नेपाल में Gen Z विरोध प्रदर्शन के कारण कर्फ्यू लागू, सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग तेज; राजनीतिक संकट गहराया।
नेपाल में Gen Z विरोध प्रदर्शन: कर्फ्यू के बीच सुशीला कार्की को मध्यवर्ती पीएम बनाने की उठती मांग
नेपाल में छात्रों और युवा नेताओं के नेतृत्व वाले Gen Z समूह ने देश में राजनीतिक संकट के बीच बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों के चलते देश के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया। Gen Z ने सुशीला कार्की को मध्यवर्ती प्रधानमंत्री बनाने की मांग की है, जिससे राजनीतिक हलचल और तेज़ हो गई है।
नेपाल में हालात सामान्य हो रहे हैं। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी ने बताया कि ‘Gen Z’ प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को देश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की मांग की थी, जिसे काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने भी समर्थन दिया था। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से तुरंत अंतरिम सरकार बनाने और संसद को भंग करने की अपील भी की थी।
इसके बाद काठमांडू हवाई अड्डा एक दिन बाद फिर से खोल दिया गया है, हालांकि वहां कर्फ्यू लागू रहेगा। नेपाल में सभी एयरपोर्ट्स को भ्रष्टाचार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के कारण बंद कर दिया गया था। इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की वजह से हुई थी। हालांकि, केपी ओली ने इस्तीफा देने से पहले प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन नेपाल में भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में काफी समय से गुस्सा भरा हुआ था।
नेपाल के 18 जेलों से बुधवार को 13 हजार से ज्यादा कैदी फरार हो गए थे, जिनमें सबसे ज्यादा काठमांडू के सुन्धरा जेल से कैदी भागे। अब नेपाल अंतरिम सरकार पर अहम वार्ता के लिए तैयार है। Gen Z ने प्रधानमंत्री पद के लिए सुशीला कार्की पर भरोसा जताया है।
काठमांडू सहित विभिन्न इलाकों में कर्फ्यू जारी रहते हुए हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रहे हैं, और देश में स्थिरता बहाल करने के प्रयास जारी हैं।

प्रदर्शन के कारण और पृष्ठभूमि
- पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गतिरोध और सरकार गठन में अड़चन।
- Gen Z समूह ने युवा और लोकतांत्रिक भागीदारी के लिए अपनी आवाज़ बुलंद की।
- सुशीला कार्की को इस चुनौतीपूर्ण दौर में नेतृत्व के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
कर्फ्यू का प्रभाव
- भद्रकाली, काठमांडू समेत कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर प्रदर्शनकारियों की गतिविधि सीमित।
- प्रशासन की ओर से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े कदम।
- प्रदर्शनकारियों ने संयम बरतने और शांतिपूर्ण संवाद की बाबत सरकार से अपील की।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
- सेना प्रमुख और राष्ट्रपति के साथ Gen Z के प्रतिनिधियों की बैठकों का दौर चल रहा है।
- राजनीतिक दलों में मध्यवर्ती सरकार के उम्मीदवार को लेकर असमंजस।
- सुशीला कार्की के नाम का समर्थन कई युवाओं और कुछ राजनीतिक समूहों द्वारा किया गया।
भविष्य की संभावनाएं
- संसद के बाहर राजनीतिक विवादों का समाधान पार्टियों और Gen Z के बीच संवाद से संभव।
- नया मध्यवर्ती नेतृत्व स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी निभाएगा।
- देश में लोकतंत्र की मजबूती और स्थिरता के लिए सभी पक्षों से बातचीत की उम्मीद।
FAQs
Q1. Nepal में Gen Z प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग क्या है?
उत्तर: सुशीला कार्की को नया मध्यवर्ती प्रधानमंत्री बनाना।
Q2. कर्फ्यू कब और किन क्षेत्रों में लगाया गया?
उत्तर: भद्रकाली, काठमांडू समेत प्रमुख शहरों में प्रदर्शन के चलते।
Q3. क्या राष्ट्रपति और सेना प्रमुख ने Gen Z के साथ बैठक की है?
उत्तर: हाँ, राजनीतिक संकट को सुलझाने लिए बातचीत जारी है।
Q4. पूर्व पीएम के पी शर्मा ओली ने इस्तीफा क्यों दिया?
उत्तर: व्यापक विरोध और राजनीतिक दबाव के कारण।
Q5. क्या सुशीला कार्की के नाम को सभी स्वीकार करते हैं?
उत्तर: कुछ युवा समूहों का समर्थन है, पर पूरी सहमति अभी नहीं बनी।
Q6. नेपाल की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में क्या उम्मीद की जा सकती है?
उत्तर: मध्यवर्ती सरकार बनाकर जल्द चुनाव कराने की दिशा में प्रयास।
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