ईरानी मजदूर अधिकार कार्यकर्ता और महिला अधिकार समर्थक Sharifeh Mohammadi को दो बार मौत की सजा, उनका मुकदमा राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन न्याय की जल्द मांग कर रहे हैं।
ईरान की श्रम कार्यकर्ता Sharifeh Mohammadi को दो बार मौत की सजा, अंतरराष्ट्रीय निंदा
46 वर्षीय श्रीफे मोहम्मदी, एक प्रसिद्ध मजदूर अधिकार कार्यकर्ता और महिला समर्थक, ईरान की कट्टर न्याय व्यवस्था में दो बार मौत की सजा सुनाई गई है। दिसंबर 2023 से बंदी श्रीफे पर राज्य के खिलाफ हथियारबंद विद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन मानवाधिकार समूह इस मुकदमे को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हैं।
श्रम और मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में मोहम्मदी की भूमिका
मोहम्मदी रसत, कैस्पियन सागर के पास एक प्रमुख ईरानी शहर में श्रमिक संघों के गठन में सक्रिय थीं। उनकी मुहिम ने सरकार की नजर में प्रतिद्वंद्वी समूह का रंग लिया। कथित तौर पर, उनका आंदोलन मजदूरों के अधिकारों के लिए था, न कि किसी हथियारबंद विद्रोह के लिए।
मुकदमे की गड़बड़ियाँ और आलोचना
- मुकदमे की सुनवाई के दौरान कई न्यायाधीश पारिवारिक संबंधों में थे, जिससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा हुआ।
- उनके खिलाफ लगाए गए कानून अस्पष्ट और व्यापक हैं, जिन्हें विरोध प्रदर्शन या राजनीतिक गतिविधि के खिलाफ प्रयोग किया जाता है।
- अम्नेस्टी इंटरनेशनल और कई यूरोपीय ट्रेड यूनियनों ने सजा को अमानवीय बताया और तत्काल रिहाई की मांग की है।
ईरानी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ईरान में भी शिक्षकों के संघ और अन्य संगठनों ने इस निर्णय की निंदा की है। श्रम कारखानों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां मुकदमे का निष्पक्ष परीक्षण और श्रम अधिकारों की सुरक्षा की मांग हो रही है।
मानवाधिकार की चुनौती
तीन अपराध जिन्हें ईरानी कानून के तहत मौत की सजा मिलती है (मोहरेब, भ्रष्टाचार और बागी), का दुरुपयोग विरोध गतिविधियों को दबाने के लिए किया जा रहा है। मोहम्मदी का मामला इस गंभीर मानवाधिकार संकट को उजागर करता है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: श्रीफे मोहम्मदी पर क्या आरोप हैं?
A: हथियारबंद विद्रोह और राज्य विरोधी गतिविधियाँ।
Q2: उनकी मौत की सजा कितनी बार सुनाई गई है?
A: दो बार।
Q3: मानवाधिकार संगठन क्या कहते हैं?
A: यह मुकदमा राजनीतिक प्रेरित, अन्यायपूर्ण और अमानवीय है।
Q4: ईरानी न्यायव्यवस्था पर क्या सवाल उठ रहे हैं?
A: न्यायाधीशों के पारिवारिक संबंध और अस्पष्ट कानूनों के दुरुपयोग पर।
Q5: अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कैसी रही?
A: यूरोपियन ट्रेड यूनियन्स और अम्नेस्टी इंटरनेशनल ने तुरंत रिहाई मांगी है।
Q6: मोहम्मदी का आंदोलन किसलिए था?
A: श्रमिकों के अधिकारों के समर्थन में।
यह मामला ईरान में कानून और मानवाधिकार के बीच जारी संघर्ष को दर्शाता है, जो शांतिपूर्ण आंदोलनों को भी दमन में बदल सकता है। श्रीफे मोहम्मदी का केस वैश्विक मानवाधिकार बहस में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है।
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