जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई, तो बिहार से नौकरी के लिए बाहर जाना बीते दिन की बात होगी। उन्होंने कहा बिहार में ही रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता होगी।
बिहार चुनाव 2025: प्रशांत किशोर ने किया बड़ा वादा, कहा—“जन सुराज सरकार बनेगी तो पलायन खत्म होगा”
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले युवाओं के रोजगार और पलायन की समस्या को केंद्र में रखते हुए बड़ा वादा किया है। सिटामढ़ी में आयोजित एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज पार्टी को जनता का समर्थन और बहुमत मिलता है, तो बिहार के युवाओं को अब काम के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
भाजपा और एनडीए पर हमला
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार के युवाओं को न नौकरी मिली, न सम्मान। उन्होंने गुजरात के विकास मॉडल की तुलना बिहार से करते हुए कहा, “गुजरात में एक लाख करोड़ की बुलेट ट्रेन बन रही है, और बिहार का युवा छठ पर घर आने के लिए ट्रेन में सीट के लिए संघर्ष कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को अब उस राजनीतिक मानसिक गुलामी से आज़ाद होना होगा, जहाँ लोग डर के कारण कभी बीजेपी को और कभी लालू या आरजेडी को वोट देते हैं। किशोर ने कहा कि अब यह करवट लेने का वक्त है—“जन सुराज जनता की सरकार बनेगी, दलों की नहीं।”
रोजगार पर मुख्य वादा
किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि जन सुराज की सरकार बनने के बाद राज्य में स्थानीय उद्योग, कृषि आधारित संसाधनों और MSME सेक्टर को सशक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य से होने वाला पलायन बिहार की सबसे बड़ी बीमारी है, और यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो एक साल के भीतर 70% से ज्यादा रोज़गार खुद बिहार के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा—“अगर आपने जन सुराज को वोट दिया, तो जो लोग छठ के लिए घर आए हैं, उन्हें अब दोबारा रोज़गार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”
चुनावी समीकरण
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
NDA गठबंधन में भाजपा, जदयू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। विपक्षी महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वाम दल (CPI, CPM, CPI(ML)) और वीआईपी पार्टी शामिल हैं।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है, जिससे सीधे तौर पर NDA और महागठबंधन दोनों के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।
राजनीतिक बयानबाज़ी और रणनीति
किशोर ने कहा कि जन सुराज का उद्देश्य किसी गठबंधन को तोड़ना नहीं बल्कि बिहार के लोगों को विकल्प देना है। उन्होंने सिटामढ़ी को “जन सुराज का जन्मस्थान” बताते हुए कहा कि यह वही जगह है जहाँ 3.5 साल पहले इस आंदोलन की नींव रखी गई थी।
उन्होंने कहा — “अब लोगों को तय करना है कि वे उसी पुरानी व्यवस्था में रहना चाहते हैं या एक नए बिहार का निर्माण करना चाहते हैं।”
प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान बिहार की राजनीति में तीसरे विकल्प के रूप में उभर रहा है। उनकी पार्टी उन लोगों को आकर्षित कर रही है जो वर्षों से बेकारी, भ्रष्टाचार और पलायन से परेशान हैं।
युवाओं और प्रवासी बिहारी मतदाताओं को केंद्र में रखकर उनका यह संदेश प्रदेश की सत्ता समीकरण में नया मोड़ ला सकता है।
FAQs
- जन सुराज पार्टी का मुख्य वादा क्या है?
पार्टी ने वादा किया है कि बिहार में ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिससे युवाओं को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े। - प्रशांत किशोर ने किस सरकार पर हमला किया?
उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की आलोचना की। - चुनाव कब हो रहे हैं?
6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, मतगणना 14 नवंबर को होगी। - क्या जन सुराज सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है?
हाँ, पार्टी ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। - चुनावी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कौन हैं?
मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, जबकि जन सुराज तीसरे विकल्प के रूप में उभरा है।
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