अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी ने पीएम मोदी को Sharm el-Sheikh में गाजा युद्ध को समाप्त करने की Gaza Peace Talks में शामिल होने के लिए निमंत्रित किया है, 20 से अधिक देशों के प्रमुख होंगे शामिल।
Sharm el-Sheikh Gaza Peace Talks: पीएम मोदी को शामिल होने का निमंत्रण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी ने शर्म-अल-शेख में सोमवार को होने जा रहे गाजा शांति सम्मेलन (Gaza Peace Summit) में भाग लेने का निमंत्रण दिया है। यह निमंत्रण शनिवार को अचानक भेजा गया, हालांकि पीएमओ ने अभी मोदी की यात्रा की पुष्टि नहीं की है।
मिस्र की राष्ट्रपति प्रवक्ता के मुताबिक, इस ‘पीस समिट’ में ट्रंप व अल-सीसी संयुक्त अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के शीर्ष नेता भाग लेंगे। इस सम्मेलन का उद्देश्य गाजा पट्टी में जारी युद्ध को रोकना, क्षेत्रीय शांति को मजबूत करना और मध्यम-पूर्व में स्थिरता के लिए नई शुरुआत करना है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पीएम मोदी सम्मिलित होते हैं तो उन्हें ट्रंप के साथ सीधी मुलाकात का अवसर मिलेगा, साथ ही यह भारत के लिए वैश्विक मध्यस्थता व कूटनीतिक प्रभाव को प्रदर्शित करने का मौका होगा, जिससे मध्य पूर्व नीति, फिलिस्तीनी मसले और मिस्र से द्विपक्षीय रिश्ते मज़बूत किए जा सकते हैं। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र, यूके, फ्रांस, इटली, स्पेन व अन्य देश भी प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसी बीच, अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर ने मोदी से मिलकर भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की बात दोहराई। शांति समिट के बहाने भारत को प्रमुख वैश्विक वार्ता मंच से अपनी भूमिका और मध्य पूर्व में सक्रियता दिखाने का अहम मौका मिलेगा।
FAQs
- पीएम मोदी को किस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है?
- शर्म-अल-शेख (मिस्र) में गाजा शांति सम्मेलन
- किन नेताओं की संयुक्त अध्यक्षता है?
- डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका) और अल-सीसी (मिस्र)
- सम्मेलन का मकसद क्या है?
- गाजा युद्ध समाप्त कर, क्षेत्र में शांति व स्थिरता लाना
- क्या पीएम मोदी की उपस्थिति तय है?
- अभी पीएमओ की ओर से पुष्टि नहीं हुई है
- कितने देशों के नेता भाग लेंगे?
- 20+ देशों के प्रमुख सम्मेलन में भाग लेंगे
- भारत के सम्मिलित होने का क्या महत्व?
- कूटनीतिक प्रभाव, फिलिस्तीनी-इजराइल मसले में भारत की भूमिका तथा द्विपक्षीय संबंध मज़बूती
Leave a comment