बोस्टन की हालिया स्टडी बताती है कि सोने से पहले Light कम करने से आपके दिल के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पढ़ें कैसे रात की रोशनी से तनाव और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
सोने से पहले Light डिम करें दिल और दिमाग के लिए जरूरी कारण
स्टडी का महत्वपूर्ण निष्कर्ष
बोस्टन के Massachusetts General Hospital के शोधकर्ताओं की हालिया स्टडी में यह पाया गया कि रात में अधिक कृत्रिम रोशनी से मस्तिष्क में तनाव संबंधी क्षेत्र सक्रिय हो जाते हैं। इस तनाव के कारण रक्त वाहिकाओं में सूजन बढ़ती है, जो आगे जाकर एथेरोस्क्लेरोसिस और दिल के रोगों की संभावनाएं पैदा करता है।
अध्ययन की प्रक्रिया
450 वयस्कों की निगरानी की गई जिनमें दिल के रोग नहीं थे। PET/CT स्कैन और सैटेलाइट डाटा का उपयोग कर यह पता लगाया गया कि अधिक रात की लाइट एक्सपोजर से मस्तिष्क के तनाव संकेत और धमनी सूजन अधिक होती है।
Light पॉल्यूशन का सामाजिक असर
अध्ययन से पता चलता है कि उच्च ट्रैफिक शोर और कम आय वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में इस खतरे का प्रभाव और अधिक होता है। इसका मतलब है कि पर्यावरणीय और सामाजिक तनाव मिलकर आपकी सेहत पर दुष्प्रभाव डालते हैं।
सलाह और उपाय
- सोने से 30-60 मिनट पहले Light को डिम करें।
- बेडरूम को अंधेरा रखें और स्क्रीन का उपयोग सीमित करें।
- बाहर के स्ट्रीटलाइट्स को शील्ड करें तथा मोशन सेंसर लाइटिंग इस्तेमाल करें।
- गर्म, नरम लाइट का प्रयोग करें बजाय ठंडी और तेज़ रोशनी के।
क्यों जरूरी है यह कदम?
डिम लाइटिंग शरीर को मेलाटोनिन उत्पादन का संकेत देती है, जिससे नींद अच्छी आती है। बेहतर नींद से दिल का स्वास्थ्य सुधरता है, मानसिक तनाव कम होता है और उम्र बढ़ती है।
FAQs
- क्या डिम Light से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है?
- हाँ, यह मेलाटोनिन हार्मोन को सक्रिय कर नींद में सुधार करता है।
- लाइट डिम कब शुरू करें?
- सोने से कम से कम 30 मिनट पहले।
- क्या स्मार्टफोन या टीवी की लाइट से भी दिक्कत होती है?
- हाँ, ये नींद को बाधित करते हैं इसलिए सोने से पहले इन्हें बंद कर देना चाहिए।
- क्या लाइट पॉल्यूशन से केवल दिल ही प्रभावित होता है?
- नहीं, यह मस्तिष्क में तनाव बढ़ाता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
- क्या अधिक लाइट से हार्ट डिजीज का खतरा होता है?
- अध्ययन के अनुसार, रात को अधिक लाइट एक्सपोजर से हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
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