गृह मंत्री Amit Shah ने नक्सलियों की समझौते की पेशकश को खारिज करते हुए कहा कि मार्च 2026 तक हथियारबंद नक्सलवाद अंततः खत्म होगा और हथियार छोड़ने वालों को सुरक्षा और पुनर्स्थापना मिलेगी।
नक्सलवाद पर कड़ा रुख: Amit Shah ने कहा बिना हथियार छोड़े कोई विराम नहीं
Amit Shah ने नक्सलियों के समझौते का ऑफर खारिज किया, मार्च तक menace समाप्त करने का वादा
भारत के गृह मंत्री Amit Shah ने हाल ही में CPI(माओवादी) द्वारा हथियार डालने और सिक्योरिटी फोर्सेज से युद्धविराम की पेशकश को “भ्रमित करने वाला” बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों की ओर से कोई युद्धविराम नहीं होगा, लेकिन जो नक्सली हथियार छोड़ना चाहते हैं, उन्हें कोई गोली नहीं चलेगी और उन्हें पुनःस्थापित किया जाएगा। यह बयान उन्होंने ‘भारत मंथन 2025: नक्सल मुक्त भारत’ सम्मेलन के समापन सत्र में दिया।
नक्सल समस्या पर Amit Shah की बातें
- मार्च 31, 2026 तक भारत में हथियारबंद नक्सलवाद का अंत सुनिश्चित किया जाएगा।
- लिफ्ट विंग एक्सट्रेमिज्म खत्म नहीं होगा जब तक इसकी विचारधारा, कानूनी एवं आर्थिक सहायता देने वाले तत्वों की पहचान और निवारण न हो।
- उन्होंने वामपंथी दलों की आलोचना की जो मौलाना माओवादी युद्ध के पक्षधर हैं और जिन्होंने माओवादी हिंसा को सहारा दिया।
नक्सलवाद की स्थिति और प्रभाव
- पहले माओवादी आंदोलनों का प्रकोप था, जो अब सरकारी समेकित और सख्त कार्रवाई के कारण कम हुआ है।
- छत्तीसगढ़ में बीते दो सालों में 2,106 नक्सली ने आत्मसमर्पण किया, 1,770 को गिरफ्तार और 560 को निष्प्रभावित किया गया।
- मनमोहन सिंह के शासनकाल की तुलना में नरेंद्र मोदी सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों और नागरिक मौतों में 73-74% कमी लाई।
सरकार की नीति
- जो भी हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करेगा, उसे लाल गलीचा बिछाकर स्वागत मिलेगा।
- जो लोग हिंसा जारी रखेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- माओवादियों की हथियार आपूर्ति लाइन और फंडिंग को तंग किया जा रहा है।
- समन्वित ऑपरेशनों के जरिए वरिष्ठ नक्सलियों को निशाना बनाया गया है।
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि नक्सलियों के खिलाफ सरकार की नीति सख्त और स्पष्ट है। आत्मसमर्पण करने वालों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था है और हिंसक आतंकवादियों के लिए कानूनी सख्ती। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करना है, जिससे भारत का हर क्षेत्र सुरक्षा और विकास की राह पर अग्रसर हो सके।
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