उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजनीतिक इस्लाम को इतिहास में नजरअंदाज किया गया है, जिससे सनातन धर्म को बड़ा नुकसान पहुंचा।
योगी आदित्यनाथ बोले: राजनीतिक इस्लाम को इतिहास में नजरअंदाज किया गया, सनातन धर्म को बड़ा आघात
योगी आदित्यनाथ का ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इतिहास में “राजनीतिक इस्लाम” पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया, जिसकी वजह से भारतीय सभ्यता और सनातन धर्म को गंभीर चोट पहुंची। उन्होंने कहा कि इतिहास की एकांगी व्याख्या ने समाज को गलत दिशा में मोड़ा और भारत के सांस्कृतिक वैभव को कमजोर किया।
सनातन धर्म पर प्रभाव
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि धर्म का राजनीतिक उपयोग और विस्तारवादी सोच ने भारतीय परंपराओं को प्रभावित किया है। उन्होंने इसे “राजनीतिक इस्लाम की विचारधारा” का परिणाम बताया, जिसने समय के साथ समाज में विभाजन और बौद्धिक असंतुलन उत्पन्न किया।
इतिहास से सीखने की बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय है जब भारत अपने ऐतिहासिक दृष्टिकोण की समीक्षा करे और सच्चे तथ्यों पर आधारित इतिहास को पुनर्लिखे। उन्होंने यह भी कहा कि आज देश को सनातन मूल्यों के पुनरुद्धार की आवश्यकता है, ताकि समाज में एकता और संस्कृति की रक्षा की जा सके।
राजनीतिक और सांस्कृतिक सन्देश
योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य धर्म के आधार पर मतभेद नहीं बल्कि सभ्यता की चेतना को जगाना है। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता और सहिष्णुता में है, लेकिन इतिहास की विकृति ने इन मूल्यों को कमजोर किया।
FAQs
- योगी आदित्यनाथ ने “राजनीतिक इस्लाम” पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि इतिहास में राजनीतिक इस्लाम को नजरअंदाज किया गया, जिससे सनातन धर्म को गंभीर नुकसान हुआ। - उनका बयान किस संदर्भ में था?
उन्होंने यह विचार भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना पर एक कार्यक्रम में साझा किया। - मुख्यमंत्री ने इतिहास के बारे में क्या सुझाव दिया?
उन्होंने कहा कि भारत को अपने इतिहास की वास्तविक और संतुलित व्याख्या करने की जरूरत है। - क्या बयान का कोई राजनीतिक संदर्भ था?
बयान सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से था, जिसमें ऐतिहासिक पुनर्मूल्यांकन की बात की गई। - सनातन धर्म पर क्या टिप्पणी की गई?
योगी ने कहा कि सनातन धर्म भारतीय संस्कृति की आत्मा है, और इसे किसी भी राजनीतिक विचारधारा से ऊपर रखना चाहिए।
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