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OCD के प्रकार:क्या आप भी करते हैं बार-बार एक ही काम?

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different types of OCD
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OCD सिर्फ बार-बार हाथ धोने की बीमारी नहीं है। जानें Trichotillomania (बाल नोचना), Hoarding Disorder (जमाखोरी), और Body Dysmorphic Disorder (शरीर में कमी निकालना) सहित OCD के विभिन्न प्रकार, उनके लक्षण और संभावित इलाज।

OCD के प्रकार: क्या सिर्फ सफाई का डर है OCD? जानें हेयर पुलिंग और होर्डिंग डिसऑर्डर जैसे गंभीर रूप

जब भी Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) का नाम आता है, ज्यादातर लोगों के दिमाग में बार-बार हाथ धोने, चीजों को व्यवस्थित करने या ताले की बार-बार जांच करने की तस्वीर उभरती है। जबकि यह OCD के कुछ सामान्य रूप हैं, लेकिन यह इस मानसिक स्वास्थ्य स्थिति की पूरी तस्वीर नहीं हैं। OCD एक जटिल और विविधताओं से भरा डिसऑर्डर है, जो हर व्यक्ति में अलग-अलग तरह से खुद को दिखाता है।

OCD का सीधा सा मतलब है ऐसे घुसपैठिया और अवांछित विचार (Obsessions) जो लगातार दिमाग में आते हैं और बेचैनी पैदा करते हैं, और उस बेचैनी को कम करने के लिए व्यक्ति को बार-बार कुछ खास कार्य (Compulsions) करने पड़ते हैं। यह एक स्पेक्ट्रम विकार है, जिसमें कई तरह की समस्याएं शामिल हैं।

यह लेख आपको OCD के उन्हीं कम चर्चित, लेकिन उतने ही गंभीर रूपों से रूबरू कराएगा, जिनके बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं OCD के विभिन्न प्रकारों के बारे में।

1. कंटैमिनेशन OCD (Contamination OCD) – सफाई और कीटाणुओं का डर

यह सबसे ज्यादा पहचाना जाने वाला प्रकार है।

  • ऑब्सेशन (अवांछित विचार): गंदगी, कीटाणुओं, वायरस, रसायनों या शारीरिक तरल पदार्थों से दूषित हो जाने का लगातार और तीव्र डर।
  • कम्पल्शन (जबरदस्ती की जाने वाली क्रिया): बार-बार हाथ धोना, नहाना, सफाई करना, सार्वजनिक स्थानों या वस्तुओं को छूने से बचना, कपड़ों को बार-बार धोना।
  • प्रभाव: त्वचा में जलन, सामाजिक अलगाव, और दैनिक कार्यों में बाधा।

2. चेकिंग OCD (Checking OCD) – बार-बार जांच करना

इसमें व्यक्ति को लगातार यह डर सताता है कि कहीं उससे कोई गलती न हो गई हो, जिससे कोई बड़ा नुकसान हो जाए।

  • ऑब्सेशन: दरवाजा बंद है या नहीं? गैस का चूल्हा बंद है या नहीं? स्विच ऑफ है या नहीं? कहीं आग न लग जाए, सुरक्षा खतरे में न आ जाए।
  • कम्पल्शन: दरवाजे, ताले, स्विच, गैस नॉब आदि को बार-बार चेक करना। कई बार तस्वीरें खींचकर रख लेना या किसी से बार-बार पूछना।
  • प्रभाव: काम पर पहुंचने में देरी, बिजली/गैस के बिल में बेतहाशा वृद्धि, और गहरी चिंता।

3. सिमेट्री एंड ऑर्डरिंग OCD (Symmetry and Ordering OCD) – व्यवस्था और संतुलन का मोह

इस प्रकार के OCD में चीजों को एक खास और ‘सही’ तरीके से व्यवस्थित करने की एक जबरदस्त आवश्यकता होती है।

  • ऑब्सेशन: यह विचार कि अगर चीजें बिल्कुल सही और संतुलित (symmetrical) नहीं रखी गईं, तो कुछ बुरा हो जाएगा या भारी बेचैनी होगी।
  • कम्पल्शन: किताबों, जूतों, बर्तनों आदि को एक खास क्रम में और पूरी तरह से aligned करके रखना। चीजों को बार-बार adjust करते रहना जब तक कि वह ‘सही’ न लगे।
  • प्रभाव: साधारण कामों में भी बहुत समय लगना, दूसरों के लिए निराशा पैदा करना।

4. हार्म OCD (Harm OCD) – नुकसान पहुंचाने का डर

यह एक बेहद परेशान करने वाला प्रकार है, जिसमें व्यक्ति को खुद के या दूसरों को नुकसान पहुंचाने के डरावने और अवांछित विचार आते हैं।

