कर्नूल बस हादसे में 20 लोगों की मौत, जांच में खुलासा—बस अवैध रूप से स्लीपर कोच में बदली गई थी, सुरक्षा नियमों और दस्तावेज़ों में फर्जीवाड़ा पाया गया।
कर्नूल बस हादसा रिपोर्ट: अधिकारियों की लापरवाही ने ली 20 जिंदगियां
कर्नूल बस हादसा — अवैध स्लीपर कोच, फर्जी दस्तावेज़ और प्रशासनिक लापरवाही की दर्दनाक कीमत
आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में शुक्रवार तड़के हुए भीषण बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। बेंगलुरु जा रही वामुरी कावेरी ट्रैवल्स की बस में आग लगने से लगभग 20 यात्रियों की जलकर मौत हो गई। अब रिपोर्ट के अनुसार, यह बस मूल रूप से सीटर कोच थी जिसे बिना अनुमति स्लीपर बस में बदल दिया गया था — यानी नियमों की खुली अवहेलना की गई थी।
बस में लगभग 44 यात्री सवार थे। यात्रा के दौरान कर्नूल जिले के उलिंदकोण्डा में यह दोपहिया वाहन से टकराई। बाइक बस के नीचे फंस गई, जिससे कुछ ही सेकंड में भीषण आग लग गई। कई यात्री गहरी नींद में थे और भाग नहीं पाए। पुलिस के अनुसार, अधिकांश शव जलकर पहचान योग्य नहीं बचे।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बस (रजिस्ट्रेशन नंबर DD01 N9490) वर्ष 2018 में दमन और दीव में रजिस्टर्ड थी। अप्रैल 2025 में इसका रजिस्ट्रेशन ओडिशा के रायगडा RTO में स्थानांतरित किया गया — संदेहास्पद पते के साथ।
- बस का ‘टूरिस्ट परमिट’ 2030 तक वैध था।
- फिटनेस सर्टिफिकेट 2027 तक दमन प्राधिकरण द्वारा जारी था।
- हालांकि, असल में यह बस “सीटर” थी, जिसे गैरकानूनी रूप से “स्लीपर” में बदला गया था और उसके डिज़ाइन में कोई सुरक्षा परीक्षण नहीं हुआ।
बस के पास दस्तावेज़ तो थे, पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। परिवहन अधिकारियों ने इस अवैध परिवर्तन को नजरअंदाज कर दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा — “यात्रियों की सुरक्षा को मुनाफे के लिए बलि चढ़ाया जा रहा है। कई निजी ऑपरेटर RTA अधिकारियों के साथ मिलीभगत से फर्जी अनुमतियाँ लेते हैं।”
घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने गहरा दुख व्यक्त किया। तीनों स्तरों पर — केंद्र, आंध्र और तेलंगाना सरकारों ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजा घोषित किया है।
बचे हुए यात्री एन. रमेश की शिकायत पर पुलिस ने दोनों बस चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्हें धारा 125(ए) (मानव जीवन संकट में डालना) और 106(1) (लापरवाही से मृत्यु का कारण बनना) के तहत बुक किया गया है।
प्रमुख तथ्य और दस्तावेज़ स्थिति
| विवरण | जानकारी | टिप्पणी |
|---|---|---|
| बस का प्रारंभिक मॉडल | सीटर कोच | अवैध रूप से स्लीपर में बदला गया |
| मालिक | वामुरी विनोद कुमार (कावेरी ट्रैवल्स) | निजी ऑपरेटर |
| परमिट जारी करने वाला | ओडिशा RTO (रायगडा) | पता सत्यापित नहीं |
| फिटनेस सर्टिफिकेट | सिलवासा, दमन एंड दीव | वैध 2027 तक |
| मौतें | 20 यात्री | अधिकतर झुलसे |
भारत में स्लीपर बस संचालन के लिए सख्त BIS और AIS मानक हैं, जिनमें “फ्लेम-रिटार्डेंट” सामग्री और “एमरजेंसी एक्जिट” का प्रावधान अनिवार्य है। लेकिन निजी यात्राएं लागत बचाने के लिए इन नियमों को दरकिनार कर देती हैं।
यह हादसा निजी परिवहन व्यवस्था की खामियों और सरकारी नियंत्रण की विफलता को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बस परिवहन क्षेत्र में एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा निगरानी प्रणाली तथा नियमित निरीक्षण को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
FAQs
- कर्नूल बस हादसा कैसे हुआ?
- हादसे के पीछे मुख्य कारण क्या पाए गए हैं?
- वामुरी कावेरी ट्रैवल्स की बस पर क्या आरोप हैं?
- क्या जांच में किसी अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठे हैं?
- भारत में बसों के लिए सुरक्षा नियम क्या-क्या हैं?
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