अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीद लगभग पूरी तरह बंद कर चुका है और चीन के साथ व्यापार समझौते की उम्मीद भी जताई।
भारत रूस से तेल आयात कम कर रहा, ट्रंप ने चीन के साथ ‘पूर्ण समझौते’ की आशा जताई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दोहराया कि भारत ने रूस से तेल की खरीददारी को लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया है। उन्होंने यह बयान दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली आगामी बैठक से पहले दिया।
भारत का रूस से तेल आयात
ट्रंप ने बताया कि भारत ने रूस से तेल के आयात को काफी हद तक कम कर दिया है और वर्ष के अंत तक इसे लगभग समाप्त कर देगा। उन्होंने कहा, “भारत ने मुझे बताया है कि वे इसे बंद कर रहे हैं, यह एक प्रक्रिया है, लेकिन वह इस साल के अंत तक लगभग शून्य पर आ जाएगा।”
अमेरिका के प्रतिबंध और वैश्विक दबाव
ट्रंप ने रूस की तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिकी प्रतिबंधों की भी घोषणा की, जो वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक बड़ा कदम माना जाता है।
चीन के साथ व्यापार वार्ता
ट्रंप ने उम्मीद जताई कि उनकी शी जिनपिंग के साथ वार्ता में “पूर्ण समझौता” होगा, जिसमें कृषि व्यापार और फेंटेनाइल जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि फेंटेनाइल चीन से आने वाला एक घातक पदार्थ है जो कई लोगों की जान ले रहा है।
भारत ने बार-बार ट्रंप के दावों का खंडन किया है और कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और वह अपने उपभोक्ताओं की जरूरतों को प्राथमिकता देता है।
ट्रंप के इस बयान से वैश्विक तेल बाजार और भारत-यूएस-चीन संबंधों में सांकेतिक प्रभाव पड़ सकता है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा और विदेश नीति के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण स्थिति है।
FAQs
- ट्रंप ने भारत की किस कदम की बात की है?
रूस से तेल आयात में भारी कटौती। - क्या भारत ने इस बात से इनकार किया है?
हाँ, भारत ने देश के हितों को प्राथमिकता देने की बात कही है। - ट्रंप ने किस वैश्विक प्रतिबंध की घोषणा की?
रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध। - चीन के साथ किन मुद्दों पर चर्चा होगी?
व्यापार, कृषि, और फेंटेनाइल आयात। - भारत की ऊर्जा नीति क्या है?
राष्ट्रीय हितों और उपभोक्ता जरूरतों पर आधारित।
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