ब्रिटेन की शोधकर्ता Francesca Orsini को टूरिस्ट वीज़ा पर रिसर्च करने के आरोप में भारत में प्रवेश से मना कर दिया गया और उन्होंने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से निर्वासन किया गया।
ब्रिटेन की शोधकर्ता Francesca Orsini का इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से निर्वासन
ब्रिटेन की शोधकर्ता फ्रांसेस्का ऑर्सिनी का इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से निर्वासन टूरिस्ट वीजा पर रिसर्च करने के कारण
नई दिल्ली: लंदन की विदुषी और शोधकर्ता फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को भारत में प्रवेश करने से रोका गया और उन्हें इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वापस लौटाया गया। सरकारी सूत्रों के अनुसार मार्च 2025 में उन्हें टूरिस्ट वीजा की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया था।
रिसर्च पर की गई पाबंदी
ऑर्सिनी हिंदी और दक्षिणी एशियाई साहित्य में पारंगत हैं और पिछले वर्षों से भारत में विविध भाषाई साहित्य पर शोध कर रही थीं। लेकिन उन्होंने टूरिस्ट वीजा पर रहकर शोध कार्य किए, जो वीजा नियमों के खिलाफ है। भारत में शोध करने के लिए ‘R’ वीजा लेना अनिवार्य होता है, जिसमें शोध विषय, परियोजना विवरण एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करना शामिल है।
सरकार का रुख और नियम
सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति के वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर उसे काला नाम दर्ज किया जा सकता है और इसे सार्वजनिक करने या व्याख्या करने की आवश्यकता नहीं होती। यह एक सार्वभौमिक कूटनीतिक अभ्यास है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद विपक्ष के सांसदों सहित कई जानकारों ने सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे असंवेदनशील और अनुचित बताया। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक देश का यह अधिकार है कि वह अपने भूभाग में विदेशी नागरिकों के प्रवेश को नियंत्रित करे।
पूर्व में भी ऐसे मामले देखे गए
फरवरी 2024 में एक अन्य ब्रिटिश अकादमिक, निताशा कौल को बंगलुरु एयरपोर्ट पर प्रवेश से रोका गया था। उनके खिलाफ ‘प्रो-सेपरेटिस्ट’ टिप्पणियों के आधार पर लुकआउट सर्कुलर जारी था और उनका ‘ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया’ दर्जा भी रद्द कर दिया गया।
भारत में शोध करने वालों के लिए वीज़ा नियम
शोध के लिए R वीजा आवेदन में अनुसंधान विषय, भारत में यात्रा स्थलों की सूची, मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालय या संगठन से प्रमाण पत्र, तथा आर्थिक संसाधनों का विवरण शामिल होना आवश्यक है।
FAQs
- फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को भारत से क्यों वापस भेजा गया?
उन्होंने टूरिस्ट वीजा पर रहते हुए शोध कार्य किया, जो नियमों का उल्लंघन है। - भारत में शोध करने के लिए किस प्रकार का वीजा चाहिए?
शोध के लिए ‘R’ वीजा अनिवार्य होता है। - ऑर्सिनी का क्या शोध विषय था?
वह हिंदी और दक्षिण एशियाई साहित्य में अध्ययनरत थीं। - क्या भारत में ऐसे अन्य मामले भी हुए हैं?
हाँ, फरवरी 2024 में ब्रिटेन की निताशा कौल को भी इसी कारण निर्वासित किया गया था। - क्या सरकार ने इस घटना पर कोई सार्वजनिक व्याख्या दी?
सरकार ने केवल यह कहा कि वीजा नियमों के उल्लंघन वाले व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया जाता है और व्याख्या आवश्यक नहीं होती।
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