फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिज़िट मैक्रॉन के खिलाफ साइबर उत्पीड़न के आरोप में दस लोग पेरिस की अदालत में नज़र आएंगे।
ब्रिज़िट मैक्रॉन के खिलाफ साइबर उत्पीड़न मामले में अदालत में पेश होंगे दस आरोपी
फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिज़िट मैक्रॉन के ऑनलाइन उत्पीड़न में दस आरोपी होंगे न्याय के सामने
पेरिस की एक अदालत में सोमवार से फ्रांस की प्रथम महिला ब्रिज़िट मैक्रॉन के खिलाफ होने वाले साइबर उत्पीड़न के मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। इस मामले में दस आरोपियों के खिलाफ तारीख तय की गई है। ये सभी लोग वर्षों से सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ भेदभावपूर्ण और अपमानजनक टिप्पणियां करते आ रहे हैं।
ब्रिज़िट मैक्रॉन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अमेरिकी अदालत में एक मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराया है, जिसमें आरोप है कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने से संबंधित झूठे दावों से बदनाम किया जा रहा है। इन ऑनलाइन आरोपों में उनकी उम्र के अंतराल की आलोचना भी शामिल है जिसे कई लोग उठाते रहे हैं।
यह दस आरोपी — आठ पुरुष और दो महिलाएं — ब्रिज़िट मैक्रॉन के लिंग और यौनिकता पर कई आपत्तिजनक और गलत टिप्पणियां करने के दोषी हैं। पेरिस की अदालत इस मामले में उन्हें दो साल तक की जेल की सजा तक सुनाने का प्रावधान रखती है। आरोपियों में सोशल मीडिया विज्ञापन और अफवाह फैलाने वाले शामिल हैं, जिन पर ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति द्वेष फैलाने का आरोप है।
इस मामले में एक आरोपी, औरेलियन पॉयर्सन-अतालान, सोशल मीडिया पर “ज़ोई सागन” के नाम से जाना जाता है और वह षड्यंत्र सिद्धांतों से जुड़ा माना जाता है। दूसरी आरोपी, डेल्फीन जे., जो खुद को आध्यात्मिक माध्यम कहती हैं, पिछले मुकदमों में भी शामिल रही हैं। दोनों के खिलाफ पहले भी मानहानि मुकदमे चल चुके हैं।
ब्रिज़िट मैक्रॉन के खिलाफ ये दावे और टिप्पणियां फ्रांस के भीतर और अमेरिका जैसे अन्य देशों में भी जोर पकड़ रही हैं। ट्रांसजेंडर अधिकारों को लेकर बढ़ते विवादों में यह मामला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। कई उच्च स्तरीय राजनीतिक महिलाओं को भी उनकी यौनिकता को लेकर गलत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
यह मुकदमा साइबर क्राइम, ऑनलाइन उत्पीड़न और लिंग भेदभाव के खात्मे की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। न्याय प्रणाली से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में कड़े निर्णय देगी ताकि महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
FAQs
- आरोपियों पर क्या आरोप हैं?
- ब्रिज़िट मैक्रॉन के खिलाफ लिंग आधारित ऑनलाइन उत्पीड़न और अपमानजनक टिप्पणियां।
- मुकदमे की सुनवाई कब शुरू हुई?
- पेरिस की अदालत में सोमवार को।
- आरोपियों को कितनी सजा हो सकती है?
- आरोप सिद्ध होने पर दो साल तक की जेल हो सकती है।
- आरोपी कौन हैं?
- सोशल मीडिया पर सक्रिय आठ पुरुष और दो महिलाएं, जिनमें षड्यंत्र सिद्धांतों से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
- यह मामला किस प्रकार की समस्या को दर्शाता है?
- साइबर क्राइम, ऑनलाइन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव का गंभीर मुद्दा।
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