प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में भारतीय Coffee की तारीफ की। जानें क्या है मौसमी मलाबार, अरेबिका और रोबस्टा कॉफी की खासियत। कर्नाटक, केरल से आने वाली भारतीय कॉफी दुनिया में क्यों है मशहूर? जानें इसके स्वाद, इतिहास और ग्लोबल मार्केट की पूरी जानकारी।
भारतीय Coffee का वैश्विक जादू
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में की तारीफ, जानें क्या है खास
“हमारे देश की कॉफी की अपनी एक अलग पहचान है, अपना एक टेस्ट है… दुनिया के कॉफी कॉनॉयसर (पारखी) भारत की कॉफी की अलग ही तारीफ करते हैं।” ये शब्द हैं हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के, जिन्होंने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भारतीय कॉफी की वैश्विक पहचान और उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। अक्सर चाय प्रधान देश के रूप में पहचाने जाने वाले भारत की यह ‘कॉफी वाइब’ दुनिया भर के कॉफी प्रेमियों के दिलों पर राज कर रही है।
लेकिन क्या है वह खास बात जो भारतीय कॉफी को इतना विशेष बनाती है? क्यों दुनिया के सबसे नामी-गिरामी कॉफी शॉप्स में ‘इंडियन मॉनसून्ड मलाबार’ और ‘कॉर्ग अरेबिका’ जैसे नाम गर्व से लिखे जाते हैं? आज का यह लेख आपको भारतीय कॉफी के स्वादिष्ट सफर पर ले चलता है – उसके इतिहास, उसकी विविधता, और उस अनोखी प्रक्रिया से रूबरू कराएगा जो हमारी कॉफी को दुनिया भर में एक अलग मुकाम दिलाती है।
एक झलक इतिहास: कैसे भारत पहुंची Coffee?
भारत में कॉफी की शुरुआत का श्रेय बाबा बुदन नामक एक सूफी संत को जाता है। कहानी है कि 17वीं शताब्दी में यमन की अपनी तीर्थयात्रा से लौटते समय, उन्होंने सात जादुई कॉफी बीन्स चोरी करके दक्षिण भारत के चिकमगलूर के पहाड़ों में छिपा दीं। यहीं से भारत में कॉफी की खेती की शुरुआत हुई, जो आज देश के दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु तक फैल चुकी है। उस जगह को आज भी ‘बाबा बुदन गिरी’ के नाम से जाना जाता है।
भारतीय Coffee की अनूठी विशेषताएं: दुनिया को क्या पसंद आता है?
वैश्विक बाजार में भारतीय कॉफी की मांग का राज उसकी ‘अनोखी विशेषताओं’ में छिपा है।
- मसालेदार और चॉकलेटी स्वाद: भारतीय अरेबिका कॉफी में अक्सर हल्का मसालेदार, चॉकलेटी और नट्स जैसा स्वाद होता है, जो इथियोपिया या केन्या की फलों जैसी खटास वाली कॉफी से बिल्कुल अलग है।
- कम एसिडिटी: भारतीय कॉफी की एक बड़ी खासियत इसकी कम एसिडिटी (acidity) है। इसका मतलब है कि यह पेट के लिए कोमल है और इसका स्वाद मुलायम और संतुलित है।
- पूर्ण-शरीरी (Full-Bodied): भारतीय कॉफी, खासकर रोबस्टा, अपने ‘फुल बॉडी’ के लिए जानी जाती है। यानी यह मुंह में एक गहरा, समृद्ध और भारी स्वाद छोड़ती है, जो एस्प्रेसो और कप्पुचीनो जैसी ड्रिंक्स के लिए आदर्श है।
भारत की प्रमुख Coffee Varieties: स्वाद का खजाना
प्रधानमंत्री मोदी ने ठीक ही कहा कि हमारे देश की कॉफी की अपनी पहचान है। यह पहचान इन विशेष किस्मों से बनती है:
1. मॉनसून्ड मलाबार (Monsooned Malabar) – भारत की सबसे विशिष्ट Coffee
- क्या है खास? यह दुनिया की सबसे अनोखी कॉफी प्रक्रियाओं में से एक है। इसे तैयार करने के लिए कॉफी बीन्स को मानसून के मौसम में खुले गोदामों में रखा जाता है, जहाँ नम हवा और बारिश उन्हें घेर लेती है। इस प्रक्रिया से बीन्स का रंग हल्का पीला हो जाता है और उनमें एक विशेष मिट्टी जैसा, तेज और मसालेदार स्वाद आ जाता है।
- स्वाद प्रोफाइल: मसालेदार, लकड़ी जैसा, नमी युक्त स्वाद, कम एसिडिटी।
2. कॉर्ग कॉफी (Coorg Coffee) – ‘दक्षिण का स्कॉटलैंड’
- क्या है खास? कर्नाटक के कोडागु जिले (जिसे कॉर्ग भी कहते हैं) में उगाई जाने वाली यह कॉफी देश की सबसे लोकप्रिय कॉफी में से एक है। इस इलाके की उपजाऊ जमीन और ठंडी जलवायु कॉफी के लिए परफेक्ट है।
- स्वाद प्रोफाइल: अक्सर चॉकलेटी और मसालेदार नोट्स के साथ, फलों जैसी हल्की सुगंध।
3. चिकमगलूर कॉफी (Chikmagalur Coffee) – भारतीय कॉफी का जन्मस्थान
- क्या है खास? यह वही जगह है जहाँ बाबा बुदन ने पहली बार कॉफी बोई थी। ‘कॉफी का मक्का’ कहलाने वाला चिकमगलूर अपनी शानदार अरेबिका कॉफी के लिए मशहूर है।
- स्वाद प्रोफाइल: संतुलित, हल्की मिठास, नारंगी या सिट्रस नोट्स और कोको के संकेत।
4. अरेबिका (Arabica) बनाम रोबस्टा (Robusta)
- अरेबिका: यह भारत में उगाई जाने वाली कॉफी का लगभग 40% हिस्सा है। इसका स्वाद कोमल, मीठा और फलों जैसा होता है। यह सीधे पीने के लिए बेहतर मानी जाती है।
- रोबस्टा: यह भारत की कॉफी उत्पादन का 60% हिस्सा है। इसका स्वाद मजबूत, कड़वा और अनाज जैसा होता है और इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है। यह इंस्टेंट कॉफी और एस्प्रेसो ब्लेंड में ज्यादा इस्तेमाल होती है।
भारतीय कॉफी किसानों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ कॉफी की तारीफ की, बल्कि कॉफी किसानों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे देश के अलग-अलग हिस्सों में उगाई जाने वाली कॉफी को ट्राई करें। इससे न सिर्फ किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि भारतीय कॉफी की विविधता से लोगों का परिचय भी होगा।
कैसे चुनें और पिएं असली भारतीय Coffee ?
