केंद्र सरकार ने लद्दाख में हुई हिंसा के लिए Sonam Wangchuk के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे हालात बिगड़े।
Ladakh Violence: केंद्र ने कहा कि Sonam Wangchuk के भड़काऊ बयानों ने झुंड़ को उकसाया
लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के संदर्भ में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के ‘प्रोवोकेटिव’ बयान झुंड़ को उकसाने का कारण बन गए। सरकार के अनुसार, वांगचुक की बातों ने सार्वजनिक व्यवस्था को भंग किया और हिंसा को जन्म दिया।
सरकारी बयान
- केंद्र सरकार ने कहा कि वांगचुक ने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ावा दिया और उनके बयानों से कई युवाओं में आक्रोश उत्पन्न हुआ।
- सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद बढ़ती हिंसा और तोड़-फोड़ के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया गया।
- गृह मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयानों पर कठोर कार्रवाई जरूरी थी।
लद्दाख घटना पृष्ठभूमि
- लद्दाख एपेक्स बॉडी (LAB) द्वारा राज्य का दर्जा और छठा शेड्यूल मांगने के लिए बंद के दौरान हिंसा भड़क उठी थी।
- चार लोगों की हत्याओं के बाद पूरा क्षेत्र कर्फ्यू में है और इंटरनेट सुविधा बंद है।
- कई वरिष्ठ स्थानीय नेताओं और छात्र नेता गिरफ्तार हुए हैं।
Sonam Wangchuk पर कार्रवाई
- वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर जेल में रखा गया है।
- प्रशासन का दावा है कि उनकी गिरफ्तारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
- वांगचुक के समर्थकों ने गिरफ्तारी की निंदा की है और उनका कहना है कि वह शांति और पर्यावरण के नेता हैं।
- अन्य राजनीतिक दल और मानवाधिकार संगठन मामले की न्यायसंगत जांच की मांग कर रहे हैं।
लद्दाख में हुई हिंसा के लिए केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक के कथित भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे प्रदेश में तनाव और सुरक्षा कड़ी हो गई है। न्यायालय और प्रशासन इस मामले की आगे की जांच एवं नियंत्रण में लगे हैं।
(FAQs)
- केंद्र ने लद्दाख हिंसा के लिए किनको जिम्मेदार बताया?
- सोनम वांगचुक के ‘प्रोवोकेटिव’ बयानों को।
- क्या वांगचुक को गिरफ्तार भी किया गया?
- हाँ, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत।
- लद्दाख में कर्फ्यू कब से लागू है?
- बुधवार से लगातार पाँच दिन।
- क्या अन्य नेता भी गिरफ्तार हुए हैं?
- हाँ, कांग्रेस पार्षद और अन्य स्थानीय कार्यकर्ता।
- वांगचुक के समर्थन में क्या प्रतिक्रिया है?
- समर्थक और मानवाधिकार संगठन गिरफ्तारी की निंदा कर रहे हैं।
- इस मामले की कानूनी स्थिति क्या है?
- जांच और कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है।
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