New FASTag Rule के तहत, यूपीआई से टोल भुगतान करने वाले वाहन चलकों को 25% ज्यादा टोल फीस देनी होगी, जबकि नकद भुगतान पर दोगुनी फीस लागू रहेगी।
नई FASTag नियम: UPI पेमेंट पर होगी 25% अधिक टोल फीस, नकद से कम लेकिन FASTag से ज्यादा
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने टोल संग्रह के नियमों में संशोधन किया है, जिसकी वजह से अब गैर-FASTag वाहनों के लिए टोल शुल्क में बदलाव होगा। पहले जहां गैर-FASTag उपयोगकर्ताओं को चाहे भुगतान नकद से करें या डिजिटल माध्यम से, दोगुनी टोल फीस देना पड़ती थी, वहीं अब UPI भुगतान करने वालों को 1.25 गुना टोल भुगतान करना होगा जबकि नकद भुगतान करने वालों को पहले जैसी दोगुनी टोल फीस देना जारी रहेगा।
यह कदम टोल प्लाजा पर नकद लेनदेन को कम करना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है ताकि टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों और ट्रैफिक जाम की समस्या को कम किया जा सके। मंत्रालय का कहना है कि UPI भुगतान के लिए यह मध्यवर्ती शुल्क है, जो उपयोगकर्ताओं को FASTag की ओर प्रोत्साहित करेगा।
आज देश में 7 करोड़ से अधिक FASTags जारी हो चुके हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 97 प्रतिशत टोल भुगतान डिजिटल माध्यमों से हो रहे हैं। FASTag सबसे सुविधाजनक और किफायती तरीका है जो उपयोगकर्ता को अतिरिक्त टोल शुल्क से बचाता है।
- FASTag को सक्रिय और रिचार्ज रखें।
- डिजिटल भुगतान विकल्पों का उपयोग करें।
- नकदी भुगतान से बचें ताकि अतिरिक्त शुल्क और ट्रैफिक जाम से बचा जा सके।
FAQs
- नए FASTag नियम के तहत UPI पेमेंट पर कितना अधिक शुल्क लगेगा?
25% अधिक यानी सामान्य टोल का 1.25 गुना। - नकद भुगतान पर टोल फीस कितनी होगी?
दोगुनी टोल फीस। - FASTag उपयोगकर्ताओं को क्या फायदा होगा?
नियमित टोल शुल्क देना होगा, कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं। - कितने FASTag जारी हो चुके हैं?
7 करोड़ से ज्यादा। - डिजिटल टोल पेमेंट कितना प्रचलित है?
97 प्रतिशत डिजिटल माध्यम से। - ड्राइवरों को क्या सलाह दी जाती है?
FASTag का इस्तेमाल करें और समय पर रिचार्ज करें।
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