बिहार के एक Village में पुरुषों का अस्तित्व नहीं है, और यहां माताएं अपने 18 वर्ष से ऊपर के बेटों को घर से दूर भेज देती हैं। जानिए इस गाँव के अद्भुत नियम और जीवनशैली के बारे में।
Village with No Man-उस गाँव के नियम जो आपको हैरान कर देंगे
भारत के बिहार राज्य में एक ऐसा अनोखा गाँव है जहाँ पर पुरुषों का चलन और स्थायी रूप से रहना बिल्कुल नहीं होता। यहाँ की माताएं अपने 18 वर्ष की उम्र के बाद अपने बेटों को घर से अलग भेज देती हैं। इस गांव के नियम और रीति-रिवाज आम सामाजिक परंपराओं से बिलकुल अलग और चौंकाने वाले हैं।
पुरुष रहित गाँव के नियम और व्यवस्था
- इस गाँव में महिलाओं का ही मुख्य प्रभाव और सत्ता केंद्र है।
- 18 साल के लड़कों को घर से निकाल दिया जाता है, जिससे गाँव में पुरुषों की अनुपस्थिति रहती है।
- पुरुषों का घर वापसी सामान्यतः नहीं होती, और गाँव की सामाजिक व्यवस्था महिलाओं के अधीन चलती है।
- यह प्रारूप पारम्परिक परिवार व्यवस्था को चुनौती देता है, जहां पिता और पुरुष परिवार के मुखिया होते हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
- यहाँ महिलाओं को सारी जिम्मेदारियां, संपत्ति नियंत्रण और निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है।
- इस व्यवस्था से महिला सशक्तिकरण की एक अनूठी छवि देखने को मिलती है।
- जाति, वर्ग और लैंगिक भूमिका के दृष्टिकोण से यह गाँव समाजकरण की एक चुनौती पेश करता है।
- शोधकर्ता इस सामाजिक मॉडल का अध्ययन कर महिलाओं के नेतृत्व व सामाजिक बुनियाद को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
सवाल-जवाब
- यह गाँव कहाँ स्थित है?
- बिहार राज्य के किसी विशेष क्षेत्र में।
- क्यों मिटा दिए जाते हैं पुरुष गाँव से?
- सामाजिक नियम अनुसार 18 वर्ष के बाद पुरुषों का अलग रहना अनिवार्य होता है।
- क्या यह नियम पुरुषों के विरुद्ध हैं?
- नहीं, यह एक अलग सामाजिक व्यवस्था को दर्शाते हैं जहाँ मातृत्व प्रधानता होती है।
- इस तरह के अन्य गाँव भी हैं?
- शायद कुछ ऐसा अन्यत्र पाया जाता है, पर मूल रूप से ये अनूठी व्यवस्थाएं हैं।
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