असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मुसलमानों के लिए उचित राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग की और लalu-नीतीश सरकार के ‘जंगल राज’ को आलोचना का निशाना बनाया।
बिहार में ओवैसी ने अमित शाह पर लगाया आरोप, कहा सीमा की सुरक्षा में विफलता
बिहार की राजनीतिक गर्माहट के बीच AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मुसलमानों के हिस्सेदारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने लalu प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के शासनकाल को दो बार ‘जंगल राज’ कहा, जिसमें कानून व्यवस्था और विकास दोनों चरमरा गए थे।
ओवैसी के मुख्य बयानों का सार
- ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लगाई गई घुसपैठ की लगातार आशंकाओं पर सवाल उठाए और पूछा कि गृह मंत्री की निगरानी में कैसे घुसपैठ हो रही है।
- उन्होंने कहा कि सीमांचल सहित बिहार के लोगों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दिल अब भी अहमदाबाद में है और बिहार के लिए कोई खास काम नहीं किया।
- बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकारी राहत कार्यों की धीमी गति पर कड़ी आपत्ति जताई। साथ ही कहा कि चुनावी घोषणाओं की बजाय स्थायी समाधान चाहिए।
- मुसलमानों के लिए हिस्सेदारी का अधिकार मांगा, जो बिहार की आबादी का लगभग 17% हैं, और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी के समान मांगों की भी सराहना की।
- ओवैसी ने भाजपा पर ‘शिफ्टिंग पार्टी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार की जनता भाजपा की चालाकियों से भलीभांति वाकिफ है।
राजनीतिक स्थिति और प्रभाव
- ओवैसी ने बिहार की वर्तमान स्थिति को अफ्रीका के युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से तुलना की, जहां विकास रूका हुआ है।
- विपक्षी दलों के बीच मुसलमानों के प्रतिनिधित्व को लेकर टकराव ने आगामी चुनावों को और रोचक बना दिया है।
ओवैसी के प्रमुख बिंदु और बिहार की वर्तमान स्थिति
| विषय | ओवैसी के बिंदु | वर्तमान बिहार की स्थिति |
|---|---|---|
| राष्ट्रीय सुरक्षा | अमित शाह पर घुसपैठ आशंकाओं का सवाल | सीमांचल क्षेत्र संवेदनशील |
| विकास | बाढ़ राहत और विकास धीमी | बाढ़ प्रभावित तथा पिछड़ा विकास |
| मुसलमानों की राजनीतिक हिस्सेदारी | 17% आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व | हिस्सेदारी कम, मांगें बढ़ी |
| जंगल राज | लalu और वर्तमान शासनकाल में जंगल राज | कानून व्यवस्था कमजोर |
| चुनावी राजनीति | भाजपा की चालाकियां और जनता की जागरूकता | चुनावी माहौल तनावपूर्ण |
FAQs
- ओवैसी ने बिहार के बारे में क्या कहा?
— उन्होंने ‘जंगल राज’ का आरोप लगाते हुए विकास और कानून व्यवस्था की खराब हालत बताई। - मुसलमानों के लिए उनकी प्रमुख मांग क्या है?
— उचित राजनीतिक हिस्सेदारी और समान अधिकार। - उन्होंने अमित शाह को क्यों आड़े हाथ लिया?
— घुसपैठ मुद्दे पर गृह मंत्री की जवाबदेही पर सवाल उठाए। - बिहार की बाढ़ राहत पर उनकी क्या राय है?
— राहत कार्य धीमे हैं, चुनावी घोषणाएं प्रभावी नहीं। - बिहार चुनाव में इस बयान का क्या प्रभाव हो सकता है?
— मुस्लिम समुदाय में समर्थन बढ़ सकता है, चुनावी समीकरण प्रभावित होंगे।
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