Bihar Assembly Elections के पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को AI-जनित वीडियो के दुरुपयोग से बचने और उचित लेबलिंग के निर्देश दिए हैं।
Bihar Assembly Elections से पहले EC ने दी AI वीडियो के दुरुपयोग पर सख्त चेतावनी
भारत चुनाव आयोग (ECI) ने Bihar Assembly Elections से पहले सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से बचें, विशेष रूप से AI-जनित वीडियो (Deepfakes) और अन्य कलात्मक रूप से संशोधित या नकली डिजिटल सामग्री के संबंध में। आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनाव आचार संहिता (MCC) लागू होने के बाद सभी पार्टियों, स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को अपने सोशल मीडिया अभियानों और विज्ञापनों में ऐसी सामग्री को स्पष्ट रूप से “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” के रूप में चिह्नित करना होगा।
चुनाव आयोग ने धमकी दी है कि सोशल मीडिया पोस्ट की सख्त निगरानी की जाएगी ताकि चुनावी माहौल दूषित न हो। आयोग ने सभी दलों से आग्रह किया है कि वे चुनावी आलोचना का आधार केवल नीतियों, कार्यों और रिकॉर्ड पर रखें और बिना पुष्टि किये आरोपों एवं सूचना विकृति से बचें। यह कदम पिछले लोकसभा चुनावों में AI सामग्री के दुरुपयोग से फैलने वाली गलत जानकारी को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया था।
Bihar Assembly Elections दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है। आयोग ने कहा है कि वह MCC दिशानिर्देशों के प्रभावी पालन के लिए व्यापक व्यवस्था कर चुका है।
चुनाव आयोग की प्रमुख चेतावनियां
- राजनीतिक दलों को AI-जनित सामग्री को उचित लेबलिंग के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- AI ड्रिफेक्स या गलत जानकारी फैलाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
- सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और मतभ्रंश फैलाने वाले खातों पर निगरानी रखी जाएगी।
- चुनावी प्रतिस्पर्धा केवल नीतियों व उपलब्ध कार्यों पर केंद्रित रहे।
चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के प्रयास
- आयोग डिजिटल उपकरणों द्वारा सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्रचार सामग्री की नियमित जांच करता रहेगा।
- चुनावी जानकारी के सत्यापन के लिए विशेष तकनीकी टीमें गठित की गई हैं।
- सभी पार्टियों को चुनाव आचार संहिता का पालन कर निष्पक्ष चुनाव में योगदान देने का निर्देश मिला है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, AI तकनीक चुनाव प्रचार में नई संभावनाओं के साथ साथ चुनौतियां भी पैदा कर रही है, लेकिन चुनाव आयोग के कड़े नियमों से चुनाव प्रक्रिया की साख बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
चुनाव आयोग द्वारा Bihar Assembly Elections से पहले AI आधारित वीडियो एवं डिजिटल सामग्री के दुरुपयोग पर कड़ी नजर और नियम भारतीय लोकतंत्र की शुद्धता के लिए आवश्यक है। यह कदम चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, और पारदर्शी बनाने में सहायक होगा और गलत सूचना के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
FAQs
- चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव में AI सामग्री के लिए क्या निर्देश दिए?
- सभी AI तैयार कंटेंट को स्पष्ट रूप से लेबल करना होगा।
- AI-जनित वीडियो क्या हैं?
- डिजिटल तकनीक से बनाए गए ऐसे वीडियो जो वास्तविकता को विरूपित कर सकते हैं।
- चुनाव आयोग की निगरानी के तहत कौन-कौनसी सामग्री आएगी?
- सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन, स्टार प्रचारक सामग्री आदि।
- क्या बिना लेबलिंग के सामग्री शेयर करने पर कार्रवाई होगी?
- हाँ, चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
- बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) कब होंगे?
- दो चरणों में—6 और 11 नवंबर 2025।
- चुनाव आयोग ने गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं?
- सोशल मीडिया की नियमित जांच और फेक न्यूज फैलाने वालों पर कार्रवाई।
Leave a comment