प्रधानमंत्री मोदी ने ‘Mann Ki Baat’ में RSS की निस्वार्थ सेवा और अनुशासन को देश की असली ताकत बताया, साथ ही छठ पूजा को UNESCO सूची में शामिल करने की पहल की जानकारी दी।
राष्ट्रीय सेवा के 100 वर्षों पर प्रधानमंत्री मोदी ने RSS की निस्वार्थ सेवा को सराहा- Mann Ki Baat
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विजयादशमी पर इस वर्ष संगठन के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक ‘Mann Ki Baat’ संबोधन में RSS के सेवा भाव, अनुशासन और ‘राष्ट्र प्रथम’ मूल्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि संघ के स्वयंसेवकों ने हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोच्च माना है।
RSS की गहराई और प्रेरणा
- पीएम मोदी ने केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में RSS स्थापना का उल्लेख किया, जिसे भारत को वैचारिक गुलामी से मुक्त करने की कोशिश बताया।
- उन्होंने MS गोलवलकर जी के ‘यह मेरा नहीं, राष्ट्र का है’ कथन को उदाहरण स्वरूप बताया, जिसने सेवा और बलिदान का मार्ग दिखाया।
- मोदी ने कहा, “सेवा, अनुशासन और त्याग, RSS की असली ताकत हैं। आज संघ लगातार राष्ट्र सेवा में सक्रिय है।”
संगठन की उपलब्धियां
- RSS को सत्ताधारी बीजेपी की वैचारिक प्रेरणा बताया गया।
- पिछले स्वतंत्रता दिवस और RSS प्रमुख मोहन भागवत के जन्मदिन पर भी मोदी ने संगठन की नेतृत्व क्षमता की सराहना की थी।
- RSS ने देश के हर हिस्से में शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत सहित अनेक सामाजिक धStreams में सेवा की मिसाल पेश की है।
छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल
- मोदी ने ‘Mann Ki Baat’ में यह भी बताया कि केन्द्र सरकार छठ महापर्व को UNESCO की Intangible Cultural Heritage List में शामिल कराने की कोशिश कर रही है।
- इससे छठ पूजा की वैश्विक पहचान बढ़ेगी और लोगों को इसकी महिमा जानने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा RSS की सेवा भावना, अनुशासन और ‘राष्ट्र प्रथम’ मूल्यों की खुलकर प्रशंसा 100वीं वर्षगांठ के मौके पर ऐतिहासिक संदेश है। इससे संघ के स्वयंसेवकों समेत पूरे समाज को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरणा मिलती है।
(FAQs)
- प्रधानमंत्री मोदी ने RSS की किन विशेषताओं को सराहा?
- सेवा भावना, अनुशासन, और राष्ट्र प्रथम सोच।
- RSS कब स्थापित किया गया था?
- 1925 में विजयादशमी के दिन।
- ‘Mann Ki Baat’ में छठ पूजा को लेकर सरकार क्या पहल कर रही है?
- UNESCO की सूची में शामिल कराने की कोशिश।
- RSS को किस रूप में देखा जाता है?
- सत्ताधारी बीजेपी की वैचारिक प्रेरणा।
- RSS की स्थापना किसने की?
- केशव बलिराम हेडगेवार।
- ‘Mann Ki Baat’ का मुख्य संदेश क्या था?
- सेवा, अनुशासन, राष्ट्र सेवा और छठ महापर्व की वैश्विक पहचान।
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