Deepavali 2025 में Hanuman Jayanti पूजा 19 अक्टूबर को है या 20? यहां जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का महत्व और विधि। संकट मोचन की कृपा पाने के लिए पढ़ें पूरी जानकारी।
संकट मोचन Hanuman पूजा से मिलेगा संकटों से मुक्ति
Hanuman puja 2025: 19 या 20 अक्टूबर? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और संकट मोचन की पूजन विधि
Deepavali का त्योहार सिर्फ लक्ष्मी पूजन तक सीमित नहीं है। इस पावन पर्व के दौरान भगवान हनुमान की पूजा का भी विशेष महत्व है। दरअसल, दीपावली की रात नरक चतुर्दशी या काली चौदस के दिन ही भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। लेकिन अक्सर लोग कन्फ्यूजन में रहते हैं कि आखिर दीपावली पर हनुमान पूजा किस दिन की जाती है? क्या यह दीपावली वाले दिन होती है या उससे एक दिन पहले?
अगर आप भी इस साल Hanuman जी की विधिवत पूजा करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि 2025 में हनुमान पूजा की सही तिथि क्या है। यह लेख आपको दीपावली हनुमान पूजा से जुड़े हर सवाल का जवाब देगा, जिससे आप सही समय पर सही विधि से पूजा कर सकें।
Deepavali Hanuman puja 2025: सही तिथि क्या है?
2025 में, दीपावली का main पर्व 20 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रहा है। हनुमान पूजा या हनुमान जयंती इससे एक दिन पहले, यानी नरक चतुर्दशी (काली चौदस) के दिन मनाई जाती है।
- नरक चतुर्दशी (काली चौदस) तिथि: 19 अक्टूबर, 2025 (रविवार)
- Hanuman puja / हनुमान जयंती: 19 अक्टूबर, 2025 (रविवार)
तो कन्फ्यूजन क्यों है?
कभी-कभार जब चतुर्दशी तिथि दीपावली वाले दिन सूर्योदय के समय भी बनी रहती है, तो कुछ कैलेंडरों में हनुमान पूजा दीपावली वाले दिन भी दिखाई दे सकती है। लेकिन 2025 में, चतुर्दशी तिथि सिर्फ 19 अक्टूबर को ही है, इसलिए 19 अक्टूबर, 2025 हनुमान पूजा के लिए सही और एकमात्र दिन है।
हनुमान पूजा 2025 का शुभ मुहूर्त
सही तिथि के साथ-साथ सही समय पर पूजा करना भी उतना ही जरूरी है। हनुमान पूजा के लिए निशिता काल (निशita Kaal) यानी रात का समय सबसे शुभ माना गया है।
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025, सुबह 06:29 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025, सुबह 05:52 बजे
- हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त (निशिता काल): 19 अक्टूबर, रात 11:57 बजे से 20 अक्टूबर, रात 12:48 बजे तक
अगर आप निशिता काल में पूजा नहीं कर पाते, तो प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) भी एक अच्छा विकल्प है।
हनुमान पूजा का धार्मिक और पौराणिक महत्व
दीपावली पर हनुमान पूजा का महत्व बहुत गहरा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे, तो उनके आगमन की खुशी में पूरी अयोध्या को दीपों से सजाया गया। उसी दिन नरक चतुर्दशी थी। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और 16,000 कन्याओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी दिन माता अंजनी के गर्भ से संकट मोचन हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं और उनकी पूजा से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। दीपावली की पूर्व संध्या पर उनकी पूजा करने से घर-परिवार से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है।
Hanuman puja की सरल और संपूर्ण विधि
हनुमान पूजा करना बहुत ही आसान है। आप इन स्टेप्स को फॉलो करके घर पर ही पूजा संपन्न कर सकते हैं:
सामग्री (पूजन सामग्री):
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र
- सिंदूर, लाल चुनरी
- फूल, अक्षत (चावल)
- दीपक, घी, कपूर
- पान, सुपारी, लौंग, इलायची
- गुड़ और चना (या बेसन के लड्डू) का भोग
- जल से भरा कलश
विधि:
- स्नान और स्वच्छता: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन और कलश स्थापना: एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पास में जल से भरा कलश रखें।
- आवाहन और ध्यान: हनुमान जी का ध्यान करें और उन्हें अपने हृदय में बैठाकर पूजा करने का संकल्प लें।
- सिंदूर और वस्त्र चढ़ाएं: हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और लाल चुनरी ओढ़ाएं। मान्यता है कि हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है।
- फूल और अक्षत अर्पित करें: हनुमान जी पर फूल और अक्षत चढ़ाएं।
- दीपक जलाएं: घी का दीपक जलाएं और कपूर से आरती करें।
- मंत्र जाप: नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें। कम से कम 11 बार “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप जरूर करें।
- “ॐ हनुमते नमः”
- “ॐ अंजनी सुताय नमः”
- भोग लगाएं और आरती: हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। इसके बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और आरती उतारें।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भोग को प्रसाद के रूप में सभी परिवारजनों में बांट दें।
FAQs
1. क्या Hanuman पूजा और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन की जाती है?
नहीं, 2025 में Hanuman पूजा 19 अक्टूबर (नरक चतुर्दशी) को है और लक्ष्मी पूजा 20 अक्टूबर (दीपावली) को की जाएगी। यह अलग-अलग दिन हैं।
2. क्या हनुमान जी को सिर्फ सिंदूर ही चढ़ाना चाहिए?
सिंदूर हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है और इसे चढ़ाने का विशेष महत्व है। लेकिन आप फूल, अक्षत, पान-सुपारी और उनके पसंदीदा भोग (गुड़-चना) से भी पूजा कर सकते हैं।
3. अगर रात में पूजा न कर सकें तो क्या करें?
अगर आप निशिता काल (मध्यरात्रि) में पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो प्रदोष काल (शाम को सूर्यास्त के बाद का समय) में पूजा करना भी फलदायी रहता है। महत्व श्रद्धा और भक्ति का है।
4. हनुमान पूजा में कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?
“ॐ हनुमते नमः” मंत्र सबसे सरल और प्रभावी मंत्र है। इसके अलावा “बजरंग बाण” का पाठ या “हनुमान चालीसा” का पाठ भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
5. क्या हनुमान पूजा के दिन व्रत रखना जरूरी है?
व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन अगर संभव हो तो इस दिन सात्विक भोजन करना और बिना प्याज-लहसुन का भोजन करना अच्छा माना जाता है। इससे मन शांत और पूजा में एकाग्र रहता है।
6. हनुमान जी को कौन सा भोग सबसे ज्यादा पसंद है?
मान्यता है कि हनुमान जी को गुड़ और चने (या बेसन के लड्डू) का भोग विशेष रूप से प्रिय है। इसीलिए इस दिन उन्हें यही भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
Leave a comment