अंडे खाते समय 90% लोग करते हैं ये 2 गलतियां! Nutritionist ने बताया अंडे का पीला भाग न खाना और ज्यादा पकाना कैसे पोषण को करते हैं कम। जानें अंडे खाने का सही तरीका और Tips।
अंडे खाते समय 90% लोग करते हैं ये 2 बड़ी गलतियां,Nutritionist ने बताया सही तरीका
अंडा सेहत के लिए एक संपूर्ण आहार माना जाता है। यह प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का भंडार है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंडे को गलत तरीके से खाना आपकी सेहत के लिए फायदे की जगह नुकसानदायक भी हो सकता है? जी हां, हम में से ज्यादातर लोग अंडे खाते समय दो ऐसी गलतियां करते हैं जो इस सुपरफूड के पोषण को बर्बाद कर देती हैं।
हाल ही में एक जाने-माने न्यूट्रिशनिस्ट ने अंडे खाने के तरीके को लेकर कुछ जरूरी सलाह दी है। उन्होंने बताया कि कैसे दो सामान्य आदतें हमारे शरीर को अंडे का पूरा पोषण नहीं मिलने देतीं। आइए, विस्तार से जानते हैं कि वे गलतियां क्या हैं और अंडे खाने का सही और सेहतमंद तरीका क्या है।
गलती नंबर 1: अंडे के पीले भाग (योक) को छोड़ देना
यह शायद सबसे आम और सबसे बड़ी गलती है। ज्यादातर लोग, खासकर वे जो वजन कम करना चाहते हैं या कोलेस्ट्रॉल को लेकर चिंतित हैं, अंडे की सफेदी तो खाते हैं लेकिन पीला भाग फेंक देते हैं। उन्हें लगता है कि इसमें सिर्फ फैट और कोलेस्ट्रॉल होता है। लेकिन न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक, ऐसा करना अंडे के सबसे जरूरी पोषक तत्वों को कूड़े में फेंकने के बराबर है।
- पीले भाग में छुपा है पोषण का खजाना:
- विटामिन्स: अंडे की जर्दी में विटामिन A, D, E, और K जैसे फैट-सॉल्युबल विटामिन्स पाए जाते हैं, जो सफेदी में बिल्कुल नहीं होते। ये विटामिन आंखों, हड्डियों और immunity के लिए बेहद जरूरी हैं।
- कोलीन (Choline): यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो दिमाग की सेहत, याददाश्त और लिवर के कार्य के लिए जिम्मेदार होता है। और यह सिर्फ पीले भाग में ही पाया जाता है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड: दिमाग और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद ओमेगा-3 भी जर्दी में ही मौजूद होता है।
- एंटीऑक्सीडेंट्स: इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो आंखों को मोतियाबिंद और उम्र बढ़ने के प्रभाव से बचाते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल का डर कितना सही?
जर्दी में कोलेस्ट्रॉल होता है, लेकिन रिसर्च बताती हैं कि ज्यादातर स्वस्थ लोगों के लिए डाइटरी कोलेस्ट्रॉल का ब्लड कोलेस्ट्रॉल पर उतना बुरा असर नहीं पड़ता, जितना समझा जाता था। असली दोषी हैं ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट। अगर आपको पहले से ही हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर है। लेकिन एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोज एक पूरा अंडा खाना पूरी तरह से सुरक्षित और फायदेमंद है।
गलती नंबर 2: अंडे को जरूरत से ज्यादा पकाना
दूसरी बड़ी गलती है अंडे को बहुत ज्यादा देर तक पकाना। हम अक्सर ऑमलेट को सूखा और कड़क बनाने या उबले अंडे की जर्दी के चारों ओर हरे रंग का घेरा देखने के आदि हैं। यह दिखाता है कि अंडा ओवरकुक हो चुका है।
- ओवरकुकिंग से क्या नुकसान होते हैं?
- पोषण का नुकसान: ज्यादा तापमान और देर तक पकाने से अंडे में मौजूद कुछ नाजुक पोषक तत्व, जैसे कुछ विटामिन-B और एंटीऑक्सीडेंट, नष्ट होने लगते हैं।
- आयरन का अवशोषण प्रभावित होना: ओवरकुक करने पर अंडे की जर्दी में मौजूद आयरन का रासायनिक structure बदल जाता है, जिससे शरीर के लिए उसे absorb करना मुश्किल हो जाता है।
- कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण: ज्यादा गर्मी अंडे की जर्दी में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को ऑक्सीडाइज कर सकती है। ऑक्सीडाइज्ड कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक माना जाता है और यह दिल की बीमारियों के risk को बढ़ा सकता है।
- कठोर और पचने में भारी: ज्यादा पका हुआ अंडा सख्त और रबड़ जैसा हो जाता है, जिसे पचाना शरीर के लिए मुश्किल होता है।
तो अंडे खाने का सही तरीका क्या है?
