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कैसे करें पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों के निधन पर इंश्योरेंस क्लेम ? Insurance Claim Process

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Insurance Claim Process: अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी भी निधन हो जाए, तो बीमा क्लेम की राशि किसे मिलेगी और क्लेम प्रक्रिया क्या होगी

Insurance Claim Process: नॉमिनी की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस क्लेम का पैसा किसे मिलेगा?

Insurance Claim Process: बीमा पॉलिसी खरीदते समय आमतौर पर पॉलिसीधारक एक नॉमिनी नामित करता है, जो पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस राशि प्राप्त करता है। लेकिन सवाल उठता है कि अगर पॉलिसीधारक के बाद नॉमिनी की भी मृत्यु हो जाए तो उस बीमा राशि का क्लेम कैसे किया जाता है और पैसा किसे मिलेगा? यह स्थिति बीमा धारकों और उनके परिवार के लिए भ्रमित करने वाली हो सकती है।

नॉमिनी की भूमिका और अधिकार

Insurance Claim Process: नॉमिनी का नामांकन असल में पैसे का ट्रांसफर आसान बनाने के लिए होता है, ताकि क्लेम राशि बिना किसी कानूनी जंजट के सीधे नॉमिनी को मिल सके। परंतु, नॉमिनी बीमा राशि का असली हकदार नहीं होता, बल्कि वह उस रकम का प्रतिनिधि होता है। असली लाभार्थी वह होता है जिसे पॉलिसीधारक ने नॉमिनी की मृत्यु की स्थिति में लाभार्थी (beneficiary) के रूप में नामित किया होता है।

जब नॉमिनी का भी निधन हो जाए

  • यदि असली लाभार्थी भी नामित हो और वह जीवित हो:
    इस स्थिति में, भुगतान सीधे उस असली लाभार्थी को किया जाएगा। इस प्रक्रिया में लाभार्थी को मृत प्रमाण पत्र, पॉलिसी संबंधित दस्तावेज़ और पहचान पत्र जमा करना होता है।
  • अगर असली लाभार्थी नामित नहीं हो या वह भी मृत हो:
    ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी क्लेम राशि का भुगतान पॉलिसीधारक के निवास स्थान के कानूनी वारिसों को करेगी। कानूनी वारिसों के लिए कानूनी प्राधिकारी (अधिपत्र) की जरूरत पड़ सकती है।
  • बीमा कंपनी की जांच:
    बीमा कंपनी इस स्थिति में मृतकों के प्रमाणपत्र, दस्तावेज़ों और वारिसों की जानकारी जांचकर तय करती है कि पैसे का भुगतान किसे किया जाए।

क्लेम प्रक्रिया

  • पॉलिसीधारक या नॉमिनी के निधन की सूचना बीमा कंपनी को तुरंत दें।
  • मृत्यु प्रमाण पत्र, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।
  • ग्राहक सेवा या कस्टमर केयर के साथ संपर्क करें और वारिस प्रमाणित करें।
  • वारिसियों की पहचान पत्र और ऐसे अन्य दस्तावेज़ बनाएं जो कंपनी मांगती है।
  • यदि विवाद हो तो अदालत से अधिपत्र (Succession Certificate) प्राप्त करें।

कानूनी सलाह और सावधानियां

बीमा करते समय लाभार्थी को स्पष्ट रूप से नामित करना महत्वपूर्ण है। साथ ही, पॉलिसी में नॉमिनी की मृत्यु की स्थिति में लाभार्थी के चयन के विकल्प को अपडेट करना चाहिए। इससे बाद में क्लेम प्रक्रिया में आसानी होती है।


