Home देश सुप्रीम कोर्ट ने तय किए ग्रीन पटाखों के नियम, ऑनलाइन बिक्री पर रोक
देशदिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने तय किए ग्रीन पटाखों के नियम, ऑनलाइन बिक्री पर रोक

Share
Supreme Court permits use of green crackers during Diwali
Share

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है। अदालत ने ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाते हुए सुरक्षा और पर्यावरण मानकों के पालन के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 से 21 अक्टूबर तक हरे पटाखों की बिक्री की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने दी ग्रीन पटाखों की अनुमति: 18 से 25 अक्टूबर तक बिक्री होगी मान्य

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए देशभर में 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2025 तक केवल “ग्रीन पटाखों” (पर्यावरण अनुकूल पटाखों) की बिक्री को मंजूरी दी है। यह फैसला त्योहारों के सीजन में प्रदूषण पर नियंत्रण और नागरिकों की सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर लिया गया है।

क्यों जरूरी हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इनमें सामान्य पटाखों की तुलना में 30% से 40% कम प्रदूषक तत्व होते हैं। राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने इनका परीक्षण किया है। इन पटाखों में हानिकारक तत्व जैसे बैरियम नाइट्रेट, सीसा, और एल्युमिनियम का उपयोग या तो नहीं किया जाता या बेहद सीमित मात्रा में किया जाता है।

अदालत के आदेश की मुख्य बातें

  • बिक्री अवधि: 18 से 21 अक्टूबर तक।
  • उपयोग का समय: प्रतिदिन शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक।
  • केवल अधिकृत ग्रीन पटाखे जिन पर QR कोड मौजूद हो, उन्हीं की बिक्री मान्य होगी।
  • पुलिस को निगरानी और टीम गठन का निर्देश दिया गया है ताकि कोई भी अवैध पटाखा न बेचा जाए।
  • ऑनलाइन बिक्री (ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य को लेकर चिंता
हर साल दीवाली के दौरान दिल्ली, कानपुर, पटना और लखनऊ जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदूषण से बढ़ती PM2.5 मात्रा फेफड़ों और हृदय रोगों का प्रमुख कारण बनती है। WHO के मुताबिक, दीवाली के बाद भारत के कई शहरों में वायु गुणवत्ता “Hazardous” श्रेणी में चली जाती है।

ग्रीन पटाखों की पहचान कैसे करें?
सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने सभी लाइसेंसप्राप्त उत्पादों पर QR कोड और ‘NEERI Certified’ लोगो अनिवार्य किया है। उपभोक्ता उसे स्कैन करके निर्माता और प्रमाणिकता की जानकारी देख सकते हैं।

पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
आदेश के अनुसार, स्थानीय पुलिस को निरीक्षण दल बनाकर बाजारों में औचक जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी विक्रेता को पारंपरिक या बिना प्रमाणित पटाखे बेचते पकड़ा गया, तो उसे नोटिस जारी किया जाएगा और कार्रवाई होगी।

ऑनलाइन बिक्री क्यों प्रतिबंधित की गई?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ई-कॉमर्स साइट्स पर अवैध रूप से पारंपरिक पटाखों की बिक्री नियंत्रित नहीं की जा सकती। इसलिए ऑनलाइन माध्यम से किसी भी प्रकार के पटाखे बेचना अब प्रतिबंधित है। यह कदम पटाखों के अनियंत्रित वितरण को रोकने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

सामाजिक और धार्मिक संतुलन बनाए रखना
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक आवश्यक कदम है। इसके तहत नागरिकों को अपनी परंपराओं का पालन तो करने की स्वतंत्रता है, लेकिन ऐसे तरीके से जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचाए।

सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पर्यावरण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा परिषद (ICMR) दोनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह आदेश सख्ती से लागू हुआ, तो इस बार दीवाली के बाद वायु गुणवत्ता में 15-20% सुधार देखा जा सकता है।

जनता से अपील
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत “ग्रीन पटाखे” ही खरीदें और तय समय सीमा के भीतर ही प्रयोग करें। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को पटाखों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?
ग्रीन पटाखे वे हैं जिनसे सामान्य पटाखों की तुलना में 30–40% कम प्रदूषण होता है और इनमें हानिकारक रसायनों का उपयोग सीमित होता है।

2. ये पटाखे कहां मिलेंगे?
केवल लाइसेंसप्राप्त दुकानों पर जिन पर QR कोड और NEERI का मार्क हो।

3. क्या ऑनलाइन ग्रीन पटाखे खरीदे जा सकते हैं?
नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।

4. अगर कोई अवैध पटाखा बेच रहा हो तो क्या करें?
स्थानीय पुलिस या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचना दें।

5. क्या यह आदेश पूरे देश में लागू है?
हाँ, सुप्रीम कोर्ट का आदेश राष्ट्रीय स्तर पर लागू है और सभी राज्यों व केंद्रशासित क्षेत्रों में प्रभावी रहेगा।

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

आंध्र प्रदेश पुलिस ने 275 किलोग्राम गांजा जब्त किया, तीन गिरफ्तार, तीन फरार

आंध्र प्रदेश पुलिस ने अनाकापल्ली जिले में 275 किलोग्राम गांजा जब्त किया,...

लखनऊ में बने ब्रह्मोस मिसाइल तैयार, 18 अक्टूबर को पहली खेप लॉन्च होगी

लखनऊ की नई ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री में बने मिसाइलों की पहली खेप...

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में घर में जबरदस्त विस्फोट, नौ लोग घायल

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पटाखा व्यापारी के घर में जबरदस्त...

2026-28 के लिए भारत की यूएन मानवाधिकार परिषद में वापसी: जानें क्या है अहमियत

भारत को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में 2026-28 के लिए सातवीं...