यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेक डैम और तालाबों के निर्माण और संरक्षण को लेकर जन आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है। जल संकट से निपटने के लिए यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और मत्स्य पालन को मजबूत करेगा।
Uttar Pradesh में जल संकट समाधान के लिए चेक डैम निर्माण को बनाएंगे जन आंदोलन
यूपी Water Conservation Drive : चेक डैम और तालाब निर्माण पर बनेगा जन आंदोलन
जल संकट भारत के कई हिस्सों में गहरी समस्या बन चुका है, खासकर उत्तर प्रदेश में। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और चेक डैम तथा तालाबों की बहाली एवं निर्माण को ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान जैसी जन आंदोलन की शक्ल देने का आह्वान किया है। यह पहल जल संरक्षण, सिंचाई क्षमता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
चेक डैम और तालाबों का महत्व
चेक डैम छोटे जल रोकने वाले बांध होते हैं जो नालों, नदियों, और नहरों पर बनाए जाते हैं। ये जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण के लिए बड़े बांधों की तुलना में किफायती और प्रभावी समाधान हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने 6,448 चेक डैमों का निर्माण कर 1.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाई है और 10,000 हेक्टेयर-मीटर से अधिक भूजल पुनर्भरण किया है।
पहल की प्रमुख बातें
- 2022-23 में 1,002 चेक डैमों का कीचड़ हटाया गया।
- 16,610 तालाबों में से 1,343 का पुनर्निर्माण किया गया।
- 2017-2025 के बीच 6,192 ब्लास्ट कूप्स बने, जिससे 18,576 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई।
- 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया जाएगा।
- मृत्तिकाएं (मिट्टी) मोल लेने वाले कुम्हारों को अप्रैल से जून तक मुफ्त मिट्टी संग्रहण की अनुमति।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार
तालाब पुनर्निर्माण के पश्चात मछली पालन और पानी में कुदरत के फल जैसे जलेबी आदि की खेती से रोजगार सृजन होगा। यह पहल न केवल जल संकट को कम करने में मदद करेगी बल्कि ग्रामीण आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगी।
जल संरक्षण में सामूहिक भागीदारी का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि “जैसे ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान ने पेड़ लगाने को जन आंदोलन बना दिया, वैसे ही चेक डैम और तालाबों का निर्माण भी बड़े पैमाने पर करना चाहिए।” यह लोगों की सक्रिय भागीदारी के बिना संभव नहीं, इसलिए व्यापक जागरूकता अभियान सोशल मीडिया और स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से चलाया जाएगा।
जलस्तर में सुधार के आंकड़े
2017 तक यूपी में 82 ओवर-एक्सप्लॉइटेड और 47 क्रिटिकल जल स्तर क्षेत्र थे। 2024 में इनकी संख्या घटकर 50 और 45 रह गई है, जो निरंतर प्रयासों का फल है। सरकार इन क्षेत्रों को नॉर्मल कैटेगरी में लाने के लिए गति तेज़ करना चाहती है।
किफायती जल संरक्षण तकनीकों के माध्यम से जल संकट से लड़ना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रीय विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। चेक डैम और तालाब न केवल पानी बचाने के उपकरण हैं, बल्कि ये कृषि उत्पादन, आर्थिक स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण में भी मूल भूमिका निभाते हैं।
(FAQs)
1. चेक डैम क्या होते हैं और ये कैसे काम करते हैं?
चेक डैम छोटे बांध होते हैं जो पानी की प्रवाह को रोककर भूजल भराव और सिंचाई क्षमता बढ़ाते हैं।
2. यूपी में चेक डैम निर्माण के क्या लाभ हैं?
यह ग्रामीण सिंचाई सुधारते हैं, भूजल स्तर बढ़ाते हैं और स्थानीय रोजगार सृजित करते हैं।
3. वर्षा जल संचयन क्यों जरूरी है?
वर्षा जल संचयन बारिश के पानी को बचाकर भूजल पुनर्भरण और पानी की बचत करता है।
4. मछली पालन में तालाबों का क्या महत्व है?
तालाब पुनर्निर्माण से एक तरफ जल संरक्षण होता है, वहीं इससे मत्स्य पालन को भी बढ़ावा मिलता है जो रोजगार उत्पन्न करता है।
5. यह जन आंदोलन कब शुरू होगा?
सरकारी योजनाओं के अनुसार, यह आंदोलन तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा और सभी जिलों में इसका क्रियान्वयन होगा।
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