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Pregnancy Posture Tips:सही ढंग से बैठने और उठने के जरूरी नियम

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correct posture during pregnancy
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Pregnancy में गलत तरीके से बैठना-खड़ा होना मां और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट से जानें सही Posture के टिप्स, जो पीठ दर्द, सांस लेने में तकलीफ और पाचन समस्याओं से बचाएंगे।

Pregnancy में गलत Posture आपके फेफड़ों और पेट को कैसे नुकसान पहुंचाता है? फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया सही तरीका

गर्भावस्था एक खूबसूरत सफर है, लेकिन इस दौरान शरीर में होने वाले बदलाव अक्सर असहजता और दर्द का कारण बन जाते हैं। इनमें से एक बड़ी समस्या है पीठ दर्द, जिससे ज्यादातर गर्भवती महिलाएं परेशान रहती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दर्द सिर्फ शारीरिक बदलावों की वजह से नहीं, बल्कि आपके बैठने, खड़े होने और सोने के गलत तरीके (पोश्चर) की वजह से भी हो सकता है? और यह गलत पोश्चर सिर्फ पीठ दर्द ही नहीं, बल्कि आपके सांस लेने और पाचन क्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।

जैसे-जैसे गर्भ में शिशु बढ़ता है, गुरुत्वाकर्षण का केंद्र (Center of Gravity) आगे की ओर खिसकता है। इसके कारण शरीर संतुलन बनाए रखने के लिए खुद को adjust करता है, जिससे कमर में अधिक खिंचाव (sway back) और कंधे झुकने जैसी समस्याएं होती हैं। एक फिजियोथेरेपिस्ट के अनुसार, अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गलत पोश्चर न सिर्फ मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव डालता है, बल्कि शिशु के लिए जगह घटने लगती है और आंतरिक अंगों जैसे फेफड़े और पेट पर भी दबाव पड़ता है।

यह लेख आपको विस्तार से बताएगा कि गर्भावस्था में गलत पोश्चर कैसे आपकी सेहत को प्रभावित करता है और आप सही पोश्चर अपनाकर इन समस्याओं से कैसे बच सकती हैं।

गलत Posture के जोखिम: सिर्फ पीठ दर्द ही नहीं, और भी बहुत कुछ

गर्भावस्था में खराब मुद्रा (Poor Posture) केवल असुविधा तक सीमित नहीं है, इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

1. फेफड़ों पर प्रभाव – सांस लेने में तकलीफ:

  • जब आप झुककर बैठती हैं या खड़ी होती हैं, तो आपकी पसलियां और डायाफ्राम (वह मांसपेशी जो सांस लेने में मदद करती है) पूरी तरह से फैल नहीं पाते।
  • गर्भावस्था में तो पहले ही बढ़ते गर्भाशय की वजह से डायाफ्राम पर दबाव बनता है। गलत पोश्चर इस दबाव को और बढ़ा देता है।
  • परिणाम: फेफड़ों को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे सांस फूलने की समस्या और भी बढ़ जाती है। इससे मां और शिशु दोनों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।

2. पाचन तंत्र पर प्रभाव – एसिडिटी और कब्ज:

  • गर्भावस्था के दौरान पहले से ही पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
  • अगर आप झुकी हुई मुद्रा में बैठती हैं, तो इससे पेट (Stomach) पर और ज्यादा दबाव पड़ता है।
  • परिणाम: इस दबाव के कारण पेट का एसिड food pipe की ओर वापस आ सकता है, जिससे heartburn और acidity की शिकायत होती है। इसके अलावा, आंतों पर दबाव पड़ने से कब्ज (Constipation) की समस्या भी बढ़ सकती है।

3. मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं – दर्द और अकड़न:

  • पीठ दर्द: गलत पोश्चर से रीढ़ की हड्डी (Spine) पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे lower back और upper back दोनों में दर्द हो सकता है।
  • गर्दन और कंधे का दर्द: सिर को आगे की ओर झुकाकर रखने (Text Neck) से गर्दन और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द होता है।
  • पेल्विक दर्द: पेल्विस के गलत alignment से पेल्विक गर्डल पेन (PGP) हो सकता है, जिसमें पेल्विस के जोड़ों में तेज दर्द होता है।
  • पैरों में सूजन: लंबे समय तक गलत तरीके से बैठे रहने से blood circulation प्रभावित होती है, जिससे पैरों में सूजन (Edema) आ सकती है।

गर्भावस्था में सही पोश्चर के नियम: फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह

1. सही तरीके से कैसे बैठें? (Correct Sitting Posture)

  • कमर को सहारा दें: कुर्सी पर बैठते समय अपनी कमर को एक तकिए या कुशन का सहारा दें। कोशिश करें कि आपकी पीठ सीधी रहे और कंधे रिलैक्स रहें।
  • पैरों का रखें ध्यान: अपने पैरों को जमीन पर सपाट रखें। पैरों को क्रॉस करके न बैठें, इससे blood circulation बाधित होती है। अगर पैर जमीन पर नहीं पहुंच रहे, तो पैरों के नीचे एक छोटा स्टूल रख लें।
  • नियमित ब्रेक लें: लगातार 30-40 मिनट से ज्यादा न बैठें। हर आधे घंटे में उठकर थोड़ा टहल लें।

