Home धर्म Rama Ekadashi 2025:उपवास नियम व Laxmi-Vishnu पूजा का महत्व
धर्म

Rama Ekadashi 2025:उपवास नियम व Laxmi-Vishnu पूजा का महत्व

Share
Rama-Ekadashi-puja-and-fasting
Share

Rama Ekadashi 2025, कार्तिक कृष्ण पक्ष की Ekadashi, 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी। जानिए व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि, कथा, महत्व और पारणा का सही तरीका।

Rama Ekadashi का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • रमा एकादशी का ध्यानधारणा, श्रद्धा और नियमित पूजा करने से जीवन की बाधाओं, रोग, पाप और ऋण से छुटकारा मिलती है।
  • पद्म पुराण अनुसार, इसका पुण्य हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर है; प्रभु प्रसन्न होते हैं, गृहस्थ सुख-संपत्ति और मोक्ष प्राप्त होता है।
  • मंदिर व घर में दान, भजन व जगरण, और तुलसी-पूजन विशेष फलदायक माने जाते हैं।

Rama Ekadashi व्रत 2025: नियम व विधि

  • संकल्प: सुबह स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें, व्रत का विधिपूर्वक संकल्प लें।
  • पूजा: भगवान विष्णु, लक्ष्मी और तुलसी की पूजा करें—दीपक, पीले पुष्प, तुलसी पत्र, फल व नैवेद्य चढ़ाएं।
  • भजन-जाप: दिनभर विष्णु-लक्ष्मी मंत्र (ओम् नमो नारायणाय, ओम् श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै) का जाप करें, गीता, सहस्रनाम या व्रत कथा सुनें।
  • फलाहार: अनाज, दाल, चावल, प्याज-लहसुन, तामसिक और काले वस्त्र, निद्रा नहीं लेना चाहिए। सिर्फ फल, दूध, सूखे मेवे लें।
  • करना मना है: झूठ, क्रोध, अपवित्रता, तामसिक भोजन, नींद, काले वस्त्र, सम्मानहीन व्यवहार, और हरी वासरा में पारणा नहीं।
  • पारणा: द्वादशी, 18 अक्टूबर सुबह 6:00-8:21 बजे के बीच, सूर्योदय के बाद शुभ वेला में व्रत खोलना।

पारणा का सर्वश्रेष्ठ समय प्रात:काल है; पहली द्वादशी की अवधि (हरी वासरा) में व्रत न तोड़ें। सुबह या मध्यान्ह के बाद ही व्रत खोलना चाहिए


व्रत का संकल्प एवं पूजा

  • प्रात: स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें, पीले वस्त्र पहनें।
  • विष्णु एवं लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें—घी का दीपक, ताजे पुष्प, तुलसी, प्रसाद अर्पित करें।
    -श्री शालिग्राम शिला का अभिषेक करें (यदि उपलब्ध हो)।
  • मंदिर या घर में भजन, कीर्तन, व्रत कथा का पाठ, गीता या विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
  • फलाहार करें; अनाज, दाल, चावल, प्याज-लहसुन, तामसिक भोजन नहीं लें।
  • दिन में निद्रा व क्रोध से बचें; ब्रह्मचर्य, सत्य और शुद्धता का पालन करें।
  • रात जैगरन, भजन या पाठ करें और द्वादशी के दिन दान करें।

कथा और धार्मिक महत्व

  • पद्म पुराण के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर माना गया है।
  • यह व्रत सभी पापों, रोगों, रुकावटों और ऋणों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।
  • लक्ष्मी के एक नाम “रमा” से जुड़ी होने के कारण विष्णु व लक्ष्मी की संयुक्त पूजा होती है।
  • Proper व्रत रखने से वैकुंठ (मोक्ष) की प्राप्ति संभव है; गृहस्थ सुख-संपत्ति, रोगमुक्ति और शांति मिलती है।

FAQs

  1. Rama Ekadashi का व्रत क्यों रखें?
    • पाप, दर्द, कर्ज और रोगों से मुक्ति; लक्ष्मी-विष्णु की कृपा तथा मोक्ष की प्राप्ति।
  2. व्रत में क्या खाएं/पियें?
    • फलाहार, दूध, सूखे मेवे; अनाज, दाल, तामसिक भोजन नहीं लें।
  3. व्रत तोड़ने का सही समय क्या है?
    • द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद, प्रात:काल—केवल शुभ मुहूर्त में।
  4. पूजा में क्या सामग्री लेनी चाहिए?
    • पीले फूल, तुलसी, दीया, जल, प्रसाद, भगवान विष्णु की मूर्ति/शालिग्राम।
  5. रमा एकादशी में क्या नहीं करना चाहिए?
    • क्रोध, असत्य, अपवित्रता, निद्रा, तामसिक भोजन व काले वस्त्र से बचें।
  6. क्या तिथियां हर साल बदलती हैं?
    • हाँ, पंचांग अनुसार हर वर्ष तिथियां और मुहूर्त बदलते हैं।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Govatsa Dwadashi and Vasu Baras व्रत का महत्व?

Govatsa Dwadashi 2025: जानें Vasu Baras की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा...

Tula Sankranti के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व

Tula Sankranti 2025: जानें कब है तुला संक्रांति, क्या है शुभ मुहूर्त...

IIT-IIM से संन्यास की यात्रा: Swami Mukundananda

IIT-IIM से पढ़े Swami Mukundananda ने भगवद गीता के माध्यम से जीवन...

Ayodhya Deepotsav: विश्व रिकॉर्ड के साथ भव्य आयोजन

Ayodhya Deepotsav 2025 में 30 लाख दिव्याओं के साथ पवित्र शहर रोशन...