाह पर ही मेडिकेशन या सप्लीमेंट लें।
  • बच्चों को संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और फिजिकल एक्टिविटी दें।

6. जीवनशैली और पर्यावरण सुधार में भूमिका

  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकारी योजनाओं का समर्थन करें।
  • बच्चों को खुले वेंटिलेटेड स्थलों पर खेलवाएं।
  • स्वच्छता और स्वास्थ्य शिक्षा बढ़ाएं।
  • प्रकृति के करीब रहना, ताजी हवा में समय बिताना।

FAQs:

  1. बच्चों में एलर्जी के सामान्य लक्षण क्या हैं?
  2. क्या प्रदूषण बच्चों की श्वसन समस्याओं को बढ़ाता है?
  3. वायु प्रदूषण से बच्चों की एलर्जी कैसे बचाएं?
  4. क्या सभी बच्चों को एन-95 मास्क की जरूरत होती है?
  5. एलर्जी के लिए कब डॉक्टर से मिलना चाहिये?
  6. क्या घरेलू उपाय एलर्जी में काम आते हैं?
  7. प्रदूषण कम करने के लिए हम क्या कदम उठा सकते हैं?
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