अगर आप भारतीय कॉफी के स्वाद का अनुभव करना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- लेबल पढ़ें: कॉफी खरीदते समय पैकेट पर ‘100% अरेबिका’ या ‘कॉर्ग कॉफी’ जैसे टैग को देखें।
- भारतीय ब्रांड्स को ट्राई करें: कैफे कॉफी डे, टाटा कॉफी, और ‘इंडian’ जैसे ब्रांड शुद्ध भारतीय कॉफी को बढ़ावा दे रहे हैं।
- बीन्स खरीदें: ताजगी के लिए होल बीन्स (पूरे दाने) खरीदें और घर पर पीसें।
- ब्रूइंग मेथड: दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी बनाने की विधि भारतीय कॉफी के असली स्वाद को सबसे अच्छे तरीके से सामने लाती है।
एक प्याला, अनगिनत कहानियाँ
भारतीय कॉफी सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यह बाबा बुदन की विरासत है, कॉर्ग और चिकमगलूर के पहाड़ों की ठंडी हवा है, केरल के मानसून की सुगंध है, और हज़ारों किसानों की मेहनत का फल है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ ने इस ‘लिक्विड गोल्ड’ पर देश का ध्यान खींचा है। अब समय आ गया है कि हम सिर्फ चाय के देश तक सीमित न रहें, बल्कि अपनी इस दूसरी पहचान – एक उत्कृष्ट कॉफी उत्पादक देश की पहचान – को भी गर्व के साथ अपनाएं और दुनिया में बढ़-चढ़कर पेश करें।
तो अगली बार जब आप कॉफी का प्याला भरें, तो एक पल रुककर सोचें – क्या यह स्वाद भारतीय है? हो सकता है, आपको एक नए स्वाद का पता चले जो आपको दुनिया भर की कॉफी से अलग और पसंद आ जाए।
FAQs
1. क्या भारत दुनिया का सबसे बड़ा Coffee उत्पादक देश है?
नहीं, भारत दुनिया में कॉफी उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में शामिल नहीं है, लेकिन यह एशिया के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। भारत का फोकस मात्रा से ज्यादा गुणवत्ता और अनूठे स्वाद पर है।
2. कॉफी के मामले में ‘मॉनसून्ड’ प्रक्रिया क्या होती है?
यह एक पारंपरिक प्रक्रिया है जहाँ कॉफी बीन्स को मानसूनी हवाओं के संपर्क में लाया जाता है। इससे बीन्स में नमी बढ़ जाती है, उनका आकार बदल जाता है और एक बिल्कुल अलग, मसालेदार और कम एसिडिक स्वाद पैदा हो जाता है। यह प्रक्रिया भारत के मलाबार तट पर ही संभव है।
3. क्या भारतीय कॉफी ऑर्गेनिक है?
बहुत से भारतीय कॉफी बागान प्राकृतिक तरीकों से कॉफी उगाते हैं, क्योंकि पारंपरिक रूप से कॉफी के पेड़ छायादार पेड़ों के नीचे उगाए जाते हैं। हालाँकि, सभी कॉफी ऑर्गेनिक नहीं है। ऑर्गेनिक सर्टिफाइड कॉफी के लिए आपको विशेष रूप से उसका लेबल चेक करना होगा।
4. दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी और नॉर्मल कॉफी में क्या अंतर है?
दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी आमतौर पर चिकमगलूर की रोबस्टा और अरेबिका कॉफी के मिश्रण से बनती है। इसे एक ब्रास के फिल्टर में डालकर ताज़ा पीसी हुई कॉफी से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद बहुत ही स्ट्रॉंग और सुगंधित होता है और इसे दूध और चीनी के साथ परोसा जाता है।
5. भारत में कॉफी उगाने वाले प्रमुख राज्य कौन से हैं?
भारत में कॉफी का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिणी राज्यों में होता है। कर्नाटक (सबसे बड़ा उत्पादक), केरल, तमिलनाडु प्रमुख राज्य हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और ओडिशा के कुछ इलाकों में भी कॉफी की खेती होती है।
6. क्या मैं ऑनलाइन असली भारतीय कॉफी खरीद सकता हूँ?
हाँ, बिल्कुल। टाटा कॉफी, कैफे कॉफी डे, और कई अन्य छोटे ऑनलाइन ब्रांड्स और वेबसाइट्स शुद्ध कॉर्ग, चिकमगलूर और मॉनसून्ड मलाबार कॉफी बेचते हैं। खरीदने से पहले रिव्यूज जरूर चेक कर लें।
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