शुक्र की कक्षा के भीतर 700 मीटर का एक नया ‘Twilight ’ Asteroid खोजा गया है, जो सूरज का चक्कर मात्र 128 दिनों में लगाता है—वैज्ञानिकों द्वारा इसे पृथ्वी के संभावित जोखिम के तौर पर देखा जा रहा है।
128 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करने वाला Asteroid
Uncommon Celestial Discovery Near Sun
वैज्ञानिकों ने हाल ही में शुक्र ग्रह की कक्षा के बिल्कुल भीतर, सूरज के बेहद निकट ‘ट्वाइलाइट’ श्रेणी का 700 मीटर चौड़ा क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) खोजा है। इसकी खासियत है कि यह सूर्य की परिक्रमा मात्र 128 दिनों में पूरी कर लेता है—यह अब तक मिले बेहद कम समय में सूरज की परिक्रमा करने वाले और निकटतम एस्टेरॉयड्स में शामिल हो गया है।
What Are ‘Twilight’ Asteroids?
- ऐसे एस्टेरॉयड जिन्हें पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के बीच, सूर्योदय या सूर्यास्त की अदृश्यता के दौर में देखा जा सकता है।
- इनकी खोज मुश्किल है क्योंकि सूर्य के प्रकाश में बहुत कम समय या केवल टेलीस्कोप की विशेष सेटिंग्स में ही इनका पता चलता है।
Scientific Importance & Risk Factor
- साइंटिस्ट्स के अनुसार, ऐसे एस्टेरॉयड्स रहस्यमय इसलिए माने जाते हैं क्योंकि ये आमतौर पर सूर्य के बहुत पास होने के कारण पारंपरिक उपकरण से ‘छुपे’ रहते हैं।
- इस खोज ने नया खतरा भी उठाया है—अगर भविष्य में इनका पथ बदलता है तो वे पृथ्वी की तरफ बढ़ सकते हैं, हालांकि फिलहाल कोई त्वरित खतरा नहीं बताया गया।
- 700 मीटर साइज वाले ये क्षुद्रग्रह प्रभावी टकराव की स्थिति में भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए वैज्ञानिक इनकी निरंतर ट्रैकिंग और ऑर्बिट मॉनीटरिंग पर जोर दे रहे हैं।
Orbital Dynamics: Speed and Proximity
- यह एस्टेरॉयड शुक्र की कक्षा के अंदर है—पृथ्वी से बहुत ज़्यादा पास।
- सिर्फ 128 दिनों में एक सौर परिक्रमा पूरी करता है, जो इस कैटेगरी के एस्टेरॉयड्स के लिए असाधारण है।
- नासा एवं अन्य स्पेस एजेंसियां इस पर अलर्ट रही हैं ताकि इसके पथ और बदलाव का अनुमान लगाया जाए।
Implications for Planetary Defense
- ऐसे क्षुद्रग्रहों की खोज से ‘प्लैनेटरी डिफेन्स’ और पृथ्वी की सुरक्षा योजनाओं में नई प्राथमिकताएं जुड़ती हैं।
- वैज्ञानिक मानते हैं कि इन क्षेत्रों में और खोज-बढ़ने की जरूरत है, खासतौर पर जब ये एस्टेरॉयड्स लगभग ‘अदृश्य’ रहते हैं।
FAQs:
- क्या यह Asteroid पृथ्वी के लिए खतरा है?
- फिलहाल नहीं, लेकिन भविष्य में मार्ग बदलने की संभावना रहती है।
- ‘ट्वाइलाइट’ एस्टेरॉयड्स क्या होते हैं?
- वे जो सूरज के बहुत पास और शुक्र की कक्षा के भीतर-सूर्यास्त या सूर्योदय में ही देखे जाते हैं।
- इसकी खोज क्यों मुश्किल होती है?
- क्योंकि यह सूरज की चमक में छुपा रहता है और सिर्फ खास परिस्थितियों में दिखता है।
- इस खोज का वैज्ञानिक महत्त्व क्या है?
- इससे ग्रहों की सुरक्षा रणनीति, सौर प्रणाली की गतिशीलता और टेलीस्कोपिक इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा।
- क्या ऐसे क्षुद्रग्रह पहले भी मिल चुके हैं?
- बहुत कम, क्योंकि ये सूर्य के ज्यादा नजदीक और आम दृष्टि से बाहर होते हैं।
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