2. सही तरीके से कैसे खड़े हों? (Correct Standing Posture)

  • कान, कंधे, कूल्हे एक लाइन में: खड़े होते समय अपने कान, कंधे और कूल्हे एक सीधी लाइन में हों, ऐसा महसूस करें।
  • छाती खुली और कंधे पीछे: अपनी छाती को हल्का सा खोलकर और कंधों को पीछे और नीचे रखें।
  • पैरों में बराबर वजन: खड़े होते समय वजन दोनों पैरों पर बराबर डालें। एक पैर पर ज्यादा देर वजन देकर खड़ी न हों।
  • घुटने हल्के मुड़े हुए: घुटनों को लॉक (कड़ा) न करें, उन्हें हल्का सा मोड़कर रखें।

3. सही तरीके से कैसे उठें? (How to Get Up Safely)

  • जब भी बैठे हुए position से उठें, तो सीधे आगे की तरफ न झुकें।
  • पहले कुर्सी के किनारे की ओर सरकें।
  • अपने पैरों को मजबूती से जमीन पर टिकाएं और पैरों की मदद से खुद को ऊपर उठाएं।
  • उठते समय अपने पैरों की मांसपेशियों का इस्तेमाल करें, कमर का नहीं।

4. सही तरीके से कैसे सोएं? (Sleeping Posture)

  • बाईं ओर करवट लेकर सोएं (Left Side Sleeping): यह पोजीशन गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे आदर्श मानी जाती है। इससे प्लेसेंटा तक ब्लड फ्लो बेहतर होता है और किडनी waste products को आसानी से filter कर पाती है, जिससे पैरों और हाथों में सूजन कम होती है।
  • तकियों का सहारा: अपने पैरों के बीच और पेट के नीचे एक तकिया रख लें। इससे पेल्विस और कमर को सहारा मिलेगा और दर्द से राहत मिलेगी।

पोश्चर सुधारने के लिए उपयोगी एक्सरसाइज

  • पेल्विक टिल्ट्स: यह कमर दर्द को कम करने और पेल्विस को align करने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है।
  • कैट-कैमल पोज (Marjaryasana-Bitilasana): यह योग मुद्रा रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाती है और दर्द से राहत दिलाती है।
  • स्क्वैट्स: डिलीवरी के लिए भी फायदेमंद, स्क्वैट्स पैरों और पेल्विक की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।

एक छोटा सा बदलाव, बड़ी राहत

गर्भावस्था के इस नाजुक दौर में अपने शरीर के प्रति सजग रहना बेहद जरूरी है। आप कैसे बैठती हैं, खड़ी होती हैं और सोती हैं, इसका सीधा असर आपकी daily comfort और आपके शिशु के विकास पर पड़ता है। थोड़ी सी सावधानी और conscious effort से आप गलत पोश्चर से होने वाली समस्याओं से बच सकती हैं और एक स्वस्थ और आरामदायक प्रेग्नेंसी का आनंद ले सकती हैं। याद रखें, आपका सही पोश्चर न सिर्फ आपको, बल्कि आपके आने वाले बच्चे को भी एक healthy start देता है।


FAQs

1. क्या प्रेग्नेंसी में पीठ के बल सो सकते हैं?
पहली और दूसरी तिमाही में पीठ के बल सोना आमतौर पर सुरक्षित है। लेकिन तीसरी तिमाही (28वें हफ्ते के बाद) में पीठ के बल सोने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भाशय का पूरा वजन एक बड़ी blood vessel (Inferior Vena Cava) पर पड़ता है, जिससे मां और शिशु तक blood और oxygen का flow कम हो सकता है।

2. क्या गर्भावस्था में हील वाली सैंडल या चप्पल पहन सकते हैं?
नहीं, ऊंची एड़ी (High Heels) के shoes पहनने से बचना चाहिए। इससे संतुलन बिगड़ने और गिरने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, इससे पीठ दर्द और पैरों में मोच आ सकती है। flat या low-heeled, comfortable और सही साइज के जूते पहनने चाहिए।

3. क्या डेस्क जॉब करने वाली प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कोई खास टिप्स हैं?
हां, एक अच्छी ergonomic chair का इस्तेमाल करें। कमर के पीछे सपोर्ट के लिए तकिया रखें। कंप्यूटर स्क्रीन आंखों के लेवल पर रखें ताकि गर्दन न झुकानी पड़े। हर 30 मिनट में उठकर 2-3 मिनट टहल लें और कुछ stretching exercises करें।

4. क्या पोश्चर करेक्टर बेल्ट (Posture Corrector Belt) प्रेग्नेंसी में इस्तेमाल कर सकते हैं?
प्रेग्नेंसी बेल्ट (Maternity Support Belt) का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह पर ही पहनना चाहिए। यह बेल्ट पेट और पीठ को सहारा देकर दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।

5. अगर पहले से ही गंभीर पीठ दर्द है तो क्या करें?
अगर आराम और सही पोश्चर अपनाने के बाद भी दर्द बना रहता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर या एक certified prenatal physiotherapist से सलाह लें। वह आपकी स्थिति के अनुसार सुरक्षित एक्सरसाइज और उपचार बता सकते हैं।

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