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Back Pain से छुटकारा कैसे पाएं?

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Back Pain सिर्फ उम्र की बात नहीं — जानिए आम कारण, जोखिम-कारक और अपनी पीठ को मजबूत रखने के तरीके।

Back Pain से जुड़े मिथक और सच्चाई

Back Pain आज-कल बहुत आम समस्या बन चुकी है। लंबी बैठने-खड़े रहने, मोबाइल-लैपटॉप के आगे झुकने की आदत, और कम शारीरिक गतिविधि ने हमारी पीठ को पहले से कहीं ज़्यादा दबाव में डाल दिया है। लेकिन यह सिर्फ उम्र या काम की थकान नहीं है — इसके पीछे कई अलग-अलग कारण और जोखिम-कारक हैं। इस लेख में हम उन कारणों, जोखिम-कारकों और सबसे महत्वपूर्ण बात: कैसे अपनी पीठ को बचाया जाए — विस्तार से जानेंगे।


सामान्य कारण
मांसपेशियों या लिगामेंट्स का खिंचाव (Strain)
अचानक भारी वजन उठाना, गलत तरीके से झुकना या लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहना, पीठ के आसपास की मांसपेशियों व लिगामेंट्स पर दबाव डाल सकता है।
उम्र-सम्बंधित क्षय-परिवर्तन (Degenerative changes)
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रीढ़ की हड्डियों के जोड़ और बीच की डिस्क्स में बदलाव आने लगते हैं — जैसे हड्डी-उभार (ओस्टियोफाइट्स) का बनना, जिससे नसों पर दबाव पड़ सकता है।
हर्नियेटेड या प्रोलेप्सड डिस्क (Disc prolapse/hernia)
कुछ मामलों में एक इंटरवर्टेब्रल डिस्क दूसरी के ऊपर चुभ जाती है और नसों को दबाती है — परिणामस्वरूप कमर-से-टांगों में दर्द या सुन्नपन हो सकता है।
बैठने की गलत मुद्रा व निष्क्रिय जीवनशैली
कम गतिविधि और झुकी हुई मुद्रा हमारी कमर की लोड-सहना क्षमता को कम कर देती हैं, जिससे लंबे समय में दर्द विकसित हो सकता है।
मेनोपॉज़-पश्चात ऑस्टियोपोरोसिस व फ्रैक्चर
महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद एस्ट्रोजन स्तर कम होने से हड्डियों का घनत्व घट सकता है, जिससे रीढ़ में कम्प्रेशन फ्रैक्चर जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं।
संक्रमण या सूजन-वाले रीढ़ संबंधी विकार
रीढ़ या उसके आसपास के जोड़-लीगामेंट्स में सूजन या संक्रमण होने पर, तीव्र तरह का व स्थानीयकृत पीठ-दर्द हो सकता है।


रोज़मर्रा में देखने योग्य जोखिम-कारक
• उम्र बढ़ना और शारीरिक स्वरूप में बदलाव।
• लंबे समय तक बैठने वाले-कार्य (डेस्क जॉब्स, स्क्रीन गेमिंग) या लगातार एक-स्थिति में रहने वाले हालात।
• अत्यधिक वजन (ओबेसिटी) — कमर व रीढ़ पर अतिरिक्त भार डालती है।
• धूम्रपान व अधिक शराब का सेवन — हड्डियों व मांसपेशियों की सेहत को प्रभावित करते हैं।
• पिछला चोट-ऐतिहासिक (फॉल, स्पोर्ट्स इंजरी) — पुराने खिंचाव भविष्य में समस्या बना सकते हैं।
• मेनोपॉज़-पश्चात महिलाओं में कम हड्डी-घनत्व।


दृष्टिगोचर लक्षणों की पहचान

  • पीठ के ऊपरी या निचले हिस्से में लगातार या कभी-कभी दर्द।
  • बैठने-खड़े होने के बाद भूलने जैसे “वहाँ झुकने में मुश्किल” या “उठते समय खिंचाव महसूस” होना।
  • दर्द का पैर-दिशा में जाना (विशेष रूप से नीचे की ओर) — जैसे सिएटिका-प्रकार का दर्द।
  • मुद्रा बदलने पर दर्द में तीव्रता बढ़ना।
  • यदि दर्द के साथ सुन्नपन, कमजोरी या राष्ट्रीय लक्षण हों — तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेना चाहिए।

कैसे बचें और अपनी पीठ को सुरक्षित रखें
सही मुद्रा अपनाएँ — बैठते व खड़े होते समय रीढ़ को सीधा रखें, पैर जमीन-पर रखें।
नियमित व्यायाम व स्ट्रेचिंग — विशेष कर कोर, कमर व पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाना ज़रूरी है।
बैठने-खड़े होने का समय सीमित करें; स्क्रीन-समय नियंत्रित रखें।
वजन नियंत्रित रखें — अतिरिक्त वजन रीढ़ व जोड़-लीगामेंट्स पर अधिक दबाव डालता है।
पोषण-विचार — पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन D, प्रोटीन और मैग्नीशियम लेना हड्डियों व रीढ़ की ग्रंथि स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
धीमा-चल आम जीवनशैली बदलाव — उठ-बैठने में धीरे-धीरे बदलाव करें; अचानक झुकने या मोड़ने से बचें।
• यदि दर्द जारी हो, या नयी स्थिति शुरू हो — तो समय पर चिकित्सकीय जाँच कराएँ।


Back Pain सिर्फ “रोज-का असुविधा” नहीं है — यह आपके रीढ़-कॉलम, मांसपेशियों और जीवनशैली के बारे में संकेत हो सकता है। सही समय पर जागरूक होकर, उपरोक्त कारण-रोकथाम उपायों को अपनाकर आप अपनी पीठ को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें: आपकी रीढ़ आपका आधार है — जितना उस-पर ध्यान देंगे, उतनी ही लंबी और सहज जीवन-यात्रा संभव होगी।


FAQs
Q1. क्या एक सामान्य खिंचाव भी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है?
A1. अक्सर नहीं — लेकिन यदि पीठ दर्द लगातार 4-6 हफ्ते से अधिक हो रहा हो, या उसमें सुन्नपन-कमजोरी जैसे लक्षण हों, तो चिकित्सक से जांच जरूरी है।
Q2. क्या सिर्फ उम्र बढ़ने से पीठ दर्द हो जाती है?
A2. नहीं — यद्यपि उम्र एक कारण है, लेकिन मामला अक्सर जीवनशैली, गतिविधि-हीनता, पोषण व मांसपेशियों की कमजोरी से जुड़ा होता है।
Q3. क्या योग और स्ट्रेचिंग काफी है पीठ दर्द से बचने के लिए?
A3. हाँ — नियमित व्यायाम, स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों-कोर को मजबूत करना बहुत प्रभावी है। पर साथ-में postura व वजन नियंत्रित रखना भी ज़रूरी है।
Q4. क्या ब्रेस या सपोर्ट बेल्ट पहनना सुरक्षित है?
A4. कभी-कभी दर्द के समय मददगार हो सकता है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है — मूल कारणों (जैसे कमजोर मसल्स, गलत मुद्रा) पर काम करना ज़रूरी है।
Q5. मुझे कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
A5. यदि दर्द अचानक बहुत तेज हो गया हो, दबाव-लक्षण हों (जैसे पैर में सुन्नपन), या वजन अचानक घटा हो, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें।

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