कानूनी सलाह

  1. नॉमिनी व लाभार्थी की स्पष्ट पहचान करें
    बीमा पॉलिसी बनाते समय नॉमिनी के साथ-साथ असली लाभार्थी (beneficiary) भी स्पष्ट रूप से लिखवा लें। यह क्लेम प्रक्रिया को सरल बनाता है।
  2. वारिसों की कानूनी स्थिति समझें
    यदि नॉमिनी का निधन हो जाता है और कोई लाभार्थी नामित नहीं होता, तो बीमा राशि की मिल्कियत वारिसों को जाती है। इसलिए वारिस साबित करने के लिए स्थानीय अदालत से अधिपत्र (Succession Certificate) या वसीयत का प्रमाणपत्र (Probate) लेना आवश्यक होता है।
  3. पूर्व योजना बनाएं
    विवाद से बचने और क्लेम प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पॉलिसीधारक अपना करणीय कानूनी दस्तावेजों को नियमित अपडेट करें, जैसे वसीयत (Will), नॉमिनी अपडेट और वारिस पहचान।
  4. दस्तावेजों की उपलब्धता बनाए रखें
    मृत्यु प्रमाण पत्र, पॉलिसी दस्तावेज, पहचान पत्र और अन्य आवश्यक कागजात हमेशा रखें। क्लेम के समय ये महत्वपूर्ण होते हैं।
  5. मदद के लिए कानूनी विशेषज्ञ से संपर्क करें
    यदि क्लेम प्रक्रिया में विवाद हो या वारिस पहचान कठिन हो तो अनुभवी बीमा वकील या कानूनी सलाहकार की मदद लें।

क्लेम फॉर्मेट और दस्तावेजों की सूची

1. इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म

  • यह फॉर्म बीमा कंपनी की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या ऑफिस जाकर प्राप्त किया जा सकता है।
  • फॉर्म में पॉलिसीधारक, नॉमिनी (यदि जीवित हों), और क्लेम राशि प्राप्त करने वाले वारिसों की जानकारी भरनी होती है।
  • मृत्यु की तिथि, कारण, और संबंधित विवरण साफ-साफ लिखें।

2. अनिवार्य दस्तावेज़

  • मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) – पॉलिसीधारक और/या नॉमिनी के लिए।
  • पीओआई (पहचान का प्रमाण) और पीओए (पते का प्रमाण)
  • बीमा पॉलिसी की कॉपी
  • वारिसों का कानूनी प्रमाण (अधिपत्र/परोबत), अगर नॉमिनी का निधन हो चुका हो।
  • नॉमिनी का मृत प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)।
  • बैंक खाते का विवरण जहां क्लेम राशि ट्रांसफर होगी।
  • मेडिकल रिपोर्ट या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, अगर आवश्यकता हो।

3. अतिरिक्त दस्तावेज़ (हालात के अनुसार)

  • FIR या पुलिस रिपोर्ट (यदि मृत्यु संदिग्ध हो)।
  • कोर्ट से ली गई अन्य कानूनी मंजूरी या आदेश।
  • वसीयत और उससे संबंधित दस्तावेज।

4. क्लेम फॉर्म भरने का तरीका

  • स्पष्ट और सही जानकारी भरें।
  • फोटोकॉपी के साथ असली दस्तावेज लेकर जाएं।
  • सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की संलग्न प्रति लगाएं।
  • कंपनी के क्लेम विभाग को प्रति समय फॉलो-अप करें।

सुझाव

विवाद या जटिल मामलों में कानूनी सलाह के साथ ही म्यूचुअल सेटलमेंट ऑफर पर विचार करें।

क्लेम प्रक्रिया शुरू करने से पहले बीमा कंपनी के कस्टमर केयर से पूरी जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है।

सभी दस्तावेज़ों का सही तरीके से स्कैनिंग और सुरक्षित भंडारण करें।

FAQs

Q1: यदि नॉमिनी की मृत्यु हो जाए तो बीमा राशि किसे मिलेगी?
A1: लाभार्थी या पॉलिसीधारक के कानूनी वारिसों को।

Q2: क्या नॉमिनी असली हकदार होता है?
A2: नहीं, नॉमिनी का रोल ट्रांसफर एजेंट जैसा है।

Q3: क्लेम में कौन से दस्तावेज़ जरूरी होते हैं?
A3: मृत्यु प्रमाण पत्र, मेडिकल रिपोर्ट, पहचान पत्र, वारिसों के दस्तावेज़।

Q4: क्या क्लेम में विवाद होता है तो क्या करें?
A4: अदालत से अधिपत्र (Succession Certificate) लें।

Q5: लाभार्थी को अपडेट करना क्यों जरूरी है?
A5: क्लेम प्रक्रिया सरल और तेज़ करने के लिए।

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