Honda Cars India ने 2 लाख कारों का निर्यात किया। जापान, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको सहित 33 देशों में पहुंची HCIL की कारें।
Honda Cars India ने 2 लाख कारों का निर्यात किया, 33 देशों तक पहुंची भारत में बनी कारें
Honda Cars India Ltd (HCIL) ने वैश्विक बाजार में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात क्षमताओं का लोहा मनाते हुए दो लाख कारों का निर्यात पूरा कर लिया है। भारतीय उत्पादन से बनी इन कारों को दुनिया के 33 विभिन्न देशों में भेजा गया है, जिससे भारत के ‘Make in India’ मिशन को एक नई शक्ति मिली है।
निर्यात का विस्तार और खास बाजार
शुरुआती दौर में HCIL ने दक्षिण एशियाई देशों (SAARC), दक्षिण अफ्रीका और SADC देशों को निर्यात शुरू किया था। पहले 50,000 यूनिट्स तक यह निर्यात सीमित क्षेत्रीय बाजारों तक था। इसके बाद के 2.5 वर्षों में 50,000 और यूनिट्स फिर अगले 2 वर्षों में 1,00,000 यूनिट्स निर्यात की गईं।
आज HCIL के वाहन मिडिल ईस्ट, मैक्सिको, तुर्की, जापान, दक्षिण अमेरिका, और कैरिबियन के देशों में पहुंच रहे हैं। जापान HCIL निर्यात का 30% हिस्सा प्राप्त करता है। 26% हिस्सेदारी दक्षिण अफ्रीका और SADC के देशों की है। मैक्सिको 19%, तुर्की 16%, जबकि बाकी के 9% हिस्सेदारी में मिडिल ईस्ट, SAARC, कैरिबियन और दक्षिण अमेरिका आते हैं।
मुख्य निर्यात मॉडल
Honda City और Honda Elevate (जोकि जापान में WR-V के नाम से जाना जाता है) HCIL निर्यात में 78% हिस्सा रखते हैं। बाकी 22% हिस्सेदारी Brio, Amaze, Jazz, BR-V, Mobilio, City e:HEV, Accord, और CR-V जैसे मॉडलों की है।
प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता
HCIL के विनिर्माण केंद्र उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुए न केवल घरेलू मांग पूरी करते हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरने वाले प्रीमियम वाहन भी बनाते हैं। इस निरंतरता ने HCIL को वैश्विक बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी बनाया है।
कुशलता और व्यापार रणनीति
Honda Cars India ने विभिन्न मॉडल आधारित निर्यात रणनीतियों को अपनाकर उत्पाद का संतुलित वितरण सुनिश्चित किया है। इसके साथ ही वैश्विक बाजारों में विकसित और विकासशील दोनों देशों में समान रूप से अपनी छवि बनायी है।
कंपनी के मार्केटिंग और सेल्स वाइस प्रेसिडेंट कुणाल बहेhl ने कहा कि यह उपलब्धि भारत-निर्मित कारों की दुनिया में स्वीकार्यता का प्रतीक है। HCIL निर्यात को अपने कारोबार की रणनीति का अहम हिस्सा मानती है और वैश्विक ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रयासरत है।
Honda Cars India की यह निर्यात सफलता न केवल भारत की ऑटोमोटिव उद्योग की प्रगति है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत के ‘Make in India’ की पहचान मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम भी है। HCIL की इस रणनीति से देश की आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा मिलता है।
(FAQs)
- Honda Cars India ने कितनी कारें निर्यात की हैं?
- कुल 2 लाख यूनिट्स।
- इनके मुख्य निर्यात बाजार कौन से हैं?
- जापान, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, तुर्की, मिडिल ईस्ट, दक्षिण अमेरिका आदि।
- किन मॉडलों का निर्यात अधिक होता है?
- Honda City और Honda Elevate (WR-V जापान में)।
- Honda Cars India की निर्यात रणनीति कैसी है?
- मॉडल विशेष निर्यात, बाजार संतुलित वितरण, और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान।
- HCIL निर्यात में कौन सा प्रतिशत जापान को जाता है?
- लगभग 30%.
- यह उपलब्धि ‘Make in India’ पहल के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?
- यह भारत-निर्मित कारों की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाती है।
Leave a comment