पाकिस्तान के सबसे व्यस्त राजमार्ग पर पुलिस और कट्टरपंथी इस्लामिक समूह के बीच हुई झड़प में 5 लोग मारे गए। विरोध मार्च लाहौर से इस्लामाबाद तक चला।
पाकिस्तान की प्रमुख राजमार्ग पर पुलिस और कट्टरपंथी प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष, 5 की मौत
पाकिस्तान के सबसे व्यस्त राजमार्ग पर कट्टरपंथी इस्लामिक समूह और पुलिस के बीच हुए हिंसक टकराव में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई। यह घटना सोमवार को मुरिदके शहर में तब हुई जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान हामास-विरोधी मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर गोलीबारी की और 40 से अधिक वाहनों में आग लगा दी।
मृतकों में एक पुलिस अधिकारी, तीन प्रदर्शनकारी और एक आम नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने कई अन्य प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के घायल होने की सूचना दी है। कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। मार्च की शुरुआत लाहौर से इस्लामाबाद की ओर हुई, जो लगभग 400 किलोमीटर का लंबा सफर है।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (TLP) कर रहा था, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाजा युद्ध के युद्धविराम समझौते के विरोध में यह मार्च बुलाया था। समूह के नेता साद रज़वी भी इस झड़प में गोली लगने से घायल हो गए हैं।
टीएलपी ने पुलिस पर उन्हें गोलीमारने का आरोप लगाया, जबकि प्रांतीय सरकार ने इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रज़वी ने कहा कि उनका मार्च केवल गाजा के लोगों के लिए एकजुटता जताने के लिए था।
गाजा में हिंसा ने भारी तबाही मचाई है, जहां हामास और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष में हजारों लोगों की जान गई है। गाजा की स्वास्थ्य सेवाओं के अनुसार, अब तक 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिससे मानवीय संकट गहरा गया है।
(FAQs):
- पाकिस्तान में यह झड़प कब हुई?
- 13 अक्टूबर 2025 को मुरिदके में।
- इस टकराव में कितने लोग मरे?
- पांच लोग, जिनमें एक पुलिस अधिकारी भी शामिल है।
- कौन से समूह ने विरोध मार्च किया?
- तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (TLP)।
- प्रदर्शन का कारण क्या था?
- गाजा युद्ध के युद्धविराम समझौते के विरोध में।
- नेता साद रज़वी की स्थिति क्या है?
- वह गोली लगने से घायल है।
- गाजा में वर्तमान स्थिति क्या है?
- 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, मानवीय संकट जारी है।
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