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बीबीएमकेयू प्रशासन की मनमानी के खिलाफ आजसू छात्र संघ ने निकाली प्रतीकात्मक शव यात्रा

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धनबाद । बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) प्रशासन की तानाशाही और स्थानीय छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ आजसू छात्र संघ ने बुधवार को एक अभूतपूर्व और भावनात्मक विरोध प्रदर्शन किया।आजसू छात्र संघ के नेतृत्व में हीरक रोड से बीबीएमकेयू तक विश्वविद्यालय के अधिकारियों की प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली गई।
इस प्रतीकात्मक शव यात्रा में विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारियों, जिनमें कुलपति डॉ. राम कुमार सिंह, कुलसचिव डॉ. राधानाथ त्रिपाठी, डीएसडब्ल्यू डॉ. पुष्पा कुमारी, और पीएचडी सेल के नकुल प्रसाद समेत अन्य अधिकारियों का “शव” शामिल था। यह विरोध प्रदर्शन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि छात्र संघ विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी को अब और बर्दाश्त नहीं करेगा।

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे आजसू छात्र संघ के प्रदेश महासचिव विशाल महतो ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, “जेट (JET) की परीक्षा पूरी हुए बगैर बीबीएमकेयू के द्वारा पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया चालू कर दी गयी है। यह एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि :

  1. स्थानीय छात्र वंचित होंगे : लंबे वर्षों से जेट की परीक्षा आयोजित नहीं हुई थी। जेट परीक्षा पूरी न होने से स्थानीय छात्र आवेदन करने से ही वंचित हो जा रहे हैं।
  2. आरक्षण का लाभ छीना जा रहा : जेट की परीक्षा में राज्य का आरक्षण नियमावली लागू होगी, जिसके तहत स्थानीय छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा और अधिकाधिक संख्या में स्थानीय छात्र ही पास होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन जेट परीक्षा से पहले एडमिशन शुरू करके स्थानीय छात्रों के संवैधानिक अधिकार को छीनने का प्रयास कर रहा है।
  3. मांग की अनदेखी : छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से जेट की परीक्षा पूरी होने तक पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया को रोकने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने इस न्यायसंगत मांग को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।

ओबीसी छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण शुल्क :
विशाल महतो ने ओबीसी छात्रों से लिए जा रहे भेदभावपूर्ण शुल्क पर भी आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “ओबीसी के साथ भेदभाव पूर्ण शुल्क 1000 रुपये लिया जा रहा था, जिसका विरोध करने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन बाज नहीं आया।”

गरीब और पिछड़े छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित रखने की साजिश
आजसू छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन की मानसिकता पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन की मानसिकता साफ दिखाई दे रही है। वे अपने झारखंड के पिछड़े, गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ पीएचडी जैसे महत्वपूर्ण डिग्री से भी वंचित रखना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर, अपने आर्थिक लाभ की लालसा में कुछ जेआरएफ छात्रों के लिए सैकड़ों स्थानीय छात्रों की बलि चढ़ाने पर अड़े हुए हैं, जो कतई बर्दाश्त नहीं है।”
आजसू छात्र संघ ने प्रण लिया है कि वह हमेशा छात्रों के हितों की रक्षा के लिए लड़ा है और आगे भी लड़ेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी पर रोक नहीं लगाता और स्थानीय छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बंद नहीं करता।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से छात्र नेता विक्की कुमार, सुदामा महतो, रौनक राज, आदर्श पासवान, राजवर्धन सिंह, विनेश वर्मा, कारण गोप, कबीर यादव, मधुसूदन सोरेन, विजय महतो, विवेक गोप, आनंद गोप, रोहित गोप, प्रेम मोदक, रोहित महतो, सागर कुमार, सचिन महतो सहित अन्य मौजूद थे।

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