साइक्लोन मोन्था के प्रचंड होते ही आंध्र, ओडिशा, तमिलनाडु में भारी बारिश, तेज हवाओं और समुद्री तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
बंगाल की खाड़ी में तेज हुआ साइक्लोन मोन्था, कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी
भारत के पूर्वी-तटीय राज्यों पर साइक्लोन मोन्था का संकट गहराता जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में बनकर मंगलवार सुबह यह सिस्टम अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है, जिसने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और आसपास के राज्यों में तेज बारिश और तूफानी हवाओं का खतरा बढ़ा दिया है।
IMD का पूर्वानुमान और ताजा स्थिति
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, साइक्लोन मोन्था 12 किमी/घंटा रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। मंगलवार दोपहर यह आंध्र प्रदेश में काकीनाडा के समीप लैंडफॉल कर सकता है, जिसकी समुद्री स्थिति बहुत ही खराब है।
- तेज़ हवाओं की गति 90–100 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है, कुछ झोंकों में 110 किमी/घंटा तक भी।
- समुद्र में लहरें 4.7 मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं।
- मछुआरों के लिए समुद्र में जाने पर पूर्ण पाबंदी है।
राज्यों में अलर्ट और बचाव इंतजाम
आंध्र प्रदेश:
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के निर्देश पर संवेदी क्षेत्रों में रियल-टाइम वॉयस अलर्ट और सार्वजनिक घोषणाएं की जा रही हैं।
- 26 जिलों में तुरंत अलर्ट
- 3,174 राहत केंद्र सक्रिय
- 3,778 गाँवों में पूरी सतर्कता
ओडिशा:
- 8 जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों से 11,000+ लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासन
- 153 से अधिक बचाव दल (NDRF, ODRAF, Fire Units)
- स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्र बंद, समुद्र तट (बीच) सील
तमिलनाडु:
- चेन्नई डिस्ट्रिक्ट में जोरदार बारिश, स्कूल बंद
- बंदरगाहों और समुद्र किनारे अलर्ट
- तटीय इलाकों के सभी मछुआरों को बाहर न जाने की सलाह
पश्चिम बंगाल, झारखंड, तेलंगाना:
- दक्षिण बंगाल, झारखंड और तेलंगाना में भी भारी बारिश की चेतावनी
- कई जिलों में रेड/ऑरेंज अलर्ट
प्रभावित जिले और बारिश का अनुमान
- आंध्र: श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, नेल्लोर, कोनसीमा, काकीनाडा समेत
- ओडिशा: मलकानगिरी, कोरापुट, गजपति, गंजाम आदि
- तमिलनाडु: चेन्नई, तिरुवल्लूर
- रेड वार्निंग: 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश
आपदा प्रबंधन और सरकारी कदम
- आपदा केंद्रों में भोजन, पानी व आवश्यक वस्तुएं स्टॉक
- INCOIS अलर्ट – समुद्र किनारे पर बहुत ऊंची लहरों की चेतावनी
- तटीय क्षेत्रों में पुलिस और एनडीआरएफ एक्टिव
- तटीय बंदरगाहों पर डेंजर सिग्नल फहराए गए
सारणी: राज्यों के प्रमुख अलर्ट व बचाव उपाय
| राज्य | अलर्ट ज़िला | राहत केंद्र | बचाव टीमें | स्कूल बंद | बारिश अनुमान |
|---|---|---|---|---|---|
| आंध्र | 8+ | 3,174 | 26+ | हां | 20+ सेमी |
| ओडिशा | 8 | 11,000+ लोग | 153 | हां | भारी |
| तमिलनाडु | 2+ | — | — | हां | मध्यम |
| बंगाल/झारखंड | 5+ | — | — | इंगित | मध्यम |
FAQs
- साइक्लोन मोन्था का नाम किसने दिया और इसका अर्थ क्या है?
- यह नाम थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित है, अर्थ है ‘खुशबूदार फूल’।
- साइक्लोन के कारण किन क्षेत्रों में सबसे अधिक खतरा है?
- आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों, ओडिशा के नीचे दक्षिण जिलों, और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में।
- सरकारी प्रशासन ने अब तक क्या कदम उठाए?
- तुरंत अलर्ट, राहत केंद्र, बिजली/पानी का स्टॉक, सुरक्षा दल पूरे क्षेत्र में तैनात।
- क्या लोगों के लिए समुद्र तट और आवाजाही बंद रहेगी?
- हां, राहत व बचाव कार्य तक तटीय इलाकों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
- तूफान का असर कब तक रहेगा?
- IMD के अनुसार, यह असर 29 अक्टूबर तक तेज रहेगा, फिर पश्चिम बंगाल-झारखंड की ओर असर दिखेगा।
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