आईएसपीए प्रमुख AK भट्ट के अनुसार भारत में अगले साल OneWeb, Starlink और Kuiper जैसी कंपनियों द्वारा सैटलाइट कम्यूनिकेशन सेवाएं शुरू हो सकती हैं, लेकिन स्पेक्ट्रम आवंटन और ड्राफ्ट स्पेस एक्ट का इंतजार है।
आईएसपीए प्रमुख AK भट्ट ने कहा– सैटलाइट इंटरनेट से दूरदराज इलाकों में डिजिटल कनेक्शन संभव
सैटलाइट कम्यूनिकेशन सेवाएं अगले साल शुरू हो सकती हैं, उद्योग ड्राफ्ट स्पेस एक्ट की प्रतीक्षा में
भारतीय अंतरिक्ष संघ (Indian Space Association/ISpA) के निदेशक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल A.K. भट्ट (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि भारत में सैटलाइट कम्यूनिकेशन (SATCOM) सेवाएं अगले साल शुरू हो सकती हैं। उन्होंने India Mobile Congress के दौरान Moneycontrol को बताया कि OneWeb, Starlink और अमेज़न के Kuiper जैसे ऑपरेटर स्पेक्ट्रम आवंटन के बाद भारत में अपने सेवाएं रोल आउट करने की तैयारी में हैं।
दूरदराज इलाकों में आवश्यक इंटरनेट विकल्प
सैटलाइट कम्यूनिकेशन को उन दूरदराज इलाकों के लिए एक जरूरी विकल्प के रूप में देखा जा रहा है जहां भौतिक रूप से इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना आर्थिक रूप से असंभव है।
हालांकि Bharti समर्थित OneWeb और Eutelsat जैसे खिलाड़ियों को मंजूरी मिल गई है, लेकिन व्यावसायिक सेवाएं अभी शुरू नहीं हो पाईं हैं क्योंकि स्पेक्ट्रम आवंटन और नियामक मंजूरी लंबित हैं।
स्पेक्ट्रम आवंटन में देरी और ड्राफ्ट स्पेस एक्ट
ISpA ने सैटलाइट खिलाड़ियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन में तेजी लाने का आग्रह किया है, जो 2022 में जारी पहली Global Mobile Personal Communication by Satellite (GMPCS) लाइसेंस के बाद से लंबित है। भट्ट ने इसे उद्योग के लिए ‘बड़ी अवसर लागत’ बताया और कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन जल्द हो ताकि प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
अधिकांश उद्योग विशेषज्ञ ड्राफ्ट स्पेस एक्ट के प्रकाशन से पहले सरकार की परामर्श प्रक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि कानून लागु होने के बाद लचीलेपन की संभावना कम होगी।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) का महत्व
भट्ट ने दूरदराज के क्षेत्रों में सैटलाइट कनेक्टिविटी को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दूरदराज के लोगों को डिजिटल कनेक्शन चाहिए लेकिन वे उसे वहन नहीं कर सकते। सरकार को USOF (Universal Service Obligation Fund) या समान फंड के माध्यम से अंतिम उपयोगकर्ता तक सब्सिडी पहुंचानी होगी।
FAQs:
- सैटलाइट कम्यूनिकेशन सेवाएं कब शुरू हो सकती हैं?
अगले वर्ष, संभवतः 2026 में सैटलाइट इंटरनेट सेवाएं भारत में शुरू हो सकती हैं। - कौन से ऑपरेटर भारत में सैटलाइट सेवा देंगे?
OneWeb, Starlink, और अमेज़न का Kuiper प्रमुख ऑपरेटर हैं। - सेवा शुरू होने में सबसे बड़ी बाधा क्या है?
स्पेक्ट्रम आवंटन में देरी और नियामक मंजूरी प्रमुख बाधाएं हैं। - ड्राफ्ट स्पेस एक्ट क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कानून उद्योग और नियामक के बीच स्पष्ट दिशानिर्देश बनाएगा और सेवाओं को स्थिरता देगा। - दूरदराज क्षेत्रों में सैटलाइट कनेक्टिविटी कैसे सहायक होगी?
वहां के लोग इंटरनेट कनेक्शन पा सकेंगे जहाँ पारंपरिक इंफ्रास्ट्रक्चर पहुंच नहीं पाता। - सार्वजनिक-निजी भागीदारी की क्या भूमिका होगी?
यह कनेक्टिविटी को सस्ता और अधिक सुलभ बनाने में मदद करेगी।
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