Leh में पाँच दिन से Curfew जारी, राज्य के दर्जे और छठा शेड्यूल मांग पर हिंसा में चार की मौत, 50+ गिरफ्तार, सोनम वांगचुक NSA के तहत हिरासत में।
Leh में पाँचवें दिन भी जारी Curfew: हिंसा, गिरफ्तारी और सुरक्षा समीक्षा
Leh के हिंसा प्रभावित इलाके में रविवार को लगातार पाँचवें दिन Curfew जारी रहा। बुधवार शाम से राज्य का दर्जा और छठा शेड्यूल आत्मनिर्भरता की मांग के विरोध में लेह एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान भयंकर प्रदर्शन भड़क उठे थे। चार नागरिकों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू और इंटरनेट बंद के आदेश दिए हैं।
क्या हुआ Leh में?
- बुधवार को हुए प्रदर्शन में लेह के विभिन्न हिस्सों में सरकारी भवनों, वाहनों और भाजपा कार्यालय को निशाना बनाया गया।
- पुलिस और CRPF ने टियरगैस, लाठीचार्ज और गोलीबारी कर भीड़ को तितर-बितर किया, जिसमें 90 से अधिक घायल, 40 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
- प्रशासन ने अब तक 50 से ज़्यादा लोगों को दंगा और हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन में दो कांग्रेस पार्षद, कई एक्टिविस्ट व छात्र भी शामिल हैं।
- लेह के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चेतावनी के बिना गोली चलाई। Kargil Democratic Alliance ने ‘शूट ऑन साइट’ नीति अपनाने के आरोप लगाए।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी
- जलवायु कार्यकर्ता और राज्य का दर्जा मांग आंदोलन के प्रमुख चेहरा सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया।
- Ladakh पुलिस के अनुसार, वांगचुक के भड़काऊ बयानों, नेपाल और अरब स्प्रिंग जैसे उदाहरण देने, और विदेशी संबंधों के शक पर उनकी गिरफ्तारी की गई।
- उनके कथनों को प्रशासन ने शांति भंग करने और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरनाक बताया।
- उनकी गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली, लद्दाख और देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए; दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने कैंडल मार्च आयोजित किया।
चुनौतियाँ और प्रशासनिक कदम
- लेह में इंटरनेट सेवाएं स्थगित हैं और पाँच या अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगी हुई है।
- सुरक्षा बलों – पुलिस, CRPF, ITBP – की भारी तैनाती है; ITBP ने फ्लैग मार्च किया।
- शनिवार को पहली बार चार घंटे के लिए कर्फ्यू आंशिक रूप से हटाया गया, जो शांतिपूर्वक बीता।
- उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने हालात की समीक्षा के लिये बैठक बुलाई है, जिससे आगे ढील देने का निर्णय हो सकता है।
- मृतकों के अंतिम संस्कार रविवार को होना था और बार एसोसिएशन ने सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के लिए प्रॉ बनो कानूनी सहायता उपलब्ध कराई है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
- लद्दाख को 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। तब से ही राज्य का दर्जा, भूमि और रोजगार सुरक्षा, छठा शेड्यूल जैसी मांगें लगातार उठ रही हैं।
- लैह (बौद्ध बहुल) और करगिल (मुस्लिम बहुल) अब मिलकर लद्दाख के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं।
पाँच दिन से जारी कर्फ्यू और व्यापक गिरफ्तारियों के बीच लेह में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी है, लेकिन स्थिति शांत और नियंत्रण में बताई गई है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने मामले को राष्ट्रव्यापी बहस में बदल दिया है। प्रशासन राज्य का दर्जा, छठा शेड्यूल और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में जुटा है।
(FAQs)
- लेह में कर्फ्यू क्यों लगा है?
- राज्य का दर्जा व छठा शेड्यूल मांग पर हिंसक प्रदर्शन के कारण।
- कितने लोग मारे गए और घायल हुए?
- चार की मौत, 90 से अधिक घायल, 40 पुलिस कर्मी भी घायल।
- सोनम वांगचुक को किस कारण गिरफ्तार किया गया?
- भड़काऊ बयानबाजी और NSA के तहत सार्वजनिक व्यवस्था में खतरा।
- गिरफ्तार कितने लोग हुए?
- 50 से अधिक, दो कांग्रेस पार्षद, छात्र/कार्यकर्ता भी शामिल।
- फिलहाल सुरक्षा स्थिति कैसी है?
- भारी पुलिस, CRPF, ITBP तैनाती; कर्फ्यू व इंटरनेट बंद; हालात शांत।
- आगे की क्या संभावना है?
- उपराज्यपाल की बैठक के बाद कर्फ्यू में ढील और न्यायिक प्रक्रिया का विस्तार हो सकता है।
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