GST 2.0 के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कैसे आई बड़ी बदलाव और कीमतों में कटौती, जानिए पूरी विस्तार से।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में GST 2.0: कीमतों में बंपर कटौती और उद्योग पर असर
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में GST 2.0 के बाद के बदलाव
ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। 2025 में लागू हुए GST 2.0 सुधारों ने इस उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। खासकर टैक्स स्लैब की पुनर्रचना और दामों में कटौती ने भारतीय ग्राहकों को बड़ी राहत दी है और निर्माता कंपनियों को नया उत्साह। पिछले जटिल GST ढांचे को सरल करते हुए, नए GST 2.0 ने टैक्स स्लैब को दो मुख्य दरों (5% और 18%) पर सीमित कर दिया है, जिससे कई कारें और दोपहिया वाहन 5 से 10% तक सस्ते हो गए हैं।
GST 2.0 के प्रमुख बदलाव और उनके प्रभाव:
- टैक्स स्लैब में बदलाव
नए कानून में लग्जरी कारों, बड़ी SUVs और प्रीमियम वाहनों पर 40% GST बना रहता है, लेकिन लैंगिक वाहनों और मिड-रेंज कारों के लिए टैक्स दर कम हो गई है, जिससे उनका दाम अब ज्यादा किफायती हो गया है। वाहनों के साथ-साथ जोड़े जाने वाले शुल्क जैसे मोटर वाहन कर भी सुधारों से प्रभावित हुए हैं। - बिक्री में वृद्धि
मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा और महिंद्रा जैसी बड़ी कंपनियों ने नए GST 2.0 लागू होने के बाद बिक्री में बढ़ोतरी देखी है। त्योहारों के सीजन में खास तौर पर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में खरीदारी बढ़ी है, क्योंकि अब वाहन सस्ती होने की वजह से ज्यादा लोगों के बजट में फिट हो रहे हैं। - नौकरियों पर प्रभाव
ऑटो इंडस्ट्री में GST 2.0 ने रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं। उत्पादन बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग, डीलरशिप, सर्विसिंग और सप्लाई चैन में 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को फायदा मिला है। - इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा
GST 2.0 के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी कई तरह के टैक्स छूट दी गई हैं, जिससे ये पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प लोकप्रिय हो रहे हैं और मेक इन इंडिया के तहत इनका उत्पादन भी बढ़ रहा है। - उपभोक्ता पर सीधा असर
बेहतर टैक्स रेट और कम कीमत के कारण वाहन मालिक बनने की प्रक्रिया आसान हुई है। कई मॉडलों में एक लाख रुपये तक की कीमत गिरावट हुई है, जिससे मध्यम वर्ग के परिवारों तक वाहन पहुंचना संभव हुआ है।
आंकड़े बताते हैं कि सितंबर 2025 तक कार सेल्स में 25% से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसमें छोटे सेगमेंट की कारों की मांग सबसे ज्यादा रही। GST 2.0 ने भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को न केवल स्थिरता दी है, बल्कि इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी मजबूत बनाया है।
FAQs:
- GST 2.0 से भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को क्या लाभ हुआ?
GST स्लैब आसान होने से वाहन सस्ती हुईं, बिक्री बढ़ी और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए। - क्या सभी कारें GST 2.0 के बाद सस्ती हुई हैं?
नहीं, लग्जरी कारों और SUVs पर टैक्स 40% है, लेकिन छोटी और मिड-रेंज कारों पर टैक्स कम हुआ है। - इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST 2.0 का क्या प्रभाव पड़ा?
इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स में छूट मिली है, जिससे उनकी मांग और उत्पादन बढ़ा है। - GST 2.0 के बाद वाहन की कीमतों में कितनी कटौती हुई?
कई लोकप्रिय मॉडलों की कीमत 10% से 15% तक घटाई गई है, कुछ में यह 1 लाख रुपये तक भी पहुंचती है। - क्या छोटे शहरों में GST 2.0 की वजह से वाहन बिक्री में बढ़ोतरी हुई?
हाँ, छोटी कारें सस्ती होने से ग्रामीण और छोटे शहरों में वाहन खरीद बढ़ी है। - GST 2.0 से उद्योग में रोजगार पर क्या असर पड़ा?
GST 2.0 से उत्पादन बढ़ा है और इससे 3.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
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