बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें ISKON पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है। सरकार की जनप्रतिनिधि खामोशी चिंता का विषय।
बांग्लादेश में धार्मिक उन्माद, ISKON पर प्रतिबंध की मांग तेज
बांग्लादेश में हाल की कुछ दिनों से हिंसक आंदोलनों और बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया है। इन प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य है, भारत के धार्मिक संगठन आईएसकॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना आंदोलन) पर प्रतिबंध लगाना। प्रदर्शनकारी संगठनों में हिजाब भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्लामिक कट्टरपंथियों का समर्थन प्राप्त किया है।
प्रदर्शन और नेता
- बांग्लादेश के प्रमुख शहर ढाका और चटगांव में शुक्रवार को जुम्मा की नमाज के बाद लाखों लोग सड़कों पर उतरे।
- प्रदर्शनकारियों ने आईएसकॉन को “अंतःकृत्रिम हिन्दू संगठन” करार दिया और तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की।
- इन प्रदर्शनों का नेतृत्व हिफ़ाज़त-ए-इসলाम और इस्लामिक उन्मादी समूह कर रहे हैं।
सरकार की स्थिति और घटनाक्रम
- युनुस सरकार ने आधिकारिक तौर पर आईएसकॉन को “धार्मिक कट्टरपंथी संस्था” घोषित किया है।
- विपक्ष और मानवाधिकार समूह इसे धार्मिक भेदभाव के खिलाफ बड़ा खतरा बता रहे हैं।
- सरकार अब तक कार्रवाई से इनकार कर रही है, लेकिन मुस्लिम समुदायों के भीतर हिंसा और फसाद का खतरा गोरतलब है।
आरोप-प्रत्यारोप
- प्रदर्शनकारी आरोप लगाते हैं कि सरकार बड़ी संख्या में हिजाब और मुस्लमानों का समर्थन प्राप्त कर, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रही है।
- सरकार का दावा है कि ये आंदोलन राष्ट्र की सुरक्षा और शांति के लिए अनिवार्य हैं।
- इस बीच, यह भी खबरें हैं कि इस्लामिक कार्यशालाएं सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- विश्व बिरादरी में भी इस संकट को लेकर चिंता जताई जा रही है।
- संयुक्त राष्ट्र और भारत जैसे पड़ोसी देश इस हिंसा को शांत करने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं।
वर्तमान हालात और घटनाक्रम
| घटना | विवरण |
|---|---|
| प्रदर्शन कब और कहां हुए? | ढाका और चटगांव में, शुक्रवार को। |
| नेतृत्व करने वाले संगठन | हिफ़ाज़त-ए-इসলाम, इस्लामिक जिहादी समूह। |
| सरकार का बयान | आईएसकॉन को “धार्मिक कट्टरपंथी” घोषित किया। |
| हत्या और हिंसा का स्तर | मंदिर पर अतिरिक्त हमले, धार्मिक झड़पें। |
| अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया | यूनाइटेड नेशंस, भारत, अमेरिका समेत कई देशों की चिंता। |
FAQs
- बांग्लादेश में अभी कौन-कौन से संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं?
— हिफ़ाज़त-ए-इসলाम, इस्लामिक उन्मादी समूह, और कुछ स्थानीय संगठन। - सरकार ने अभी तक कौन-कौन से कदम उठाए हैं?
— आधिकारिक तौर पर आईएसकॉन को “कट्टरपंथी संगठन” घोषित किया और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाइयों का संकेत दिया है। - हिंसा किन कारणों से बढ़ रही है?
— धार्मिक भावना भड़काने, सरकार की शिथिलता और कट्टरपंथी समूहों का बढ़ता दबाव। - क्या भारत इन प्रदर्शनों में शामिल है?
— भारत सरकार ने इन हिंसक प्रदर्शनों को लेकर चिंता व्यक्त की है और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया है। - भविष्य में क्या संभावनाएं हैं?
— आपसी सहमति और अंतरराष्ट्रीय दबाव से स्थिति नियंत्रण में आने की उम्मीद है।
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