वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका से तेल और गैस आयात बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
भारत अमेरिका से ऊर्जा आयात बढ़ाने की योजना बना रहा है: ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल
भारत के वाणिज्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क में व्यापारिक वार्ता के दौरान कहा कि भारत आने वाले वर्षों में अमेरिका से तेल एवं गैस की खरीद को बढ़ाने के लिए तैयार है। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बेहतर करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने का हिस्सा है।
मुख्य बिंदु
- गोयल ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ मित्रता और प्राकृतिक भागीदारी के कारण ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्य में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।”
- वह अमेरिका के ऊर्जा उत्पादों के व्यापार में वृद्धि की उम्मीद जता रहे थे।
- अमेरिका ने पिछले माह भारत की निर्यात वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया था, जिसमें रूस से भारत की तेल खरीद का आंशिक दोष माना गया।
- भारत रूस से सस्ते क्रूड तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिससे आयात खर्च नियंत्रित रहता है।
ऊर्जा सुरक्षा और वाणिज्य वार्ता
- अमेरिका से तेल एवं गैस खरीद बढ़ाने से व्यापार असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी।
- इससे दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक बातचीत को बल मिलेगा और द्विपक्षीय संबंध सुधरेंगे।
- गोयल का मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिका की भागीदारी भारत की ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करेगी।
संपर्क और संवाद
- ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीजा पर नए शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कुछ तनाव आया था।
- हाल ही में ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी, जिससे संबंधों में सकारात्मक संकेत मिले।
- लेकिन श्रम और वीजा नीतियों को लेकर अब भी बहस जारी है।
निष्कर्ष
भारत अमेरिका से ऊर्जा उत्पादों की बढ़ती खरीद और व्यापारिक वार्ता से दोनों देशों के संबंधों को नई मजबूती मिलेगी। यह भारत की ऊर्जा स्वावलंबन और वैश्विक आर्थिक भूमिका को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- भारत अमेरिका से कौन-कौन से ऊर्जा उत्पाद खरीदना चाहता है?
- प्रमुख रूप से तेल और गैस।
- टैरिफ विवाद अमेरिका और भारत के संबंधों को कैसे प्रभावित कर रहा है?
- वाणिज्यिक तनाव बढ़ा रहा है, लेकिन संवाद जारी है।
- भारत ने रूस से तेल क्यों खरीदा?
- सस्ता तेल मिलने के कारण, जिससे ऊर्जा खर्च कम रहे।
- अमेरिका में H-1B वीजा शुल्क क्या है?
- नए शुल्क के तहत प्रति वीजा $100,000 का भुगतान करना होगा।
- दोनों देशों के ऊर्जा सहयोग का भविष्य कैसा है?
- सहयोग बढ़ेगा और ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
- गोयल ने किस कार्यक्रम में यह बात कही?
- न्यूयॉर्क में व्यापारिक वार्ता के दौरान।
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