  • ऑब्सेशन: “कहीं मैं गलती से किसी को चाकू से न घोंप दूं?”, “कहीं मैं सीढ़ियों से किसी को धक्का न दे दूं?” यह विचार व्यक्ति की अपनी values के बिल्कुल विपरीत होते हैं और उसे डरा देते हैं।
  • कम्पल्शन: तेज वस्तुओं (चाकू, कैंची) से दूर भागना, उन्हें छुपा देना। खुद को उन situations से अलग कर लेना जहां नुकसान की आशंका हो (जैसे बच्चों के आसपास)। मन ही मन प्रार्थना करना या ‘अच्छे’ विचार लाने की कोशिश करना।
  • प्रभाव: भारी ग्लानि, शर्म, और अवसाद। यह समझना जरूरी है कि ऐसे विचार आना और उन पर acted upon करना दो अलग बातें हैं।

5. ट्राइकोटिलोमेनिया (Trichotillomania) – बाल नोचने की बीमारी

यह OCD से संबंधित एक डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति अपने बालों (सिर, भौहें, पलकें) को बार-बार नोचने के लिए मजबूर महसूस करता है।

  • ऑब्सेशन: बालों को नोचने से पहले तनाव या बेचैनी महसूस होना।
  • कम्पल्शन: बालों को नोचना, जिसके बाद राहत या संतुष्टि महसूस होती है।
  • प्रभाव: बालों का झड़ना, गंजेपन के patches, त्वचा में संक्रमण, और social anxiety।

6. एक्सकोरिएशन डिसऑर्डर (Excoriation Disorder) – त्वचा नोचने की बीमारी

इसे स्किन-पिकिंग डिसऑर्डर भी कहते हैं। इसमें व्यक्ति अपनी त्वचा को बार-बार नोचता, खुरचता या काटता है।

  • ऑब्सेशन: त्वचा में किसी छोटी सी खराबी, दाने या unevenness पर ध्यान केंद्रित हो जाना, जिससे बेचैनी होती है।
  • कम्पल्शन: उस जगह को बार-बार छूना, खुरचना या नोचना, जिससे घाव हो जाते हैं।
  • प्रभाव: गहरे घाव, निशान, संक्रमण और शर्मिंदगी।

7. होर्डिंग डिसऑर्डर (Hoarding Disorder) – जमाखोरी की बीमारी

इसमें व्यक्ति किसी भी चीज को, चाहे वह कितनी भी बेकार क्यों न हो, फेंकने में असमर्थ होता है।

  • ऑब्सेशन: चीजों को फेंकने पर भारी संकट या चिंता होना। यह डर कि “कल इस चीज की जरूरत पड़ सकती है।”
  • कम्पल्शन: अनुपयोगी चीजों (पुराने अखबार, खाली बोतलें, टूटे सामान) को जमा करते जाना।
  • प्रभाव: घर का रहने लायक न रहना, सामाजिक अलगाव, स्वच्छता संबंधी खतरे।

जागरूकता ही पहला कदम है

OCD और इससे जुड़े डिसऑर्डर कोई ‘अजीब आदतें’ नहीं हैं। यह गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां हैं जो इलाज के बिना और बिगड़ सकती हैं। अच्छी बात यह है कि Cognitive Behavioral Therapy (CBT), Exposure and Response Prevention (ERP) थेरेपी और कुछ मामलों में दवाओं के जरिए इनका प्रभावी इलाज संभव है।

अगर आप या आपका कोई जानकार इनमें से किसी भी लक्षण से जूझ रहा है, तो किसी मनोचिकित्सक (Psychiatrist) या मनोवैज्ञानिक (Psychologist) से सलाह लेने में देरी न करें। सही मदद और support से एक बेहतर और आरामदायक जीवन जीना पूरी तरह संभव है।


FAQs

1. क्या OCD अपने आप ठीक हो सकता है?
OCD आमतौर पर अपने आप ठीक नहीं होता है। बल्कि, समय के साथ इसके लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। पेशेवर मदद लेना सबसे प्रभावी तरीका है।

2. क्या OCD विरासत में मिल सकता है?
रिसर्च बताती है कि OCD में एक जेनेटिक कंपोनेंट हो सकता है। अगर परिवार में किसी को OCD है, तो अन्य सदस्यों में इसके विकसित होने की संभावना थोड़ी अधिक होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है।

3. क्या OCD वाले लोगों को पता होता है कि उनकी आदतें तर्कहीन हैं?
ज्यादातर वयस्क OCD के मरीजों को यह एहसास होता है कि उनके ऑब्सेशन और कम्पल्शन तर्कसंगत नहीं हैं (इसे “good insight” कहते हैं)। लेकिन बेचैनी इतनी तीव्र होती है कि वे उन कार्यों को करने के लिए मजबूर महसूस करते हैं।

4. क्या बच्चों को भी OCD हो सकता है?
हां, बच्चों को भी OCD हो सकता है। अक्सर इसके लक्षण बचपन या किशोरावस्था में शुरू होते हैं। बच्चों में OCD के लक्षण अलग हो सकते हैं, इसलिए माता-पिता का सजग रहना जरूरी है।

5. OCD का सबसे प्रभावी इलाज क्या है?
OCD के इलाज का सबसे सोने का मानक (Gold Standard) Exposure and Response Prevention (ERP) थेरेपी है, जो Cognitive Behavioral Therapy (CBT) का एक प्रकार है। कुछ मामलों में, Selective Serotonin Reuptake Inhibitors (SSRIs) नामक दवाएं भी प्रिस्क्राइब की जाती हैं।

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