- पूरा अंडा खाएं: सफेदी और जर्दी दोनों को एक साथ खाने से आपको प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन और मिनरल्स का संपूर्ण लाभ मिलता है। यह एक बैलेंस्ड न्यूट्रिशन प्रोफाइल है।
- हल्का और सही तरीके से पकाएं: अंडे को इतना ही पकाएं कि वह सुरक्षित तो रहे, लेकिन उसके पोषक तत्व बरकरार रहें।
- पोच्ड एग: यह अंडा पकाने का सबसे हेल्दी तरीका माना जाता है।
- सॉफ्ट-बोल्ड एग: जहां जर्दी थोड़ी लिक्विड बनी रहे।
- सन्नी साइड अप: जहां जर्दी पूरी तरह से सख्त न हो।
- हल्का स्क्रैम्बल एग: उन्हें रबड़ जैसा सख्त और सूखा बनने से बचाएं।
अंडे से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण सुझाव
- ताजे अंडे का इस्तेमाल करें।
- अंडे को हमेशा अच्छी तरह से धोकर इस्तेमाल करें।
- अंडे को पकाते समय ज्यादा तेल या मक्खन का इस्तेमाल न करें।
- अगर आपको कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेकर ही इसका सेवन शुरू करें।
अंडा प्रकृति द्वारा दिया गया एक संपूर्ण आहार है, बशर्ते हम इसे सही तरीके से खाएं। अंडे की जर्दी को छोड़ना और उसे जरूरत से ज्यादा पकाना, दो ऐसी गलतियां हैं जो हमें इसके पूरे पोषण से वंचित कर देती हैं। अगली बार जब आप अंडा खाएं, तो पूरा अंडा खाएं और उसे हल्का-सा पकाएं। इस छोटे से बदलाव का आपकी सेहत पर बहुत बड़ा सकारात्मक असर होगा। याद रखें, सही जानकारी ही अच्छे स्वास्थ्य की चाबी है।
FAQs
1. क्या एक दिन में 2 अंडे खाना सुरक्षित है?
ज्यादातर स्वस्थ वयस्कों के लिए एक दिन में 1-2 अंडे खाना पूरी तरह से सुरक्षित और फायदेमंद है। अगर आपको पहले से कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं, लेकिन आमतौर पर संतुलित डाइट का हिस्सा बनकर रोजाना एक अंडा खाना ठीक है।
2. कच्चा अंडा पीना कितना सही है?
कच्चा अंडा पीना सही नहीं है। इसमें साल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। साथ ही, कच्चे अंडे में मौजूद प्रोटीन को पचाना शरीर के लिए मुश्किल होता है। पकाए हुए अंडे का पोषण ज्यादा बेहतर तरीके से मिलता है।
3. ब्राउन अंडे और व्हाइट अंडे में क्या फर्क है?
रंग का फर्क मुर्गी की नस्ल पर निर्भर करता है, पोषण पर नहीं। ब्राउन और व्हाइट दोनों तरह के अंडे पोषण में लगभग एक जैसे ही होते हैं। पोषण का स्तर मुर्गी के खान-पान और रहन-सहन पर निर्भर करता है।
4. क्या उबले अंडे की जर्दी के आसपास हरा रंग दिखना नुकसानदायक है?
हरा रंग दिखना इस बात का संकेत है कि अंडा ओवरकुक हो गया है। यह रंग आयरन और सल्फर के कम्बीनेशन से बनता है। यह जहरीला तो नहीं होता, लेकिन इसका मतलब है कि अंडे का स्वाद और texture थोड़ा खराब हो गया है और कुछ पोषक तत्व कम हो सकते हैं। इसे खाना सुरक्षित है, लेकिन बेहतर है कि अंडे को इतना न उबालें।
5. वजन कम करने के लिए अंडे कैसे खाने चाहिए?
वजन कम करने के लिए अंडे का पूरा (सफेदी और जर्दी) सेवन करना बेहतर है। जर्दी में मौजूद हेल्दी फैट और पोषक तत्व आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे आप ओवरईटिंग से बचते हैं। इसे उबालकर, पोच करके या कम तेल में बनाकर खाएं।
6. बच्चों को अंडा कब और कैसे देना शुरू करें?
आमतौर पर 8-9 महीने की उम्र के बाद बच्चों को अंडा देना शुरू किया जा सकता है। हमेशा अच्छी तरह से पकाकर ही दें। पहली बार सिर्फ एक चुटकी अंडे की जर्दी देकर देखें कि कहीं एलर्जी तो नहीं हो रही। अगर कोई reaction नहीं होता, तो धीरे-धीरे मात्रा बढ़ा सकते हैं।
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